पढ़िए प्रदेशभर की 5 बड़ी खबरें : बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री सहित परिवार वालों को मिली जान से मारने की धमकी

 
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आज दिनभर कौन-कौन सी बड़ी खबरें रहीं, जो आपके लिए जानना जरूरी हैं।

TODAY MP NEWS : बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को परिवार सहित जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी अमर सिंह नाम के व्यक्ति ने उनके चचेरे भाई को फोन पर दी। उसने कहा- धीरेंद्र शास्त्री की परिवार सहित तेरहवीं की तैयारी कर लो। बमीठा पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।

SP ने कहा कि ऐसी आशंका है कि धमकी देने वाले ने किसी और नाम से फोन किया है। मामले की जांच के लिए 25 लोगों की SIT गठित की है। इसमें अनुविभागीय अधिकारी भी शामिल हैं। बागेश्वर धाम की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। धीरेंद्र शास्त्री की सिक्योरिटी को अलग से ब्रीफ किया जाएगा कि किस तरह से उसे सतर्कता बरतना है।

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बमीठा पुलिस ने बताया कि धीरेंद्र शास्त्री के चचेरे भाई लोकेश गर्ग ने जान से मारने की धमकी की शिकायत दर्ज कराई है। लोकेश गर्ग को फोन किया गया था। लोकेश के पिता रामवतार गर्ग की ओर से दिए गए शिकायती आवेदन में बताया है कि अमर सिंह ने फोन पर कहा- अपने परिवार के लोगों की तेरहवीं की तैयारी कर लो। पुलिस अधिकारी माले की जांच में जुटे हुए हैं।

गढ़ा के रहने वाले रामवतार ने शिकायत में बताया- 22 जनवरी को रात 9.15 बजे उनके मोबाइल पर कॉल आया। कॉल रिसीव किया तो कोई अज्ञात व्यक्ति बोला कि धीरेंद्र से बात कराओ। रामवतार ने पूछा कौन धीरेंद्र? अज्ञात व्यक्ति ने कहा- बागेश्वर वाले धीरेंद्र शास्त्री से बात कराओ। इस पर रामवतान ने कहा- हमारी पहुंच उन तक नहीं है, जो आपकी बात करा दें। फिर फोन करने वाले ने धमकी दी। बोला- परिवार सहित धीरेंद्र शास्त्री की तेरहवीं की तैयारी कर लेना। इस पर रामवतान ने पूछा- क्यों कर लेना? आप कौन बोल रहे हैं? कॉलर ने अपना नाम अमर सिंह बताया। इसके बाद फोन काट दिया।

बता दें, आज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री फ्लाइट से रायपुर से खजुराहो पहुंचेंगे। यहां गढ़ा ग्राम स्थित बागेश्वर धाम जाएंगे। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने दिसंबर 2022 में कहा था कि उनकी जान लेने के लिए विदेशों में साजिश की जा रही है।

नागपुर में भी 13 जनवरी तक उनकी कथा का आयोजन होना था। वे 11 जनवरी को ही लौट आए। इसके बाद से ही उन्हें लेकर विवाद बढ़ता गया। नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को सबके सामने अपनी शक्ति साबित करने की चुनौती दी थी। इस मामले पर पूरे देश में हंगामा मच गया है। अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने कहा कि जब बागेश्चर धाम सरकार को चमत्कार साबित करने के लिए चुनौती दी गई है तो कथा बीच में ही छोड़कर वह चले गए। 30 लाख रुपए का चैलेंज दिया गया था।

जगद्गुरु रामभद्राचार्य बोले- भोजपाल नाम नहीं हो जाता, तब तक भोपाल नहीं आऊंगा

भोपाल में श्रीराम कथा के पहले दिन जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा, जब तक भोपाल का नाम भोजपाल नहीं होता, तब तक अगली कथा करने नहीं आऊंगा। भोजपाल नगरी के राजा भोज पालक थे। जब सरकार होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम कर चुकी है। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो गया है, फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया है, तो भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल क्यों नहीं किया जा सकता? मैं अपने अनुज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहूंगा कि विधानसभा चुनाव के पहले इसका नाम बदल दें।

