MP News : मोहन सरकार ने राज्य के सरकारी अफसरों से संपत्ति का ब्योरा देने का जारी किया आदेश, मंत्रालय कर्मचारियों को भी देना होगा संपत्ति का विवरण

 
edgg

भोपाल: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने राज्य के सरकारी अफसरों से संपत्ति का ब्योरा देने का आदेश जारी किया है, जिससे उनकी संपत्ति के बारे में नई जानकारी सामने आ सकती है। इस निर्णय के तहत राज्य के विभिन्न प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से अपनी संपत्ति का विवरण मांगा गया है। यह कदम सरकार की पारदर्शिता को बढ़ाने और अफसरों की संपत्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

किसे देना होगा संपत्ति का ब्योरा?
राज्य में कुल 459 आईएएस अफसरों में से 382 कार्यरत हैं, जबकि 319 आईपीएस अफसरों में से 271 और 296 आईएफएस अफसरों में से 215 कार्यरत हैं। इन सभी अफसरों से उनकी संपत्ति का विवरण मांगा गया है। इसके अलावा, सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने मंत्रालय में पदस्थ कर्मचारियों और मंत्रियों के स्टाफ से भी संपत्ति की जानकारी मांगी है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 31 जनवरी 2025 तक अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन जमा करना होगा।

संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन करना होगा
मध्य प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है कि सभी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों को अपनी संपत्ति का ब्योरा केंद्रीय कार्मिक प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को ऑनलाइन भेजना होगा। इसके साथ ही, उन्हें अपनी पैतृक संपत्ति और उसके वर्तमान बाजार मूल्य की जानकारी भी देनी होगी। यह कदम अफसरों की संपत्ति की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि यह पता चल सके कि वे कितने संपत्ति वाले हैं।

मंत्रालय कर्मचारियों को भी देना होगा संपत्ति का विवरण
सिर्फ अफसरों ही नहीं, बल्कि मंत्रालय में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों से भी उनकी संपत्ति का ब्योरा मांगा गया है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सभी कर्मचारी और मंत्री कर्मचारियों को 31 जनवरी 2025 तक अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन अपलोड करना होगा। इसके साथ ही, उन्हें इसकी हार्ड कॉपी भी सरकार को जमा करनी होगी। इस ब्योरे में संपत्ति खरीदने और उसके मौजूदा बाजार मूल्य का भी उल्लेख करना होगा।

क्यों लिया गया यह कदम?
यह कदम राज्य सरकार द्वारा अफसरों और कर्मचारियों के बीच पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सरकारी अफसरों की संपत्ति के स्रोत और मूल्य के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके। यह कदम मध्य प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों का हिस्सा हो सकता है, जिसके तहत अधिकारियों की संपत्ति पर नजर रखी जाएगी।

मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम सरकारी अफसरों की संपत्ति के बारे में नई जानकारी हासिल करने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। अब सभी अफसरों और मंत्रालय कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा 31 जनवरी 2025 तक ऑनलाइन और हार्ड कॉपी दोनों रूपों में देना होगा, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि वे कितने संपत्ति वाले हैं।

Related Topics

Latest News