रीवा-सीधी के बीच MP की सबसे लंबी सुरंग : अंदर 100 से ज्यादा हाईटेक कैमरे, अंदर गाड़ी बंद होने पर अलर्ट हो जाएगा कंट्रोल रूम, जगह-जगह होगा अनाउंसमेंट

 
रीवा-सीधी के बीच MP की सबसे लंबी सुरंग : अंदर 100 से ज्यादा हाईटेक कैमरे, अंदर गाड़ी बंद होने पर अलर्ट हो जाएगा कंट्रोल रूम, जगह-जगह होगा अनाउंसमेंट

जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में सड़कों के लिए पहाड़ काटकर बनाई जाने वाली सुरंग अब मध्यप्रदेश में भी दिखेगी। प्रदेश की यह सबसे लंबी सिक्सलेन सुरंग (टनल) रीवा-सीधी की मोहनिया घाटी में बन रही है। सुरंग रीवा और सीधी के बीच झांसी-रांची हाईवे 39 पर है। इसका 85% काम पूरा हो गया है। पहाड़ों को काटकर बन रही सुरंग 2300 मीटर लंबी है। एक सुरंग आने के लिए और दूसरी जाने के लिए होगी। सुरंग में 100 से ज्यादा हाईटेक कैमरे भी रहेंगे। यदि कोई गाड़ी अंदर बंद होती है तो तुरंत कंट्रोल रूम अलर्ट हो जाएगा। जगह-जगह अनाउंसमेंट भी होगा। 

मोहनिया टनल प्रोजेक्ट की खास बातें

लागत : रु 1004 करोड़ 

लंबाई  : 23 मीटर दो टनल 

एजेंसी : राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) 

डेडलाइन : मार्च 2023

रीवा-सीधी के बीच MP की सबसे लंबी सुरंग : अंदर 100 से ज्यादा हाईटेक कैमरे, अंदर गाड़ी बंद होने पर अलर्ट हो जाएगा कंट्रोल रूम, जगह-जगह होगा अनाउंसमेंट

प्रदेश का पहला ऐसा कंस्ट्रक्शन जो पहले कभी नहीं हुआ

मध्यप्रदेश में आने जाने के लिए इतनी बड़ी सुरंग कहीं और नहीं है।

एक ही पहाड़ी में नीचे सुरंग, उसके ऊपर नहर और सबसे ऊपर सड़क गुजरेगी। 

100 से अधिक कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। 

जगह-जगह अनाउंसमेंट की व्यवस्था रहेगी, जिससे सतर्क रहने की सूचना दी जा सके।

बीच में ही रास्ता बदल सकेंगे, जाम नहीं लगेगा

सुरंग में एक बार घुस गए और आपको किसी वजह से वापस लौटना है तो इसका भी विकल्प है। 

दूसरा एक दूसरे से 6 जगह जुड़ी हैं आप कहीं से भी यू-टर्न ले कर दूसरी सुरंग में जा सकते हैं। 

आने जाने की दोनों सुरंग में की इतनी चौड़ाई रखी गई है कि जाम न लगे।

फिर भी जाम लगने पर सुरंगों को कनेक्ट होने से रूट डायवर्ट किया जा सकता है।

टनल के अंदर हादसा होता है तो चंद मिनट में मिल जाएगी सहायता

सुरंग के लिए स्पेशल कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है 100 से ज्यादा सीसीटीवी लगेंगे।

अगर सुरंग के अंदर कोई हादसा हो जाता है तो सीसीटीवी की मदद से कंट्रोल रूम में पता चल जाएगा।

एनएचआई की टीम कुछ मिनटों में वहां पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर देगी।

लूट जैसी घटनाओं से निपटने के लिए स्थानीय पुलिस की टीम टनल के अंदर गश्त करेगी।

दीवारों को वाटर प्रूफिंग,100 साल होगा उपयोग

सुरंग में सबसे बड़ी परेशानी पहाड़ से पानी रिसने की है इससे बचने का काम चल रहा है।

अभी दीवारों में वाटर प्रूफिंग के लिए प्लास्टिक कवर लगाया गया है।

सीपेज से आने वाले पानी की निकासी के लिए अंदर ही निकालने की व्यवस्था है।

इस टनल का उपयोग आगामी 100 वर्षों तक किया जा सकेगा। 

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सुरंग में देश के सबसे बड़े सोलर प्लांट से मिलेगी बिजली

सुरंग में 24 घंटे रोशनी रहे और बिजली सप्लाई मिले इसके लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।

सुरंग से आधे किलोमीटर की दूरी पर एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट है।

हर 20 से 30 मीटर दूरी पर लाइट लगाई गई है खराब होने पर सीसीटीवी से पता चल जाएगा।

यहां से दिल्ली मेट्रो को सप्लाई की जा रही है एनएचआई को सस्ती बिजली मिल जाएगी।

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चौड़ाई इतनी की एक साइड तीन ट्रक एक साथ निकलेंगे

इन दोनों सुरंग की सबसे बड़ी खासियत इन की चौड़ाई और ऊंचाई ज्यादा होना है।

इसका फायदा यह होगा कि एक साइड से 3 ट्रक एक साथ निकल सकेंगे। इसके बाद भी स्पेस रहेगा।

दोनों टनल की चौड़ाई करीब 13-13 मीटर और ऊंचाई 6 मीटर रखी गई है।

ऊंचाई 6 मीटर रखी गई है,इसकी वजह से माल लदे ट्रकों को भी दिक्कत नहीं आएगी।

सबसे बड़ा सवाल सुरंग ही क्यों हो जिसका फायदा

अभी रीवा से सीधी जाने के लिए दो रास्ते हैं। पहला मोहनिया घाटी दूसरा चुहिया घाटी।

खड़ी घाटी के कारण ट्रक बीच रास्ते में बिगड़ जाते हैं। कई दिनों तक जाम लगा रहता है। ऐसे में पैसेंजर व्हीकल शॉर्टकट रास्ता अपनाते हैं। इससे हादसे होते हैं और लोगों की जान जाती है। 

पहाड़ की ऊंचाई और लंबाई ज्यादा होने की वजह इसे काटकर सड़क नहीं बनाई जा सकती थी।

इसके बन जाने से रीवा और सीधी की दूरी 7 किलोमीटर कम हो जाएगी।जाम से मुक्ति मिल जाएगी।

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