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भेल दशहरा मैदान में नौ दिवसीय श्रीराम कथा 31 जनवरी तक चलेगी। कथा की शुरुआत सीताराम संकीर्तन से हुई। श्रीराम कथा के दौरान जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने बताया कि वे अभी तक 1360 कथा कर चुके हैं। भोपाल में होने वाली कथा 1361वीं है। बता दें, जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु हैं। पं. धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति की चुनौती के बाद से चर्चा में हैं।

रामभद्राचार्य महाराज ने कथा के दौरान युवाओं को सही दिशा और मार्गदर्शन देने की बात कहते हुए महाराज ने कहा कि लव जिहाद के नाम पर हिंदू लड़कियों को फंसाया जा रहा है। युवाओं को सही दिशा और मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है। युवाओं को राम के पथ पर चलने की जरूरत है। किसी को चेहरे से नहीं अपने चरित्र से प्रभावित करो।

जबलपुर में मां और 5 साल की बेटी जिंदा जलीं

जबलपुर में मां और 5 साल की बेटी जिंदा जल गईं। आग रजाई-गद्दा बनाने के कारखाने में लगी। मां अपने काम लगी हुई थी, बेटी पास ही खेल रही थी। इतने में दो मंजिला इमारत में बने कारखाने को लपटों ने घेर लिया। रजाई-गद्दे धू-धू कर जले। मां अपनी बच्ची को लेकर भाग पाती, धुएं के कारण दम घुटने से वहीं बेहोश हो गईं। मौके पर ही दोनों ने दम तोड़ दिया।

पुलिस का कहना है कि घटना के समय मां-बेटी ही कारखाने में थीं। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की वजह सामने आई है। फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। जिला प्रशासन ने मृतक के परिवार को 4-4 लाख रुपए की मदद देने की घोषणा की है। घटना शहर के मक्का नगर इलाके की है।

हनुमान थाना अंतर्गत मुस्लिम बाहुल्य इलाके मक्का नगर में असलम मंसूरी का रजाई-गद्दे बनाने का कारखाना है। कारखाना दो मंजिल इमारत में है। आज सुबह अचानक यहां आग लग गई। 25 साल की नगीना अपनी 5 साल की बेटी हिना को लेकर काम पर पहुंची थी। बताया जा रहा है कि वैसे तो कारखाने में 6 से 7 मजदूर काम करते हैं, लेकिन आज सिर्फ नगीना ही काम पर पहुंची थी। नगीना गद्दे बना रही थी, बेटी करीब ही खेल रही थी। इतने में रजाई-गद्दों ने आग पकड़ ली।

स्थानीय लोग अपने स्तर से आग बुझाने की कोशिशों में जुट गए। फायर ब्रिगेड को भी सूचना दे दी गई। रजाई-गद्दों के ढेर होने की वजह से आग तेजी से फैल गई। लपटों और धुएं से इमारत घिर गई। फायर ब्रिगेड की टीम एक घंटे बाद पहुंची। जब तक आग को बुझाया गया, तब तक अंदर मां-बेटी दम तोड़ चुकी थीं।

मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और स्थानीय विधायक लखन घनघोरिया मौके पर पहुंचे। उन्होंने बिजली विभाग को घटना के लिए जिम्मेदार बताया। पूर्व मंत्री ने कहा कि घटना को लेकर कहीं न कहीं बिजली विभाग की लापरवाही है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। घनी बस्तियों में कहां बिजली लाइन में चूक है, इसकी जांच होना चाहिए। मुआवजा तो अपनी जगह है, लेकिन इसमें कौन सा विभाग, कौन सा व्यक्ति दोषी है, उस पर कार्रवाई करना चाहिए।

CSP अखिलेश गौर के मुताबिक, बड़ी भयानक आग लगी थी। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई है। घटना के समय मां-बेटी ही कारखाने में थे। आग लगने का वास्तविक कारण क्या रहा, इसकी जांच की जा रही है। कारखाना दो मंजिला है। मां-बेटी पहले फ्लोर पर थीं।

