MPTET परीक्षा में बड़ी धांधली : 10 लाख कैंडिडेट्स का सवाल हमारा क्या कसूर? जांच में खुलासा; घर बैठे हाल हो गए प्रश्न

 

MPTET परीक्षा में बड़ी धांधली : 10 लाख कैंडिडेट्स का सवाल हमारा क्या कसूर? जांच में खुलासा; घर बैठे हाल हो गए प्रश्न

प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (व्यापमं) की शिक्षक भर्ती वर्ग-3 यानी MPTET परीक्षा में बड़ी धांधली हुई। वायरल हुए एक स्क्रीनशॉट की जांच कर रही संस्था मैप आईटी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में रोल नंबर 23165920 के जिस परीक्षार्थी का पर्चा वायरल बताया गया है, वह सोचे-समझे और संगठित तरीके से सेंधमारी थी। जिस सिस्टम का यह स्क्रीन शॉट है, वह परीक्षा दे रहे स्टूडेंट का सिस्टम से सीधे नहीं लिया गया था। नियम विरुद्ध तरीके से एक अतिरिक्त कम्प्यूटर को सेंटर के सर्वर से इंटरनेल लैन के जरिए जोड़ा गया।

इससे एग्जाम दे रहे स्टूडेंट का सिस्टम रिमोट एक्सेस पर आ गया। फिर इसी अनधिकृत सिस्टम (जिसमें इंटरनेट सुविधा थी) को कैंपस के बाहर किसी तीसरे कम्प्यूटर पर एनी डेस्क के जरिए ऑनलाइन शेयर कर दिया गया। ऐसे में बाहर बैठा तीसरा शख्स बगैर केंद्र पर आए ही इस पर्चे को ऑनलाइन हल करता रहा। उसी बाहर वाले सिस्टम का यह स्क्रीनशॉट था जिसमें टूल बार दिखाई दे रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार परीक्षा केंद्र पर स्टूडेंट को मिलने वाले कम्प्यूटर सिस्टम स्क्रीन में इंटरनेट नहीं रहता है लेकिन वह एक सेंट्रल सर्वर से जुड़ा होता है। इसी सेंट्रल सर्वर से एक अतिरिक्त कम्प्यूटर को पहले जोड़ा गया। यह स्टूडेंट्स को आवंटित सिस्टम में शामिल नहीं है। बावजूद उसे सर्वर से जोड़ा गया।

यानी परीक्षा केंद्र का सिस्टम पर कोई मूवमेंट नहीं था लेकिन तीसरे सिस्टम से बाहर से सवाल सॉल्व हो रहे थे। हालांकि प्रारंभिक जांच में सिर्फ उसी सिस्टम की जांच हुई है, जिससे स्क्रीनशॉट बाहर आया था। जांच में परीक्षार्थी के अलावा, इनविजिलेटर और परीक्षा ऑपरेशन का काम देख रही कंपनी एडुक्वेटी की भी मिलीभगत उजागर हुई है। साथ ही ये भी बताया गया है कि परीक्षा संचालन करने वाली एजेंसी के सिक्योरिटी फॉयरवॉल भी इतनी बड़ी परीक्षा के लिए मुफीद नहीं हैं।

यहां यह भी बता दें कि सागर के जिस परीक्षा सेंटर ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड सांइसेज में ये गड़बड़ी हुई, ये कॉलेज प्रदेश सरकार के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का है। शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा वर्ग 3 की परीक्षा में 10 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए थे। पीईबी के अधिकारी इस जांच रिपोर्ट के परीक्षण की बात कर रहे हैं लेकिन वे ये नहीं बता रहे हैं कि जांच रिपोर्ट का वे क्या परीक्षण कराएंगे।

जानिए, कैसे हुई परीक्षा में गड़बड़ी

A परीक्षार्थी काे आवंटित असली मशीन। बॉयोमेट्रिक अथेंटिकेशन के बाद रेंडमली मशीन आवंटित होती है।

