Bihar Political Crisis LIVE Updates : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद नीतीश का हुआ हृदय परिवर्तन

 
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2024 के चुनाव के मध्येनजर गिरगिट की तरह बदल रंग

राजनीति में ऊंट कब किस करवट बैठ जाए यह कह पाना किसी के लिए भी आसान नहीं है। ताजा मामला बिहार की राजनीति को लेकर देखा जा सकता है। जहां एक और संपूर्ण विपक्ष इंडिया गठबंधन के तले 2024 के चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ था। वहीं तमाम विपक्षी नेताओं द्वारा बड़े-बड़े दावे 2024 के चुनाव को लेकर किए जा रहे थे तो दूसरी और भारतीय जनता पार्टी की NDA गठबंधन वाली सरकार ने अपना ट्रंप कार्ड खेलते हुए 22 जनवरी को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कर चुनावी बिगुल फूंक दिया।

इसका का नतीजा यह निकला की लगभग पिछले 1 सप्ताह से बिहार की राजनीति में JDU एवं RJD के नेताओं के बीच मनमुटाव की खबरें छन-छन कर आ रही थी किंतु मौसम वैज्ञानिक जनता दल यु के नेता नीतीश कुमार का अचानक हृदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ मिलाकर बिहार में एक बार फिर सरकार बनाने की कवायत तेज कर दी है।

सूत्रों की माने तो एक-दो दिन में बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। फिलहाल आज से लगभग साल पूर्व जब बिहार में नीतीश कुमार ने भाजपा का दामन छिटकर महागठबंधन का दामन थामा था तब जो भारतीय जनता पार्टी के नेता यह खुले मंच से कहते नजर आ रहे थे की अब नीतीश कुमार के साथ भविष्य में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा।

वही नेता टीवी चैनल में यह इंटरव्यू देते नजर आ रहे हैं की राजनीति में सबके लिए दरवाजे खुले रहते हैं। फिलहाल जिस प्रकार का घटनाक्रम बिहार की राजनीति में देखा जा रहा है उससे यह तय होता नजर आ रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा के सहयोग से बिहार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। उधर दूसरी और बिहार की राजनीति में अच्छा खासा दखल रखने वाले राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव भी अपनी पूरी ताकत इस बात में लगा रहे हैं कि उनके छोटे पुत्र जो वर्तमान में बिहार की सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद पर हैं उन्हें किसी तरह कांग्रेस सहित अन्य छोटे छोटे दलों का समर्थन लेकर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी जाए। लेकिन यह इतना आसान नजर नहीं आ रहा है फिलहाल तो नीतीश कुमार का पाडला ही भारी नजर आ रहा है। लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए यह कहना आसान नही है।

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