REWA : अब दूसरे राज्यों में घटना को अंजाम देकर फरार बदमाशों की खैर नहीं, फिंगर प्रिंट बताएगा आरोपी का नाम, चंद मिनटों में मिल जायेगी पूरी कुंडली

 

REWA : अब दूसरे राज्यों में घटना को अंजाम देकर फरार बदमाशों की खैर नहीं, फिंगर प्रिंट बताएगा आरोपी का नाम, चंद मिनटों में मिल जायेगी पूरी कुंडली

रीवा। दूसरे राज्यों में घटनाओं को अंजाम देकर फरार होने वाले बदमाशों को पकडऩा अब पुलिस के भी आसान होगा। पुलिस अब आरोपियों के फिंगर प्रिंट से उनकी पलक झपकते पहचान जुटा लेगी। फिर चाहे वे भारत के किसी भी प्रदेश के रहने वाले क्यो न हो। दरअसल रीवा पुलिस अब नेफिस सिस्टम से जुड़ गई है।

नेफिस सिस्टम से बताएगा आरोपियों का नाम

नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट आईडेंटटीफिकेश सिस्टम नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों का सिस्टम है। इसमें प्रत्येक जिले के सभी थानों में पकड़े जाने वाले अपराधियों के फिंगर प्रिंट अपलोड किये जायेंगे। अभी तक रीवा पुलिस को सिर्फ प्रदेश के अपराधियों की ही जानकारी मिलती थी लेकिन अब पुलिस इस सिस्टम के माध्यम से पूरे देश के किसी भी प्रदेश के अपराधियों की जानकारी पलक झपकते ही प्राप्त कर सकती है। अब पुलिस को घटनास्थल से मिलने वाले अपराधियों के फिंगर प्रिंट इस सिस्टम में अपलोड करने होंगे। उक्त आरोपी यदि देश के किसी भी राज्य में पहले पकड़ा गया है तो उसकी जानकारी पलक झपकते पुलिस के्र सामने आ जायेगी। ऐसे में अब दूसरे राज्य के अपराधियों की पहचान आसान होगी।

अभी तक प्रदेश के अपराधियों की मिलती थी जानकारी

अभी तक बदमाश दूसरे राज्यों में घटनाओं को अंजाम देकर निकल जाते थे और उनसे संबंधित कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं होती थी जिससे उनको पकडऩे में काफी मुश्किलें होती थी लेकिन अब अपराधियों के फिंगर प्रिंट ही पुलिस को उन तक पहुंचा देगी। इस सिस्टम को दो साल पहले शुरू होना था लेकिन कोरोना के चलते इसमें दो साल का विलंब हो गया। रीवा जिला अब नेफिस सिस्टम से जुड़ गया है और इसमें सभी आपराधियों के फिंगर प्रिंट अपलोड किये जा रहे हे।

रीवा में 20 हजार से अधिक अपराधियों की फिंगर प्रिंट है मौजूद

वर्तमान में अब पुलिस द्वारा पकड़े गए हर अपराधी का फिंगर प्रिंट सुरक्षित रखा जाता है। उनका फिंगर प्रिंट एकत्र करना अनिवार्य कर दिया गया है और इसके लिए बकायदे हर थाने में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित भी किया गया है। जिले में बीस हजार के लगभग अपराधियों के फिंगर प्रिंट पुलिस विभाग के पास है। यदि संभाग की बात करें तो इनकी संख्या 50 हजार से अधिक है। ये सभी फिंगर प्रिंट नेफिस सिस्टम में अपलोड किये जा रहे है ताकि रीवा के अपराधी दूसरे राज्यों की पुलिस आसानी से पकड़ सके।

दूसरे प्रदेश के अपराधी मचाते है जिले में कोहराम

दूसरे प्रदेश के अपराधियों से रीवा जिला सदैव ग्रसित रहा है। सबसे ज्यादा यूपी के अपराधी रीवा जिले में लूट, डकैती व मर्डर जैसी घटनाओं को अंजाम देते है। इन अपराधियों का पता लगाने के लिए पुलिस पूरी तरह से यूपी के भरोसे रहती है जिससे कई इनको ट्रेस करने में भी दिक्कत होती है। इसी तरह से दूसरे जिलों के अपराधियों द्वारा भी यहां पर घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। ऐसे में इनको ट्रेस करने में पुलिस को भी आसानी होगी।

पुलिस के काम में मिलेगी मदद

नेफिस सिस्टम से रीवा जिला जुड़ गया है। इसमें सभी अपराधियों के फिंगर प्रिंट अपलोड होते है। इससे दूसरे राज्यों के अपराधियों की पहचन करने में मदद मिलेगी। इस सिस्टम में पूरे देश के अपराधियों के फिंगर प्रिंट मौजूद है। जिले में जो भी अनसुलझे मामले है उन सभी में हम इस सिस्टम की मदद से आरोपियों के पहचान करने का प्रयास करेंगे। अपराधों के खुलासे में यह काफी मददगार साबित होगा।

नवनीत भसीन, एसपी रीवा

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