MP LIVE : राजनीतिक गलियारों में हड़कंप, पूर्व CM कमलनाथ को सोनिया गांधी ने बुलाया दिल्ली, नाथ को सौंपी जा सकती है कांग्रेस की कमान ..

 
पूर्व CM कमलनाथ
संकट की घड़ी में कमलनाथ सबसे भरोसेमंद

MP NEWS : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव और राजस्थान के CM Ashok Gehlot के नामांकन दाखिल करने के पहले सियासी घमासान मचा है। इस बीच कांग्रेस प्रमुख Sonia Gandhi ने MP के पूर्व CM कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) को दिल्ली बुला लिया है। सोनिया गांधी का मैसेज मिलते ही कमलनाथ दोपहर में दिल्ली रवाना हो गए। सोमवार सुबह हुए इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक गलियारों में इस बात की अटकलें तेज हो गई कि क्या नाथ को कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है। हालांकि यह बात भी सामने आई है कि कमलनाथ को राजस्थान में डैमेज कंट्रोल के लिए बुलाया गया है।

कमलनाथ के नाम की चर्चा तेज
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में CM Ashok Gehlot और Sachin Pilot के बीच कुर्सी के घमासान ने आलाकमान को टेंशन में डाल दिया है। राजस्थान में गहलोत गुट के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कमलनाथ का नाम आगे किया जा सकता है। सोनिया और कमलनाथ की मीटिंग के बाद आज कुछ तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।

कांग्रेस अध्यक्ष के लिए सबसे प्रमुख दावेदार माने जा रहे अशोक गहलोत को राजस्थान में सियासी संकट के लिए भी जिम्मेदार माना जा रहा है। ऐसे में पूरे देश में ये मैसेज जा रहा है कि राजस्थान के सीएम रहते हुए अपने राज्य में अपनी ही पार्टी के संकट को संभालने में नाकाम रहे नेता को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाता है तो आगे आने वाले वक्त में स्थितियां बिगड़ सकती हैं। कांग्रेस नेताओं की मानें तो अब अशोक गहलोत की जगह दूसरे नामों पर विचार हो रहा है। अचानक पैदा हुए हालात के बीच कमलनाथ का नाम आगे किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो कमलनाथ के नाम पर जी-23 के नेता भी सहमत हैं।

ऐसा पहली बार नहीं है, जब गांधी परिवार ने कमलनाथ को अहम मौके पर संकटमोचक बनाया है। 3 महीने पहले महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को सियासी संकट से बचाने की जिम्मेदारी भी कांग्रेस ने सीनियर लीडर कमलनाथ को सौंपी थी। उन्हें पार्टी ने डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी देने के साथ ऑब्जर्वर बनाया है। वे भोपाल से मुंबई (Bhopal to Mumbai) भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने उद्धव ठाकरे और शरद पवार (Uddhav Thackeray and Sharad Pawar) से मुलाकात की थी। हालांकि, बाद में Uddhav Thackeray ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और सरकार से बागी हुए Eknath Shinde महाराष्ट्र के सीएम बने। इसके पहले 2019 में कर्नाटक सरकार (कांग्रेस व जेडीएस की गठबंधन सरकार) को बचाने के लिए भी कमलनाथ को बेंगलुरु भेजा गया था।

आखिर कमलनाथ पर इतना भरोसा क्यों...
कांग्रेस में गांधी परिवार के सबसे भरोसेमंद मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल के निधन के बाद पार्टी के पास ‘भरोसेमंद सियासी दूत’ के रूप में कमलनाथ ही बचे हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कमलनाथ ने 40 साल तक केंद्र में राजनीति की है। उनके अनुभव का कांग्रेस फायदा लेना चाहती है। दरअसल, कई और भी कद्दावर नेता कांग्रेस में हैं, लेकिन जी-23 के अस्तित्व में आने के बाद उनकी पकड़ जरूर कमजोर हो गई है। इसके अलावा कमलनाथ का गांधी परिवार से रिश्ता इंदिरा गांधी के जमाने से पारिवारिक है, इसीलिए उन्हें इंदिरा का तीसरा बेटा कहा जाता है।

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