DAVV INDORE : नई एजुकेशन पॉलिसी के आधार पर जो सेकंड ईयर में फेल हुए, उन्हें दोबारा उसी क्लास में पढ़ने का निर्णय करेगा उच्च शिक्षा विभाग

 
DAVV INDORE : नई एजुकेशन पॉलिसी के आधार पर जो सेकंड ईयर में फेल हुए, उन्हें दोबारा उसी क्लास में पढ़ने का निर्णय करेगा उच्च शिक्षा विभाग

MP NEWS : देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी (Devi Ahilya University) से संबद्धता प्राप्त 295 से ज्यादा कॉलेजाें के भविष्य का निर्णय अब उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) करेगा। यूनिवर्सिटी (University) की तरफ से इनकी जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को भेज दी गई है। ये वे छात्र हैं जाे हाल ही में घोषित यूजी सेकंड ईयर की परीक्षा में फेल हो गए या एटीकेटी आई है। इन छात्रों से कहा गया था कि अब इन्हें दाेबारा से फर्स्ट ईयर में एडमिशन लेना हाेगा।

तर्क दिया गया कि सेकंड ईयर में नई एजुकेशन पॉलिसी के सिलेबस से पढ़ाई हाेगी। इस कारण पुराने छात्राें काे कैसे पढ़ाएंगे। पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा था कि सभी काेर्स की बाेर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक बुलाकर फाइनल निर्णय लेंगे, लेकिन यह समस्या प्रदेश की हर यूनिवर्सिटी की है, इसलिए उसने मामला उच्च शिक्षा विभाग के समक्ष पहुंचा दिया।

यह है तकनीकी समस्या, इसलिए बढ़ी उलझन

2021-2022 में इंदाैर सहित प्रदेश में नई एजुकेशन पॉलिसी (new education policy) लागू हुई। इसकी शुरुआत यूजी फर्स्ट ईयर से हुई। जिन छात्राें ने इस सत्र में प्रवेश लिया था, उनकी परीक्षा इसी माह शुरू हुई है। ये छात्र रिजल्ट आने पर पास हाेकर सितंबर में सेकंड ईयर की क्लास अटेंड करेंगे, जबकि सेकंड ईयर की जाे परीक्षा मार्च 2022 में हुई तथा रिजल्ट अब आया है। इन छात्राें का कॉलेज में प्रवेश 2020-21 के सत्र में हुआ था। तब नई एजुकेशन पॉलिसी (new education policy) लागू नहीं हुई थी।

इस साल 2022 में सेकंड ईयर में भी नई एजुकेशन पॉलिसी (new education policy) लागू हाे गई है। ऐसे में फेल हाेने वाले छात्राें की पढ़ाई नए सिलेबस से कैसे संभव हाेगी। इसी कारण उन्हें दाेबारा फर्स्ट ईयर में एडमिशन लेने के लिए कहा गया था। छात्रों का कहना था की इससे तो उनका एक साल अतिरिक्त बिगड़ जाएगा, क्योंकि यह साल पहले ही सेकंड ईयर में फेल हाेने की वजह से खराब हाे चुका है।

नई एजुकेशन पॉलिसी में प्रवेश लेने वालों के लिए सिस्टम ही अलग है

2021 सत्र में नई एजुकेशन पॉलिसी (new education policy) में प्रवेश लेने वाले छात्रों का पूरा सिस्टम ही अलग है। बीकॉम, बीए और बीएससी, के साथ ही बीबीए और बीसीए जैसे यूजी काेर्स में पहले छह परचे हाेते थे, लेकिन अब 9 हाे रहे हैं। पहले फाउंडेशन काेर्स में कुल तीन विषय थे, लेकिन नई एजुकेशन पॉलिसी में चार हाे गए हैं। पहले तीन मूल विषयाें के साथ फाउंडेशन ग्रुप हाेता था। नई एजुकेशन पॉलिसी में हर छात्र को एक इलेक्टिव, दाे मैजर, एक माइनर और एक जेनरिक विषय चुनना अनिवार्य है। परीक्षा नियंत्रक, डीएवीवी प्राे. अशेष तिवारी का कहना है अब उच्च शिक्षा विभाग जो निर्णय लेगा उसे लागू करेंगे।

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