नव भारत साक्षरता : प्रदेश के एक लाख सरकारी स्कूलों की स्कूल मैनेजमेंट को अब अक्षरों से लेकर गिनती, पहाड़े आदि सिखाए जायेंगे
स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के 1.20 लाख मेंबर्स असाक्षर
MP NEWS : प्रदेश के एक लाख सरकारी स्कूलों की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के 1.20 लाख असाक्षर मेंबर्स को अब साक्षर बनाया जाएगा। इन्हें हिंदी वर्णमाला के अक्षरों से लेकर गिनती, पहाड़े आदि सिखाए जाएंगे। साथ ही ब्लैक बोर्ड पर लिखवाया जाएगा, ताकि पता चल सके कि इन्होंने क्या सीखा। स्लैट भी दी जाएगी, ताकि ब्लैक बोर्ड पर लिखे पहाड़े, गिनती को याद कर सके।
छोटे-छोटे सवालों के जरिए उन्हें अक्षर एवं अंक का ज्ञान कराया जाएगा। ये अनूठी क्लास अक्टूबर में प्रदेश भर के स्कूलों एवं पंचायत भवनों में लगेगी। इसका मकसद शिक्षित बनाने के साथ व्यवहारिक ज्ञान कराना है। साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराना है, ताकि वे इनका लाभ ले सकें।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम प्रोजेक्ट के तहत कवायद
ये सब केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत होगा। असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए प्रदेश में नए प्रयोग करने का निर्णय हुआ है। इसके तहत अब स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों की स्पेशल क्लासेस लगेगी। क्लासेस लगाने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है। पहले इस मुहिम का नाम साक्षर भारत कार्यक्रम था। नई शिक्षा नीति में इसका नाम बदलकर नव भारत साक्षरता कार्यक्रम कर दिया गया है।
इस कमेटी में ये लोग शामिल
प्रदेश में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी हैं। ऐसी एक कमेटी में कुल 18 मेंबर्स हैं। इनमें 14 सदस्य स्टूडेंट्स के पालक हैं। इस कमेटी में स्कूल के हेड मास्टर, स्कूल की सीनियर महिला शिक्षक, संबंधित वार्ड का एक पार्षद या पंच स्थानीय निकाय के प्रमुख द्वारा नामित सदस्य हैं। इसके अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी स्टूडेंट्स के पालक ही होते हैं। इनमें एक महिला का होना जरूरी है। कमेटी का कार्यकाल दो साल का होता है।
स्किल डेवलपमेंट के लिए मोटिवेट करेंगे
जो वोकेशनल कोर्सेस पढ़ना चाहेंगे, उन्हें वह पढ़ाया जाएगा। स्किल डेवलपमेंट के लिए मोटिवेट करेंगे। इन लोगों को केंद्र और राज्य की सभी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर इनका क्या और कैसे लाभ लिया जा सकता है, यह भी सिखाया जाएगा।
इन लोगों को निरक्षर नहीं, असाक्षर बोला जाएगा
स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के ज्यादातर सदस्य साक्षर नहीं हैं, ये पता लगने पर इन्हें साक्षर बनाने का फैसला हुआ है। इसके लिए विशेष कक्षाएं लगाकर पढ़ाई कराई जाएगी।
-राकेश दुबे, प्रोजेक्ट स्टेट कंट्रोलर