MPPSC EXAM 21 MAY : एक पद के लिए 600 से ज्यादा आवेदक, एग्जाम सेंटर पर क्या ले जा सकते हैं, क्या नहीं?

 
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मप्र लोक सेवा आयोग (MPPPSC EXMAS) की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2022 (प्री-एग्जाम) 21 मई को होगी। 427 पदों के लिए यह परीक्षा हो रही है। इनमें डिप्टी कलेक्टर से लेकर जीएसटी इंस्पेक्टर तक के पद हैं। 695 एग्जाम सेंटर पर 2.62 लाख कैंडिडेट्स बैठेंगे। एक पद के लिए 600 से ज्यादा आवेदक हैं। हजारों कैंडिडेट्स बिना प्रोफेशनल तैयारी के भाग्य आजमाते हैं। यह होड़ क्यों, आखिरी वक्त में क्या कर सकते हैं, क्या बातें जरूरी हैं -

पहले इस एग्जाम को पूरी तरह समझ लीजिए

यह मध्य प्रदेश सरकार की स्थायी नौकरी वाले पद हैं। 427 पदों के लिए रिकॉर्डतोड़ 2.62 लाख आवेदन आए हैं। सबसे बड़ी पोस्ट डिप्टी कलेक्टर की होती है। उसके बाद डीएसपी, परियोजना अधिकारी, सहायक संचालक जैसे पद होते हैं। सबसे छोटा पद जीएसटी इंस्पेक्टर या नायब तहसीलदार का होता है। छोटे पद हर साल परीक्षा में जरूरत के हिसाब बदल जाते हैं, लेकिन बड़ा पद डिप्टी कलेक्टर या डीएसपी का होता ही है। मध्य प्रदेश में हर साल 25 डिप्टी कलेक्टर और 25 डीएसपी के लिए भर्ती परीक्षा होती ही है।

डिप्टी कलेक्टर बन गए तो आगे क्या चांस है

सबसे छोटा पद नायब तहसीलदार का होता है। उसे सामान्य स्थिति में तहसीलदार पद पर प्रमोशन के लिए कम से कम पांच साल लगते हैं। तहसीलदार से एसडीएम यानी डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए करीब 20 साल लग जाते हैं। डिप्टी कलेक्टर से आईएएस अवार्डी यानी कलेक्टर बनने के लिए 20 साल की जरूरत है। इतनी बड़ी जॉब टाइमिंग बहुत कम लोगों की होती है।

यदि रिजर्व कैटेगरी से हैं तो आगे क्या फायदा

यदि रिजर्व कैटेगरी के हैं तो जॉइनिंग के समय तो फायदा है ही, प्रमोशन में भी पद की डिमांड के हिसाब से मौके मिल जाते हैं। 5 से 7 साल का अंतर आ जाता है। इसमें जॉब के समय का आरक्षण और प्रमोशन में आरक्षण दोनों का असर पड़ता है। यदि प्रमोशन के लिए रिजर्व कैटेगरी के पद खाली हैं तो जल्दी मौके मिलेंगे, नहीं है तो समय के हिसाब से।

अब एग्जाम और उसकी तैयारी के बारे में जान लीजिए

1. एग्जाम में बमुश्किल एक या डेढ़ दिन बचा है? पढ़ाई या रिवीजन के लिहाज से क्या करना चाहिए?
डिटेलिंग या रिसर्च का वक्त खत्म हो चुका है। आपको किसी नई रिसर्च पर बिल्कुल नहीं जाना चाहिए। क्योंकि एग्जाम फैक्ट्स पर केंद्रित होती हैं, ऐसे में नई रिसर्च से पुरानी तैयारी में भटकाव आ जाएगा।

2. फिर क्या कर सकते हैं इस आखिरी वक्त में?
इस दौरान कई मॉक टेस्ट उपलब्ध होते हैं, उन्हें जुटाना चाहिए। यह टेलीग्राम वगैरह पर आसानी से मिल जाते हैं। यह ध्यान रखिएगा कि आपको इन मॉक टेस्ट को हल करने में नहीं फंसना है। बल्कि इनमें से सिर्फ उन प्रश्नों को आइडेंटिफाई कर लेना है जो आपके लिए बिल्कुल नए हों, कभी पढ़ने-देखने में न आएं हो या करंट अफेयर्स को मध्य प्रदेश का सामान्य ज्ञान हो। उन्हें एक बार देख लीजिए। दोहरा रहा हूं कि इन मॉक टेस्ट को पूरा हल करने मत बैठ जाइएगा।

3. और कोई खास बात?
करंट अफेयर के 25 से 30 प्रश्न होते हैं। ऐसे में करंट अफेयर्स के नोट्स पर सरसरी नजर मार लीजिए जो बिल्कुल नए हों, जिसमें आप किसी किताब का नाम या और कोई बात याद न कर पाएं हों।

4. एग्जाम देने जाने के लिए भी तैयारी करना है, उसे कैसे मैनेज करेंगे?
यदि आप जिला मुख्यालय से बाहर के हैं तो कोशिश करिए कि एग्जाम के एक दिन पहले ही उस शहर में पहुंच जाएं। शाम को घूमते हुए अपना एग्जाम सेंटर जरूर देख आइए। पहला पर्चा सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक चलेगा। दूसरा दोपहर सवा दो से 4 बजे तक होगा। सभी जिलों में यह परीक्षा हो रही है।

