12वीं पेपर लीक का मामला : टेलीग्राम ग्रुप में शामिल होने वाले 35 हजार स्टूडेंट्स मिले, 600 स्टूडेंट से साढ़े तीन लाख ठगे,4 टीचर्स गिरफ्तार

 
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Education Paper Leak Accused Arrested : माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश की बोर्ड परीक्षाओं का सोशल मीडिया के जरिए पेपर बेचने वाले गिरोह का क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। आरोपी के टेलीग्राम ग्रुप में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 35 हजार स्टूडेंट्स मिले हैं। आरोपी से प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने अकेले 600 स्टूडेंट से करीब साढ़े तीन लाख रुपए ठगे हैं। शनिवार को भोपाल में एमपी बोर्ड के 12वीं का पेपर लीक करने के आरोप में चार टीचर्स को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस इसी गिरोह से जुड़े एक अन्य आरोपी को कस्टडी में लेकर भी पूछताछ कर रही है। जबकि, दो आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम सर्च कर रही हैं। पुलिस को अब तक 10-12 टेलीग्राम ग्रुप की जानकारी मिली है, जिनमें पेपर बेचने का गोरखधंधा चल रहा है। आरोपी पिछले दो साल से इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस उससे अन्य परीक्षाओं को लेकर भी पूछताछ कर रही है।

डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित कुमार ने बताया कि मंडीदीप, रायसेन निवासी कौशिक दुबे पिता श्याम कुमार दुबे को गिरफ्तार किया है। वह B.Com थर्ड ईयर का स्टूडेंट है। आरोपी ने टेलीग्राम ग्रुप में बोर्ड एग्जाम पेपर का एक लिंक जनरेट कर 600 से 1000 रुपए में स्टूडेंट को बेचा। उसने 600 छात्रों को पेपर देकर 3.5 लाख रुपए की ठगी की है। आरोपी के पास 1 बैंक पासबुक, मोबाइल, 2 सिमकार्ड बरामद हुए हैं।

बता दें, शुक्रवार को 10वीं का अंग्रेजी का पेपर भी लीक हुआ था। इससे पहले 1 मार्च से ही सोशल मीडिया पर लगातार बोर्ड की परीक्षाओं के पर्चे लीक किए जा रहे हैं। हालांकि, इस मामले में बोर्ड ने 4 मार्च को पुलिस कमिश्नर भोपाल को शिकायत की थी। फिर इसमें भोपाल और भिंड में मामले भी दर्ज हुए।

वारदात का तरीका
आरोपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर माध्यमिक शिक्षा मंडल के मोनो का उपयोग कर फर्जी ग्रुप बनाया। इसके बाद 10वीं, 12वीं के प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के नाम पर पैसा वसूलता था। पैसे प्राप्त होने के बाद स्टूडेंट को पेपर उपलब्ध कराता था। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पेपर टेलीग्राम ग्रुप MP BOARD HELP से प्राप्त करता था।

कब-कब सोशल मीडिया पर पर्चे आए सामने

  • 1 मार्च को हुआ दसवीं का पहला पेपर एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर सामने आया।
  • 11 मार्च को दसवीं का गणित का पेपर 21 मिनट पहले सोशल मीडिया पर सामने आया।
  • 14 मार्च को दसवीं का संस्कृत का पर्चा 50 मिनट पहले सोशल मीडिया पर आ चुका था।

पेपर लीक कांड में चार शिक्षक गिरफ्तार
इधर, शनिवार को भोपाल में छापेमारी में एमपी बोर्ड की 12वीं की केमिस्ट्री पेपर लीक करने के आरोप में चार टीचर्स को गिरफ्तार किया गया है। विद्यासागर स्कूल में परीक्षा में ड्यूटी कर रहे इन चारों शिक्षकों ने परीक्षा हॉल से पेपर की फोटो खींचकर वायरल किया था।

जानकारी के मुताबिक स्कूल के लेक्चरर पवन सिंह, विश्वनाथ सिंह, महिला सुप्रिटेंडेंट और सहायक सुप्रिटेंडेंट को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने बताया कि छात्रों को नकल कराने के मकसद से उन्होंने पेपर का फोटो खींचकर वायरल किया था।

4 मार्च को पुलिस से हुई शिकायत

इसके अलावा 12वीं का हिंदी, अंग्रेजी और बायोलॉजी का पेपर भी सोशल मीडिया पर सामने आया। माशिमं सचिव ने बताया, हमने 4 मार्च को पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा था। यह शिकायतें हमने सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ की थीं। इसके अलावा हम लगातार पुलिस को सभी तरह के एविडेंस भी दे रहे हैं, जो भी हमें सोशल मीडिया आदि से मिल रहे हैं।

अब तक 9 केंद्राध्यक्षों व सहायक केंद्राध्यक्षों पर कार्रवाई

  • हुकुम चंद लिटोरिया, प्रचार्य, शासकीय हाई स्कूल सिगौरा ब्लॉक घाटीगांव, जिला ग्वालियर।
  • बल सिंह चौहान, शिक्षक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बोकराटा, बड़वानी।
  • दिलीप सिंह अवस्या, शिक्षक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लिंबी, बड़वानी।
  • रमाशंकर अहिरवार, टीचर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक ईंटखेड़ी, रायसेन।
  • निर्भय सिंह मवैदी, टीचर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक बीकलपुर, रायसेन।
  • रेखा बैरागी, टीचर, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जीरापुर राजगढ़।
  • राम सागर शर्मा, टीचर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, राजगढ़।
  • विवेक कुमार लिटोरिया, टीचर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, लश्कर जिला ग्वालियर।
  • धनराज पाटीदार, टीचर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पीपल्याकुलसी, राजगढ़।

बड़ा सवाल: क्या फिर से होंगे बोर्ड के पेपर?

पुलिस के खुलासे, केंद्राध्यक्षों व सहायक केंद्राध्यक्षों पर विभागीय कार्रवाई से साफ हो चुका है कि पेपर लीक हुए हैं। भले ही माध्यमिक शिक्षा मंडल इस मामले को अफवाह बताकर पल्ला झाड़ता रहा है, लेकिन, बड़ा सवाल है कि क्या फिर से माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड एग्जाम कराएगा। यदि पेपर नहीं हुए तो लीक हुए पेपर पढ़कर परीक्षा देने वाले स्टूटेंड न सिर्फ पास होंगे, बल्कि वह टॉपर्स बन जाएंगे। इससे पढ़ने वाले छात्रों का नुकसान तय है।

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