MP : "गांव की सरकार" 22 साल की पोस्ट ग्रेजुएट बहू बनी निर्विरोध सरपंच : पहली बार महिला, अनुभव और युवा जोश तीनों का संगम

 

MP : "गांव की सरकार" 22 साल की पोस्ट ग्रेजुएट बहू बनी निर्विरोध सरपंच : पहली बार महिला, अनुभव और युवा जोश तीनों का संगम

राजधानी भोपाल से 10Km दूर आदमपुर छावनी पंचायत की कमान अब महिलाओं के हाथ होंगी। पहली बार सरपंच और 20 पंच निर्विरोध चुने गए। ये सभी महिलाएं हैं। 22 साल की कृष्णा रावत सरपंच चुनी गई हैं। वे पोस्ट ग्रेजुएट हैं, और उन्होंने MA की डिग्री हासिल की है। कृष्णा की डेढ़ साल पहले ही शादी हुई। घर में चौका-चूल्हा संभाल रही थीं, अब पूरी पंचायत की कमान अपने हाथ में लेंगी। पंचायत में पहली बार महिला, अनुभव और युवा जोश तीनों का संगम देखने को मिलेगा।

भोपाल के फंदा जनपद की आदमपुर छावनी की आबादी करीब 4 हजार है। पहले इसमें छावनी पठार गांव भी शामिल था, जिसे अलग कर नई पंचायत बनाया गया है। भोपाल से जुड़ी होने से यह पंचायत कई मुद्दों को लेकर चर्चा में रहती है। इस बार यह निर्विरोध और महिला पंच-सरपंच के चुने जाने से सुर्खियों में आ गई है। संभवत: प्रदेश की पहली पंचायत है, जहां पंच-सरपंच सभी महिलाएं होंगी, सभी निर्विरोध चुनी गईं और गांववालों ने इसके लिए मीटिंग की हों। पिछली बार सगुनबाई सरपंच थीं, लेकिन पंचों में पुरुष भी शामिल रहे थे। पिछले चुनाव में यहां वोटिंग हुई थी।

ऐसे आया आइडिया

कृष्णा की डेढ़ साल पहले आदमपुर छावनी के रोहित रावत से शादी हुई। उन्होंने सोचा नहीं था कि वह ससुराल का चौका-चूल्हा संभालते-संभालते गांव की बागडोर अपने हाथों में ले लेंगी। कृष्णा के जेठ प्रशांत ठाकुर पिछली बार उप सरपंच थे। इस बार सरपंच पद OBC (मुक्त) के लिए आरक्षित था। प्रशांत चाहते तो सरपंच के लिए मैदान में उतर सकते थे, लेकिन उन्होंने बहू को सरपंच बनाने की ठान ली।

प्रशांत ने बताया, उन्हें आइडिया आया कि क्यों न घर की महिला सरपंच की बागडोर संभाले। फिर यह बात परिजनों को बताई। सभी ने बहू को सरपंच बनाने की सहमति दी। इसके बाद गांव के लोगों के साथ बैठे। उन्होंने भी बहू के नाम पर सहमति दे दी। 4 जून को सरपंच का नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन के आखिरी दिन तक कृष्णा को छोड़ अन्य किसी ने भी दावेदारी नहीं की।

फिर मिसाल कायम कर दी

प्रशांत ने बताया, बहू का नामांकन दाखिल करने के बाद गांव के वरिष्ठ लोगों से फिर रायशुमारी की गई। पंच के 20 पदों पर महिलाओं को ही उतारने की बात सोची। वरिष्ठजनों ने इस पर सहमति दी। पूर्व पंच समेत गांव की 20 महिलाओं से बात की। फिर उनके डॉक्युमेंट्स जमा किए। पंच पदों पर एक-एक नामांकन ही दाखिल हुए। इसलिए सभी निर्विरोध चुन ली गईं। मिसाल कायम करने के बाद गांव में जश्न का माहौल है।

कृष्णा ने बताए वे काम जो करवाएंगी

निर्विरोध सरपंच चुनी गईं कृष्णा ने बताया, गांव में आंगनवाड़ी केंद्र नहीं है। सबसे पहले आंगनवाड़ी के लिए प्रयास करूंगी। गांव में पक्की सड़कें और नालियों का निर्माण कराया जाएगा। नल-जल योजना को और बेहतर ढंग से चलाएंगे। ताकि, घरों में पानी पहुंच सके। निर्माणाधीन गोशाला को जल्द पूरा कराएंगे। इससे गोवंश इधर-उधर नहीं भटकेंगे। गांव के लोगों की सहमति से विकास कार्य करवाएंगे।

15 लाख रुपए से करेंगे गांव का विकास

प्रदेश में निर्विरोध पंचायत को 15 लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा CM शिवराज सिंह चौहान कर चुके हैं। चूंकि, आदमपुर छावनी जिले की पहली निर्विरोध पंचायत बन गई है, इसलिए इसे यह पुरस्कार मिलने की उम्मीद है। सरपंच के लिए एक मात्र प्रत्याशी कृष्णा ने बताया, पुरस्कार की राशि गांव के विकास में लगाएंगे।

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