बैतूल में नवजात को जबड़े में दबाकर घूम रहा था कुत्ता

मध्यप्रदेश के बैतूल में दिल दहला देने वाली घटना हुई। यहां एक कुत्ता एक नवजात को जबड़े में दबाकर घूम रहा था। कुत्ते ने उसके पैर की एक उंगली भी कुतर दी। खून से लथपथ नवजात जिंदा था। लोगों ने जैसे-तैसे कुत्ते से नवजात को छुड़ाया और अस्पताल पहुंचाया। बच्चे की हालत गंभीर है। उसे जिला अस्पताल के एसएनसीयू में रखा गया है।

मामला बैतूल जिले के आठनेर में ग्राम सातनेर गांव का है। सोमवार शाम गांव के ही बीच नदी की झाड़ियों में नवजात को कोई छोड़ गया था, जिसे आवारा कुत्ते ने उठा लिया। कुत्ता झाड़ियों से निकालकर उसे गांव में लेकर घूम रहा था, जिसे तुरंत छुड़ाकर एम्बुलेंस की मदद से सीएचसी भेजा गया। यहां से बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बच्चे की हालत अभी नाजुक बनी हुई है।

एसएनसीयू प्रभारी डॉक्टर आयुष के मुताबिक बच्चा लगभग 12 घंटे का है। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। कंटीली झाड़ियों में फेंकने की वजह से उसे पीठ, पेट और छाती में चोट लगी है। उसके उल्टे पैर की तीसरी उंगली कुत्ते ने खा ली है, जिससे बहुत खून बह गया है। बच्चे के दिल की धड़कन न के बराबर चल रही है।

आठनेर थाना प्रभारी विजय प्रकाश महोरे ने बताया कि सूचना मिली थी कि सातनेर गांव में अज्ञात नवजात झाड़ियों में मिला है और बाद में कुत्ता उसे मुंह में दबाकर घूम रहा है। नवजात को देखकर लग रहा है कि डिलीवरी के बाद उसे फेंक दिया गया है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई है।

MP के 70 हजार बिजलीकर्मी स्ट्राइक पर

मध्यप्रदेश के 70 हजार से ज्यादा बिजलीकर्मी मंगलवार से हड़ताल पर चले गए। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाइज एवं इंजीनियर्स के बैनरतले उन्होंने कामों का बहिष्कार कर दिया। वे न तो लाइन फॉल्ट सुधार रहे हैं और न ही नए बिजली कनेक्शन दे रहे। ऐसे में आम लोगों के सामने मुश्किलें बढ़ जाएंगी। मंगलवार सुबह 11 बजे से भोपाल के गोविंदपुरा में धरना भी दिया जा रहा है। आउटसोर्स कर्मचारी पहले ही हड़ताल पर चल रहे हैं। जिसका समर्थन भी यूनाइटेड फोरम कर चुका है। इधर, हड़ताल पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बैठकर चर्चा करेंगे।

संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारी 21 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं। यूनाइटेड फोरम ने उनका समर्थन किया है। फोरम के प्रवक्ता लोकेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 24 जनवरी से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। प्रदेश के बोर्ड, नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मी अपनी मांगों को पूर्ण कराने के संबंध में महाआंदोलन में शामिल हो रहे हैं। भोपाल के गोविंदपुरा में धरना प्रदर्शन शुरू किया है।

फोरम के प्रदेश संयोजक केएस परिहार ने बताया कि इससे पहले 6 जनवरी को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले थे, लेकिन में एनआरआई मीट के चलते यह स्थगित कर दी गई थी। हमें आश्वासन दिया गया था कि 15 दिन के भीतर मुख्यमंत्री के समक्ष बैठक कराई जाएगी, लेकिन यह अवधि बीत गई। अब तक कोई बैठक नहीं हुई और न ही मांगों पर विचार किया गया। इसी बीच 21 जनवरी से आउटसोर्स कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। वे कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं। फोरम उनकी मांगों का समर्थन करता है। मंगलवार से हमने भी कार्यों का बहिष्कार शुरू कर दिया।

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