MCU University PP Sir Death : नहीं रहे पत्रकारों के गुरु, देर रात हार्ट अटैक से निधन, CM शिवराज ने ट्वीट कर शोक जताया

 
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माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक पुष्‍पेंद्र पाल सिंह नहीं रहे। सोमवार देर रात हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया। पुष्‍पेंद्र पाल सिंह को छात्र पीपी सर के नाम से बुलाते थे। उनके पढ़ाए हुए छात्र आज देश और दुनिया के प्रमुख पत्रकारिता संस्थानों मुख्य पदों पर हैं। आज दोपहर 12.30 बजे भदभदा विश्रामघाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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CM शिवराज ने ट्वीट कर शोक जताया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार सुबह ट्ववीट करते हुए लिखा- हिंदी पत्रकारिता जगत के लिए बड़ी क्षति। श्री पुष्पेंद्र पाल सिंह जी मेरे लिए एक मित्र और परिवार की तरह थे, उनका असमय जाना मेरी व्यक्तिगत क्षति है। एक योग्य, सरल और कर्मठ व्यक्तित्व, जिन्हें जो भी जिम्मेदारी दी गई, उसे उत्कृष्टता के साथ उन्होंने पूरा किया। श्री पुष्पेंद्र पाल सिंह जी अपने आप में पत्रकारिता का एक संस्थान थे। उन्होंने प्रदेश और प्रदेश के बाहर पत्रकारिता के अनेकों विद्यार्थी गढ़े। विद्यार्थियों के बीच 'पीपी सर' के नाम से प्रसिद्ध एक योग्य गुरु का जाना स्तब्ध कर गया। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत श्री पुष्पेंद्र पाल सिंह जी को अपने श्री चरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। वे अपने कार्यों और विचारों के माध्यम से सदैव हम सबके हृदय में रहेंगे।

कमलनाथ ने कहा, पुष्पेंद्र पाल सिंह व्यक्ति नहीं, संस्था थे

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया- पत्रकारिता एवं जनसंपर्क में मध्यप्रदेश में अपना अद्वितीय स्थान रखने वाले श्री पुष्पेंद्र पाल सिंह के असमय निधन का समाचार प्राप्त हुआ। श्री सिंह व्यक्ति ही, नहीं संस्था थे। पत्रकारों की पूरी पीढ़ी तैयार करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति एवं परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।

सरकार के रोजगार अखबार के संपादक थे

  • प्रो. पुष्‍पेंद्र पाल सिंह पब्लिक रिलेशंस सोसायटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआइ) के मप्र चैप्टर के अध्यक्ष भी थे।
  • इसके अलावा साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से भी उन्‍हें गहरा लगाव था।
  • 2015 में वे मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग में मुख्यमंत्री के ओएसडी नियुक्त हुए।
  • सरकार के रोजगार अखबार रोजगार और निर्माण के संपादक भी थे।
  • माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष रह चुके हैं।

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