Amrit Mission 2.0 : केंद्र से 1665 करोड़ रुपए की राशि मिली, आगामी 2 साल में जल प्रदाय योजनाओं के काम हो जाएंगे पूरे

 
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प्रदेश में आगामी 2 साल में जल प्रदाय योजनाओं के काम पूरे हो जाएंगे। टंकियां और अन्य निर्माण कार्य भी पूरे कर लिए जाएंगे। केंद्र से अमृत मिशन 2.0 के लिए 1665 करोड़ रुपए की राशि मिली है। इस राशि से 101 नगरीय निकायों में जल प्रदाय के लिए गुरुवार को राज्य तकनीकी समिति ने स्वीकृति दे दी है। इनमें अधिकांश की जनसंख्या 1 लाख से ज्यादा है।

ग्वालियर में चंबल से पानी लाने की योजना के लिए 325 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है, जबकि खंडवा और रतलाम की पेयजल योजनाओं के लिए 100-100 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है। भोपाल में नर्मदा जल सप्लाई के लिए जो छूटे हुए इलाके हैं, वहां जल प्रदाय योजना की डीपीआर प्राप्त होने पर स्वीकृति मिलेगी। अमृत मिशन 2.0 की खासियत यह होगी कि आगामी 2 साल में इस राशि से सिर्फ पेयजल की योजनाओं को पूरा किया जाएगा। राशि सीवरेज या अन्य कामों में खर्च नहीं की जाएगी।

ऐसे होगा अमृत मिशन 2.0 में काम

21 अक्टूबर 2022 को स्वीकृत हुई पानी सप्लाई की 19 योजनाओं की लागत राशि 425.83 करोड़ रुपए खर्च होगी।
7 निकायों की परियोजनाओं में 11.79 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जबकि 46 निकायों में 994 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
नदी-तालाब और अन्य स्रोतों की भी सफाई
76 निकायों में जल सप्लाई योजनाओं को पूरा किया जाएगा, जबकि 25 निकायों में जहां से भी पानी लिया जाता है, उनमें नदी, तालाबों की सफाई पर 39 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जल संरचनाओं को पूरा करने की अवधि 1 साल रखी गई है। नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि घर-घर नल-जल पहुंचाने के लिए जल स्रोतों का कायाकल्प किया जाएगा।

सीवरेज के लिए तीन स्तरीय समिति बनेगी

अमृत मिशन के पहले चरण में सीवरेज जल-मल निकासी के कामों में ठेकेदारों ने सेप्टिक टैंक के बजाय सीवरेज की आउट लाइन से ही कनेक्शन कर दिए थे, जिससे इस योजना पर ही सवालिया निशान लग गया था। यह काम सिर्फ कंसल्टेंट के भरोसे छोड़ दिया गया था। आगे इस तरह की गड़बड़ी न हो, इसलिए नगरीय निकाय की एजेंसी पीडीएमसी और पीआईयू के अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।

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