जानिए आखिर देशभर में क्यों आसमान छू रहे नींबू के दाम : पढ़िए खास रिपोर्ट, क्यों बढ़े थे नींबू के दाम ?

 

जानिए आखिर देशभर में क्यों आसमान छू रहे नींबू के दाम : पढ़िए खास रिपोर्ट, क्यों बढ़े थे नींबू के दाम ?

जयपुर। प्रदेश की राजधानी जयपुर की मुहाना मंडी समेत पूरे देश में नींबू के दामों में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। जो नींबू पिछले महीने तक 250-300 रुपए तक मिल रहा था और जिसके दाम पिछले सप्ताह तक 150 रुपए प्रति किलो थोक भाव में बने हुए थे, उसी नींबू के दाम अब राजस्थान की सबसे बड़ी थोक मंडी यानी मुहाना मंडी में 60 से 80 रुपए किलो तक आ गए हैं। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा अब नींबू के दाम पिछले 2 से 3 दिन में 60 से 80 रुपये प्रति किलो पर आ गए हैं।

मद्रास, महाराष्ट्र और गुजरात से आवक

जयपुर फल व सब्ज़ी थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष राहुल तवंर ने पत्रिका को बताया कि मुहाना मंडी में अब नींबू आवक बढ़ गई है। जिस नींबू की आवक एक समय 40 से 50 टन रोजाना रह गई थी, उसी नींबू की आवक अब 150 से 160 टन प्रति दिन तक हो रही है।

तंवर ने बताया कि महाराष्ट्र के अकोला, श्री कोंडा के साथ अब गुजरात व मद्रास से नींबू आना शुरू हो गया है। तंवर ने बताया कि अब लगातार नींबू के दामों में गिरावट शुरू हो जायेगी और ईद के बाद से ही नींबू दाम पूरी तरह से सामान्य हो जाएंगे। तंवर ने बताया कि मुहाना मंडी की तरह पूरे देश में नींबू की आवक बढ़ते दिख रही है। इस तरह नींबू के दाम कम होने से प्रचंड गर्मी में नींबू-शिकंजी से गला तर करने को तरस रही आम जनता को अब काफ़ी राहत मिलेगी। तंवर ने बताया कि आगामी 15 से 20 दिन बाद मध्यप्रदेश के रतलाम से नींबू की आवक शुरू हो जाएगी, इससे दामों में और कमी आएगी।

अपेक्षाकृत ठंडे प्रदेशों में राहत

प्रदेश के जाने-माने कृषि वैज्ञानिक और विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी में कृषि विभाग के डीन प्रो होशियार सिंह ने बताया कि देश के उन हिस्सों में जहाँ मार्च के पहले सप्ताह में तापमान 32 डिग्री से अधिक तापमान नहीं हुआ था, वहां फूल के बाद फ्रूट सेटिंग यानी दानी बनने की प्रक्रिया भी पूरी हो गई। यानी उत्तर भारत की तरह फूल गिरने या सूखने की समस्या देखने को नहीं मिली, वहां अब नींबू की अच्छी फसल दिख रही है और आगे आने वाले दिनों में यहां से नींबू की भरपूर आपूर्ति देखी जाएगी।

साल में नींबू की आती है दो से चार फसलें

प्रो. सिंह ने पत्रिका को बताया कि नींबू की साल में दो मुख्य फसलें आती हैं। देशी नींबू के चार फसलें भी आती हैं, पर उसमें पैदावार अधिक नहीं होती। सिंह ने बताया कि अब दक्षिण और पश्चिम भारत जैसे मद्रास, महाराष्ट्र और गुजरात में जहां तापमान 31 से 38 डिग्री के बीच बना हुआ है, वहां अब नींबू की अच्छी फसल देखने को मिल रही है। प्रो. सिंह ने बताया कि भारत के उत्तर भारतीय हिस्सों जैसे हिमाचल और उत्तराखंड में भी नींबू की अच्छी फसल देखने को मिल रही है। यहां भी मार्च के पहले सप्ताह में तापमान अधिक नहीं हुआ था।

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