Happy Mother's Day : गली में छेड़ रहे थे लड़के उनको सबक सिखाने माँ ने दिया हौसला, क्रैक किया सिविल जज का एग्जाम : ऐसी है इंदौर निवासी अंकिता की कहानी

 

Happy Mother's Day : गली में छेड़ रहे थे लड़के उनको सबक सिखाने माँ ने दिया हौसला, क्रैक किया सिविल जज का एग्जाम : ऐसी है इंदौर निवासी अंकिता की कहानी

Mother's day special : हम आपको आज ऐसी शख्सियत से रूबरू कराते हैं जिन्होंने गरीब परिवार में जन्म लेकर शून्य से लेकर शिखर तक का सफर तय किया है। तो आईये रीवा न्यूज़ मीडिया के साथ हम आपको बताने जा रहे हैं हाल ही में सिविल जज का एक्जाम क्रैक करने वाली इंदौर की रहने वाली अंकिता नागर की।....

आपको बता दें कि इंदौर में पली-बढ़ी शून्य से लेकर शिखर तक का सफर तय करने वाली अंकिता नागर मूसाखेड़ी इलाके की रहने वाली है जिन्होंने हाल ही में सिविल जज का एक्जाम क्रैक किया है. इनकी मां लक्ष्मी नागर बताती है कि हमारे पास बच्चों को पढ़ाने के लिए पैसों की कमी थी और इस भागदौड़ भरी जिंदगी और बढ़ती महंगाई के दौर में बच्चों को पढ़ा पाना मुश्किल हो रहा था फिर भी बच्चों की पढ़ाई ज्यादा जरूरी थी जहां मां लक्ष्मी नगर अपने तीनों बच्चों की परवरिश के लिए एड़ी से चोटी कर सारा जोर शोर लगा दिया। 

आपको बता दें कि इंदौर निवासी अंकिता नागर की मां सब्जी बेचा करती हैं जो सब्जी बेच बेच कर अपनी बच्चों  को उस मुकाम तक ले गई जहां तक एक आम आदमी को पहुंचना सिर्फ सोचने तक रह जाता है जहां यह सोच सोच नहीं सोच से ऊपर उठकर गई है, वही आपको बता दें कि इंदौर मूसाखेड़ी निवासी लक्ष्मी नागर का मानना है कि हमारे तीन बच्चे हैं जिनमें से दो बेटी हैं और एक बेटा। वही हाल ही में बेटी ने सिविल जज का एग्जाम पास करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

दो बेटियों और एक बेटे की कहानी

आपको बता देगी मां लक्ष्मी नागर अपने तीनों बच्चों की परवरिश के लिए सब्जी तो भेजती थी वही बच्चों की पढ़ाई ना रुके इसलिए कभी-कभी पैसों की कमी को लेकर उन्होंने कई बार रिश्तेदारों से भी कर्ज लेकर बच्चों की परवरिश को रोका नहीं वही अंकिता की मां बताती है कि एक बार मेरी बेटी जब कॉलेज जा रही थी तब गली के  कुछ लड़के मेरी बच्ची पर कमेंट पास कर रहे थे जहां बेटी रोते हुए मुझे यह बताया कि मां जब मैं कॉलेज जा रही थी तब रास्ते में मुझे कुछ लड़के कमेंट पास कर रहे थे और मैं उनका कुछ नहीं कर पाई, जब अंकिता ने अपनी मां को यह सारी बातें बताएं तो मां ने हौसला बढ़ाते हुए अपनी बेटी से कहा तुम ऐसा काम करो की एक दिन ऐसे लोगों को सजा दे सको बस उसी दिन से अंकिता मुकाम तक पहुँचने  और ऐसे मनचलों को सजा देने की ठान ली. मां के आदर्शों का पालन करते हुए अंकिता ने सिविल जज की तैयारी में ध्यान देना शुरू किया और धीरे-धीरे करते-करते अंकिता ने वह मुकाम हासिल कर लिया की आज हाल ही में उन्होंने सिविल जज का एग्जाम क्रैक किया है. एक गरीब परिवार की बच्ची ने यह हासिल कर दिया कि लड़कियां किसी से कम नहीं। 

आपको बता दें कि अंकिता ने एल एल एम (LLM) के बाद सिविल जज की तैयारी पर जोर दिया। 

आपको बता दें कि मां ने अंकिता की पढ़ाई के लिए काफी खर्चा किए हैं और साथ ही साथ उसके भाई ने भी अंकिता की तैयारी को लेकर पैसे भेजा करते थे। जहां भाई रेत का काम करता था और थोड़ा बहुत माता-पिता का और अपनी बहन का भी सहयोग करता था वही मां सब्जी का ठेला लगा दी थी और जब ज्यादा भीड़ होती थी तो मां अंकिता को बुला लेती थी वही जब अंकिता सिविल जज की तैयारी करना शुरू कर दी थी तो मां उसे कम ही बुलाया करती थी वही छोटी बहन की शादी के बाद सही अंकिता के भाई ने रेत का कारोबार शुरू कर दिया था जहां पैसों का सहयोग भी मिल जाया करता था।

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