Deputy CM राजेंद्र शुक्ल ने लिया बड़ा एक्शन : डॉ अरुणा कुमार प्राध्यापक, स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग की सेवाओं के आदेश को निरस्त करने के दिए निर्देश

 
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भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच एक बार फिर राजधानी के गांधी मेडिकल कालेज में जूडा ने हडताल का ऐलान कर दिया है। हालांकि फिलहाल सिर्फ गायनिक विभाग के जूनियर डॉक्टर्स ने काम बंद करने का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि जूडा सरकार से डॉ अरुणा कुमार की पदस्थापना का आदेश वापस लेने की मांग कर रहे हैं। जूडा ने चेतावनी देते हुए ये भी कहा है कि अगर आदेश जल्द वापस नहीं लिया गया तो सभी 450 जूडा हड़ताल पर चले जाएंगे। बता दें कि अरुण कुमार वही डॉक्टर हैं जिन पर जूनियर डॉक्टर डॉ बाला सरस्वती को प्रताड़ित करने का आरोप है।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने डॉ. श्रीमती अरुणा कुमार, प्राध्यापक, स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग की सेवाओं के संबंध में जारी आदेश को निरस्त करने के दिए निर्देश। संवेदनशील विषय एवं लंबित जाँच संज्ञान में आते ही त्वरित कार्यवाही। राज्य शासन द्वारा पूर्व आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश जारी। डॉ. अरूणा कुमार, प्राध्यापक, स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग का संलग्नीकरण संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा में यथावत रहेगा।

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मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में जारी ट्रांसफर ऑर्डर में डॉ अरुणा कुमार को गायनी विभाग के हेड तौर पर पदस्थ किया है। डॉ अरुणा कुमार की आमद होते ही गांधी मेडिकल कॉलेज गायनी विभाग में हड़कंप मच गया और जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया है। गौरतलब है कि बीते साल एक अगस्त को बाला सरस्वती ने घर में एनेस्थीसिया के इंजेक्शन लगाकर खुदकुशी कर ली थी। सुबह पति उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

मृतका के मोबाइल से सुसाइट नोट मिला था। सुसाइड नोट में बाला सरस्वती ने लिखा था कि री थीसिस मैं कभी पूरी नहीं कर पाऊंगी और ये लोग मुझे कभी भी दोबारा नहीं जी पाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए यदि मैं अपना खून और आत्मा लगा दूं और अपना सब कुछ दे दूं तो यह उनके लिए कभी भी पर्याप्त नहीं होगा। आपकी मर्जी के विरुद्ध इस कालेज में प्रवेश करना चुना।

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