B परीक्षा केंद्र की A मशीन लोकल नेटवर्क के रिमोट डेस्क पर ले ली गई। लोकल नेटवर्क यानी परीक्षा केंद्र के जितने सिस्टम उस नेटवर्क से जुड़े हों। इसी में एक एक्सट्रा सिस्टम एड कर वह मशीन रिमोट पर ले ली गई। लेकिन यहां उसे सॉल्व करने की कोई सुविधा नहीं।

C फिर B सिस्टम रिमोट डेस्कटॉप एप्लीकेशन एनीडेस्क के माध्यम से तीसरे हाथों में पहुंच गया। यहीं पर A परीक्षार्थी को आवंटित सिस्टम पर प्रश्न पत्र सॉल्व होता रहा।

कैसे पकड़ में आई गड़बड़ी (स्क्रीन शॉट)

जिस वायरल पर्चे को स्क्रीनशॉट बताया जा रहा था, वो एग्जाम सेंटर के बाहर का है। लेकिन उसमें दिख रहे सवाल वहीं हैं, जो एग्जाम सेंटर के सिस्टम पर थे। सायबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायरल पर्चे के ऊपरी हिस्से में दिख रहे टॉप बार में ही ये सच छिपा है। गौर से देखने पर पता चलता है कि ये स्क्रीनशॉट एग्जाम सेंटर की मशीन का नहीं है। ये बाहर की मशीन का है, जिसमें एनीडेस्क जैसे किसी एप्लीकेशन का बार और नीचे विंडो टॉस्क बार भी डिस्प्ले हो रहा है। यदि ये एग्जाम सेंटर की मशीन का होता तो पेपर के अलावा उसमें कुछ नहीं दिखता।

किस--किसकी भूमिका उजागर हुई

परीक्षार्थी– रोल नंबर 23165920, परीक्षा पास होने के लिए गलत तरीका अपनाया।

इनविजिलेटर– 25 मार्च को परीक्षा के दिन इनविजिलेटर ने सिस्टम को रिमोट एक्सेस देने में मदद की।

परीक्षा एजेंसी– एडुक्वेटी, सिस्टम इतना फुलप्रूफ नहीं कि इसमें सेंधमारी न हो पाए। एप्लीकेशन के सिक्योरिटी फॉयरवाल का एक्सेस एग्जाम सेंटर को भी मिला हुआ था।

जांच के बाद ये पता चलेगा कि इसमें और किन-किन लोगों की भूमिका थी। इसी आधार पर इनके खिलाफ एफआईआर होगी। प्रोफेशनल एग्जामिनिशन बोर्ड के चेयरमैन मलय श्रीवास्तव का कहना है कि जांच रिपोर्ट का परीक्षण चल रहा है। एफआईआर के सवाल पर उन्होंने नाराज होते हुए कहा कि एक बार परीक्षण हो जाए, इसके बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।

परीक्षा पर भी सवाल…

जांच रिपोर्ट के बाद अब भर्ती परीक्षा पूरी तरह सवालों में घिर गई है। पहले पीईबी अधिकारियों ने कहा था कि प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के पर्चे का स्क्रीनशॉट अगर ड्यूरिंग एग्जाम का निकलता है, तो परीक्षा के संबंध में भी कार्रवाई होगी। हालांकि अब अधिकारी इस रिपोर्ट का परीक्षण कराने की बात कर रहे हैं।

ग्वालियर के छात्र को ट्रेन में मिला था लीक पर्चा

ग्वालियर के एक छात्र मदन मोहन दोहरे 25 मार्च को भोपाल के रायसेन रोड स्थित एक स्कूल में MP-TET की परीक्षा देने गया था। जब वह लौट रहा था, तो उसे धौलपुर का एक एजेंट मिला। उसने मोबाइल में पूरा पेपर दिखा दिया। 100 % पेपर मैच कर रहा था। दोहरे ने उसके मोबाइल से उस पर्चे का फोटो खींचा था। फिर यह वायरल हुआ। इसके बाद पीईबी ने इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश की। बात बढ़ी तो मैपआईटी को जांच दे दी गई। अब मैपआईटी ने भी अपनी रिपोर्ट दे दी है।

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