MP NEWS : कमलनाथ का आरोप; खुलासा ना हो सके इसलिए स्पीकर गिरीश गौतम ने जीतू का कर दिया निलंबन

 
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Madhya Pradesh Vidhan Sabha Update : विधानसभा में जीतू पटवारी को बजट सत्र की बाकी अवधि तक सस्पेंड किए जाने से कांग्रेस बिफरी हुई है। स्पीकर गिरीश गौतम के खिलाफ कांग्रेस आज अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। गुरुवार को स्पीकर गिरीश गौतम ने पटवारी के निलंबन का फैसला सुनाया था। इसके बाद विपक्ष ने गिरीश गौतम के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पीसीसी चीफ कमलनाथ से लेकर मप्र के सभी कांग्रेस विधायकों ने जीतू पटवारी के साथ खडे़ रहकर सदन में लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भोपाल दौरे को देखते हुए सत्ता पक्ष भी सतर्क है।

कमलनाथ ने कहा, हमारे अध्यक्ष (गिरीश गौतम) जो निष्पक्ष होने चाहिए, उन्होंने जीतू पटवारी का निलंबन किया। इसका मतलब ये हमारी आवाज रोकना चाहते हैं। हमें बोलने नहीं देना चाहते। ये नहीं चाहते कि इनकी बातों का खुलासा हो। ये संविधान और हमारे प्रजातंत्र के लिए बहुत दुखद दिन है। निलंबन कोई मुद्दा नहीं है। आवाज रोकना, ये मुद्दा है।

कमलनाथ बोले- पहले से तय था जीतू का निलंबन

कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी पर हुए एक्शन पर कमलनाथ ने कहा- मप्र की विधानसभा का बहुत दुखद दिन है। विधानसभा और लोकसभा का मुझे सालों का अनुभव है, पक्ष हो या विपक्ष। विपक्ष के सवालों का सरकार जवाब देती है। हमारे साथी जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कई मुद्दे उठाए। कई ऐसे मुद्दे थे, जिसका जवाब विधानसभा में दिया गया। जीतू ने कहा- बीजेपी कार्यालय में सरकारी पैसे से खाना खिलाया गया। ये जीतू पटवारी ने नहीं कहा, ये तो प्रश्न के जवाब में उत्तर मिला है।

कमलनाथ ने आगे कहा, पटवारी ने कर्ज की बात उठाई। लगभग 4 लाख करोड़ का कर्ज लिया गया। 75 करोड़ रुपए प्रतिदिन का ब्याज लग रहा है। ये 24 हजार करोड़ रुपए प्रति साल का ब्याज है। रिजर्व बैंक ने नोटिस देकर संपत्ति की नीलामी की। हमारा सवाल है कि ये कर्ज क्यों लिया जा रहा है? बडे़-बडे़ ठेके दें, इन ठेकों में एडवांस दें और उससे अपना कमीशन लें। हमारे साथी जीतू पटवारी ने हवाई जहाज पर हुए खर्च का सवाल उठाया। इन पर जवाब देने के बजाय जीतू पटवारी पर जो कार्रवाई हुई, वो पहले से तय थी। इन्होंने पहले से तय कर रखा था कि हम सत्र नहीं चलने देंगे।

सीएम और उनकी पत्नी पर टिप्पणी अमर्यादित मानी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी पर परोक्ष रूप से की गई टिप्पणी को अमर्यादित मानते हुए विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को पूरे बजट सत्र से निलंबित कर दिया था। पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रखा था। इस पर मौखिक वोटिंग कराकर फैसला हुआ।

ऐसे चला घटनाक्रम

राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते समय पटवारी ने सीधी बस हादसे के वक्त मुख्यमंत्री के रीवा, जबलपुर, फिर रीवा-सीधी आने-जाने का जिक्र किया। उन्होंने बंदर की कहानी सुनाई। बंदर को राजा बताते हुए पेड़ पर उछल-कूद करने की बात कही। फिर दूध का उत्पादन घटने पर सीएम की पत्नी पर परोक्ष टिप्पणी की।
पटवारी ने जामनगर (गुजरात) में बन रहे अंबानी के जू में इंदौर जू के बाघ, शेर देने का मामला उठाया। इतना बोलते ही नरोत्तम और पटवारी आमने-सामने आ गए। इस कथन को झूठा बताकर नरोत्तम कागज पटल पर रखने के लिए अड़ गए। विपक्ष को जवाब देने के लिए 5 मिनट के लिए सदन स्थगित की गई।

पटवारी ने बाद में कागज पटल पर रखे, जिसे स्पीकर ने कहा कि सदन में कहे गए बयान और कागजों में भिन्नता है। विवाद बढ़ा तो सत्ता पक्ष के लोग पटवारी पर कार्रवाई के लिए अड़ गए। स्पीकर ने पटवारी से कहा कि वे खेद व्यक्त कर दें। पटवारी तैयार नहीं हुए। इसके बाद पटवारी को निलंबित कर दिया गया।

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