5. एग्जाम सेंटर पर क्या ले जा सकते हैं, क्या नहीं?
परीक्षा टाइम के एक घंटे पहले सेंटर पर आना होगा। परिचय पत्र और एडमिट कार्ड साथ में लाएं। जिनके एडमिट कार्ड में फोटो मिस प्रिंट है, तो वे दो पासपोर्ट साइज फोटो जरूर साथ लाएं। अपनी साइन वाला आईडी कार्ड भी लाना जरूरी है। अपने साथ पानी की पारदर्शी बोतल साथ ला सकते है।

6. पेपर हल करने का कोई अच्छा तरीका? सरल और कठिन दोनों तरह के प्रश्न आते हैं?
पेपर को तीन राउंड में हल करने की कोशिश करना चाहिए। पहला- सभी सरल प्रश्न देख चेक कर लीजिए। टिक लगाने से पहले उन्हें दोबारा पढ़िएगा। कई बार जल्दबाजी में एक अंक इधर से उधर हुआ तो पूरा प्रश्न गलत हो जाता है। दूसरा- कठिन प्रश्नों को कौन बनेगा करोड़पति की तरह हल करना ठीक होता है। आपके सामने चार ऑप्शन होते हैं, उनमें तर्कों के आधार पर गलत विकल्पों को हटाएंगे तो आप सही उत्तर के ज्यादा करीब पहुंच सकते हैं। यानी गलत जवाब को फ्लिप करने से शुरू कीजिए और गलत से सही क्रम की ओर बढ़कर आखिर जवाब को चुनिए। यानी आपको फोकस करना है कि यह जवाब इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि.. जो भी कारण हों.. वो आपको डीपली सोचना चाहिए।

7. एग्जाम पास करने के लिए कटऑफ मार्क क्या रहेगा?
आरक्षित वर्ग के लिए 30% और सामान्य कैंडिडेट के लिए 40% मार्क लाना अनिवार्य है। तभी वह कटआफ सूची में आता है।

8. यदि जरूरी अंक आ जाते हैं तो क्या मैं मेन्स एग्जाम के लिए पात्र हो जाऊंगा?
नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है। जितने भी कुल पदों के लिए भर्ती हो रही हैं, उनका 20 गुना कैंडिडेट्स को मैरिट के आधार पर चयन किया जाता है। वे ही मेन्स एग्जाम में भाग लेने के लिए पात्र होते हैं। यूं कह सकते हैं कि 427 पदों के लिए एग्जाम है तो 8500 से ज्यादा कैंडिडेंट्स मैंस के चयनित किए जाएंगे।

9. प्री यदि क्लीयर हो जाता है तो आगे क्या होगा?
आपको मेन्स एग्जाम में बैठने का मौका मिलेगा। उसका सिलेबस अलग होता है। छह पेपर फिर से होंगे। उस एग्जाम में भी कट ऑफ वही रहता है। आरक्षित के लिए 30% और सामान्य के लिए 40% अंक जरूरी होती है। कुल पदों के लिहाज से 3 गुना कैंडिडेट्स यानी 1200 से ज्यादा का चयन इंटरव्यू के लिए होगा। जितने पद हैं उतने इंटरव्यू के बाद फाइनली सिलेक्ट कर लेंगे जबकि उनके नीचे की मेरिट में से पदों का 25% वेटिंग लिस्ट में रखा जाएगा। यदि कोई चयनित कैंडिडेट किसी कारण से जॉइन नहीं करता है तो उसी लिस्ट में सबसे ऊपर के क्रम से मौका मिलेगा।

10. कोई परेशानी आए तो क्या करें
आयोग ने प्रदेश के 10 संभागीय केंद्रों पर दस संभागीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। उनके मोबाइल नंबर, नाम, पद आयोग की वेबसाइड पर अपलोड कर दिए गए है। संबंधित पर्यवेक्षक से संपर्क कर सकते है, आपकी परेशानियों को हल करेंगे। vigoffpsc@mp.gov.in पर मेल भी कर सकते हैं।

जाने कहां कितने एग्जाम सेंटर और कितने अभ्यर्थी

इंदौर में 103 एग्जाम सेंटर पर करीब 40 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे।

ग्वालियर में 66 एग्जाम सेंटर है जिसमें करीब 24 हजार ज्यादा अभ्यर्थी शामिल होंगे।

जबलपुर में 41 एग्जाम सेंटर बनाए है, जिसमें करीब 18 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे।

भोपाल में 51 एग्जाम सेंटर बनाए है, जिसमें करीब 24 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे।

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ओबीसी को मध्य प्रदेश सरकार कितना आरक्षण देती है

2019 में ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 पर्सेंट कर दिया गया है लेकिन इसके हिसाब से एक बार भी नौकरी नहीं दी गई है। सरकार सिर्फ 87% सफल कैंडिडेट को ही सिलेक्ट करती है। 13 पर्सेंट की दो लिस्ट बनती है। एक सामान्य की, दूसरी ओबीसी की। मामला कोर्ट में है। उनका मानना है कि जब भी फैसला होगा यदि ओबीसी को 27 पर्सेंट आरक्षण मान्य हुआ तो उन्हें जॉइनिंग लैटर देंगे। यदि कैंसिल हो गया तो सामान्य वालों को। 2019 के बाद से एक भी MPPSC की परीक्षा का साफ नतीजा नहीं आया है। 2020 का फाइनल जल्द आ सकता है जबकि 2021 इस साल अंत तक। 2022 की अभी प्री एग्जाम ही हो रही है। लेकिन ओबीसी आरक्षण के विवाद को देखते हुए 100% नतीजे आना मुश्किल है।

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