मध्य प्रदेश में एक हजार से अधिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ चल रही विभागीय जांच
भोपाल। विभागीय दायित्वों का ठीक प्रकार से निर्वहन नहीं करने पर प्रदेश के करीब 1200 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। इसके दायरे में सबसे अधिक पुलिसकर्मी चंबल जोन से हैं। यहां 146 पुलिसकर्मियों पर विभिन्न् आरोप लगे हैं। वहीं, सबसे कम जांच के मामले सीआइडी, नारकोटिक्स से है। यहां एक-एक जांच ही लंबित है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, दिसंबर 2020 तक आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर के 1122 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी जांच के दायरे में हैं। इसके अलावा उप पुलिस अधीक्षक स्तर के करीब 70 अधिकारियों के खिलाफ जांच की जा रही है। सबसे अधिक शिकायतें चंबल जोन से है तो दूसरे स्थान पर सागर जोन है।
यहां 142 पुलिसकर्मी विभिन्न् मामलों में आरोपित हैं। इसके अलावा एक वर्ष से लंबित जांच की संख्या प्रदेश में 451 है। एक वर्ष से अधिक समय से लंबित जांच में सबसे अधिक संख्या सागर जोन (84) की है तो दूसरे नंबर पर चंबल जोन (70) है। इसके अलावा एक वर्ष से अधिक लंबित विभागीय जांच के 96 मामलों में कोर्ट से स्थगन मिला हुआ है।
शिकायतों का स्वरूप
जिन पुलिसकर्मियों पर विभागीय जांच चल रही है, उन पर दायित्वों का ठीक से निर्वहन नहीं करना, शराब पीकर उत्पात मचाना, छेड़छाड़, रिश्वत जैसे आरोप हैं। बताया गया है कि इन पुलिसकर्मियों से आरोपों पर उनका पक्ष मांगा गया है। जिन कर्मचारियों ने अपना पक्ष रख दिया है। उनका प्रतिपरीक्षण जारी है।
जोनवार विभागीय जांच की स्थिति
पुलिस जोन लंबित जांच की संख्या
सागर 142
चंबल 146
इंदौर 97
भोपाल 96
ग्वालियर 93
उज्जैन 89
रीवा 81
जबलपुर 79
एसएएफ (विशेष सशस्त्र बल) ग्वालियर 50
शहडोल 49
एसएएफ जबलपुर 41
होशंगाबाद 31
बालाघाट 21
एसएएफ इंदौर 23
एसएएफ भोपाल 23
स्पेशल ब्रांच 24
रेलवे 18
प्रशिक्षण 08
टेलीकॉम 05
आरएपीटीसी (पुलिस प्रशिक्षण केंद्र) 03
सीआइडी 01
नारकोटिक्स 01
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो 01
इनका कहना
लंबित मामलों में आरोपों पर पक्ष लिया जा रहा है। जिनका पक्ष आ चुका है, उनका प्रतिपरीक्षण किया जा रहा है। प्रयास यही है कि सभी मामलों की जांच जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए।
अन्वेष मंगलम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, प्रशासन