MP कांग्रेस सरकार का बड़ा ऐलान : 23 से 60 साल के बीच कमजोर परिवार की विवाहित महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए

 
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शिवराज सरकार चुनावी साल में महिलाओं को बीजेपी (bjp) से जोड़ने के लिए लाड़ली बहना योजना (ladli bhena yojna) लान्च करने जा रही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chauhan) के जन्मदिन 5 मार्च को इस योजना की शुरुआत होगी। लाड़ली बहना योजना (ladli bhena yojna) के जरिए 23 से 60 साल के बीच की आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की विवाहित महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए दिए जाएंगे। शिवराज सरकार की इस योजना की लॉन्चिंग के पहले कांग्रेस ने भी नया दांव चला है।

एमपी कांग्रेस (mp congress) ने सोशल मीडिया के जरिए मप्र की महिलाओं को हर महीने डेढ़ हजार रुपए देने का ऐलान किया है। एमपी कांग्रेस के इस ऐलान के बाद नई बहस शुरु हो गई है। PWD मंत्री गोपाल भार्गव (pwd minister gopal bhargav) ने कांग्रेस के इस ऐलान पर तंज कसते हुए कहा कहा ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी।

सीएम हाउस में हुई विधायक दल की बैठक

सीएम हाउस (cm house) में बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने विधायकों से विकास यात्रा भी पूछे और मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना में सक्रियता के साथ जुटने को कहा। हितग्राहियों से व्यापक सम्पर्क हमारी विराट विजय की राह आसान करेगा। 5 मार्च को जंबूरी मैदान में एक बड़ा कार्यक्रम होगा, जिसमें मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना लॉन्च की जायेगी। 23 मार्च को मौजूदा सरकार के 3 साल पूरे होने पर उत्सव मनाया जायेगा।

सीएम बोले- हमारे पास अस्त्र शस्त्रों की कमी नही

हमने समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए जन कल्याण के अनगिनत काम किये है, इसलिए हमारे अस्त्र-शस्त्रों की कमी नही है। आज जो आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत हुआ है उसने नंबर वन मध्यप्रदेश की इबारत लिख दी है। यह बात आज विधायक दल की बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कही। बैठक को प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा (State President Vishnudutt Sharma and State Organization General Secretary Hitanand Sharma) ने भी संबोधित किया।

सीएम ने दिया आर्थिक सर्वेक्षण का ब्यौरा
विधायक दल की बैठक में सीएम शिवराज ने कहा कि आर्थिक विकास दर में हम देश में सबसे आगे हैं। सकल घरेलू उत्पाद 2001-02 में 71 हजार 594 करोड़, जो बढ़कर 13 लाख 22 हजार करोड़ हो गया है। अब इससे अंदाज लगा सकते हैं, हमारी जीएसडीपी किस गति से आगे बढ़ रही है। प्रति व्यक्ति आय यदि देखें तो 2001-02 में 11 हजार 718 रुपये थी जो 2011-12 में बढ़कर 38 हजार 497 रुपए हुई, 2022-23 1 लाख 40 हजार 500 रुपए हो गई है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ने का मतलब है लोगों के पास लगातार आय के साधन बढ़ रहे हैं।

ऋण और जीएसडीपी का जो अनुपात है, 2005 में यह अनुपात वो 39.5 प्रतिशत था, लेकिन कोविड महामारी के बावजूद 2020-21 में 22.6 प्रतिशत हो गया है। यह अपने आप में सिद्ध करता है कि जीएसडीपी के अनुपात में ऋण का प्रतिशत लगातार घटा है। अगर आप देखेंगे तो पिछले साल हमारा पूंजीगत व्यय 37 हजार 89 करोड़ रुपए था, हमने एक साल में उसे 23.18 प्रतिशत बढ़ाया है। अब बढ़कर हो गया है 45 हजार 685 करोड़ रुपए। औद्योगिक विकास दर जो 2001-02 में -0.61 प्रतिशत थी। 2022-23 में यह बढ़कर 24 प्रतिशत हुई। यह अभूतपूर्व वृद्वि है। अगर आप राजस्व संग्रहण की बढ़ती हुई गति को देखेंगे तो हमने लगातार राज्य के करों का संग्रह भी बढ़ाया है और 3 वर्षों में यह 7.94 प्रतिशत है। मतलब हम अपने राजस्व स्टेट का कर लगातार बढ़ाते चले जा रहे है ।

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