जानिए क्या है समुद्र तट पर बने रामसेतु का रहस्य : हिंदुओं का मानना भगवान राम ने बनवाया तो मुस्लिमों को मानना आजम ने बनवाया

 
रामसेतु'

रामसेतु को बचाने के लिए हमारे पास सिर्फ तीन दिन हैं।' हाल ही में अक्षय कुमार की नई फिल्म 'रामसेतु' का टीजर रिलीज हुआ, जिसमें वो यही डायलॉग बोल रहे हैं। इसके बाद रामसेतु के रहस्य पर फिर डिबेट शुरू हो गई है। रामसेतु के बारे में तीन सबसे चर्चित दावे हैं। हिंदुओं का मानना है कि इसे भगवान राम ने बनवाया था। मुस्लिमों का मानना है कि ये आदम का बनाया ब्रिज है। साइंटिफिक कम्युनिटी का मानना है कि टेक्टोनिक मूवमेंट की वजह से यहां समुद्र उथला हो गया है।

बाल्मीकि रामायण में रामसेतु

  • बाल्मीकि रामायण में युद्धकांड के 22 वे सर्ग में रामसेतु बनाने का वर्णन 36 श्लोकों में विस्तार से किया गया है।
  • श्रीराम ने नल के नेतृत्व में वानरों को समुद्र पर पुल बांधने के लिए नियुक्त किया।
  • ताड, नारियल, कत्था, आम,अशोक और नीम सरीखे पेड़ों वानर समुद्र में प टकने लगे।
  • महाबलवान वानर बड़े-बड़े पत्थरों को उखाड़कर और गाड़ियों पर ढोकर वहां पहुंचाने लगे।

RAMSETU POOL

कुछ वानर सौ योजन लंबी रस्सी को थामकर पूल की सिधाई ठीक करते थे। कुछ डंडे लेकर खड़े थे, ताकि काम तेजी से हो। पहले दिन 14 योजन, दूसरे दिन 20 योजन, तीसरे दिन 21 योजन, चौथे दिन 22 योजन और पांचवे दिन 23 योजन लंबा पुल बांधा। नल और वानर सेना 5 दिन में ही 100 योजन का पुल बांधकर लंका के सुवेल पर्वत तक पहुंच गई। यह सेतु समुद्र के बीच ऐसा लग रहा था जैसे स्त्रियों के सिर की मांग। इसकी शोभा आकाश में छायापथ जैसी थी।

अन्य धर्म ग्रंथों में रामसेतु

तुलसीदास ने रामचरितमानस के लंका कांड में लिखा है....

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अति उतंग गिरि पादप लीलहिं लेहिं उठाइ। आनि देहिं नल नीलहि रचहिं ते सेतु बनाइ

भावार्थ : बहुत ऊँचे-ऊँचे पर्वतों और वृक्षों को खेल की तरह ही (उखाड़कर) उठा लेते हैं और ला-लाकर नल-नील को देते हैं। वे अच्छी तरह गढ़कर (सुंदर) सेतु बनाते हैं॥

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  • रामायण- कथा-सुख-सागर में कहा गया है कि राम ने इस पूल का नाम नलसेतू रखा क्योंकि ये विश्वकर्मा पुत्र नल के बुद्धिकौशल से संपन्न हुआ था।
  • स्कंद पुराण के सेतु महात्म में धनुष्कोटी तीर्थ का उल्लेख है- दक्षिण में समुद्र तट पर जहां रामसेतु है, वही धनुष्कोटी नाम का तीर्थ भी है।
  • स्कंद पुराण की तरह विष्णु पुराण, अग्नि पुराण, ब्रह्म पपुराण और कालिदास की रघुवंश में भी रामसेतु या नलसेतु का जिक्र हुआ है।

मुस्लिमों के लिए आदम का ब्रिज

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  • इस्लाम में मान्यता है कि जन्नत से निकाले जाने के बाद पैगंबर आदम ने सबसे पहले श्रीलंका की एक चोटी पर कदम रखा था।
  • कुरान में आदम का जिक्र 25 बार हुआ है। वह 90 फीट लंबे थे और उनके पैरों के निशान आज भी आदम की चोटी पर पाए जाते हैं।
  • इस्लामिक स्कॉलर्स का मानना है कि आदम ने श्रीलंका से भारत आने के लिए एक पूल बनाया था, इसे ही आदम का पुल कहते हैं।
  • ईसाई भी अब्राह्मिक धर्म है, इसलिए वो भी आदम की इसी कहानी पर भरोसा करते हैं।
  • एडम्स ब्रिज भी ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों का दिया नाम है।

किताबों और लेखों में रामसेतु

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  • नीदरलैंड में 1747 में बने मालाबार  बोबान मैप में रामसेतु दिखाया गया है। इसका एक एडिशन आज भी तंजावूर के सरस्वती महल लाइब्रेरी में उपलब्ध है।
  • ब्रिटिश स्कॉलर सी. डी. मैकमिलन ने 1903 ने बताया था कि 15वी शताब्दी तक भारत और श्रीलंका के लोग रामसेतु से पैदल आते जाते थे।
  • 1480 में यह चक्रवात और तूफान की वजह से टूट गया और पानी में डूब गया। इसे अब भी पानी में 3 से 30 फीट नीचे देखा जा सकता है।
  • जियोग्राफर ओस्कर स्पेट लिखते हैं कि रामसेतु कोरल रीफ है, जो एक साथ ऊपर उठकर कोरल रॉक बन गया है।

 द गजेटियर ऑफ इंडिया में लिखा है कि भारत और श्रीलंका एक आधी डूबी पठार पट्टी से जुड़ते हैं, जिससे एडम ब्रिज कहते हैं।

इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के मुताबिक आदम का पुल जिसे रामसेतु भी कहते हैं, भारत के रामेश्वरम और श्रीलंका के मन्नार दीप के बीच उथले स्थानों थानों की श्रृंखला है।

रामसेतु पर वैज्ञानिक नजरिया

  • वैज्ञानिकों ने जियोलॉजी और जियोफिजिक्स की मदद से यह समझने की कोशिश की कि ये ब्रिज कैसे बना होगा? इस विषय में कई शोध हुए और बात आखिरकार इन थ्योरीज पर आ ठहरी..

1. प्लेट टेक्टोनिक्स थ्योरी

  • हजारों साल पहले पृथ्वी की सतह पर मौजूद प्लेट्स के विस्थापन की वजह से महाद्वीप टूटने लगे।
  • इस दौरान भारत और श्रीलंका वाला हिस्सा टूटकर एक दूसरे के 45 डिग्री एंगल पर एंटी क्लाक वाइज डायरेक्शन में रुक गया।
  • भारत का धनुषकोड़ी और श्रीलंका का तलाई मन्नार इस प्लेट्स का एंड प्वाइंट है। यह दोनों पॉइंट आज भी सोल्स चेन से जुड़े हुए हैं।

2. कोरल रीफ्स थ्योरी

  • इस ब्रिज पर कई जगह पानी में तैरने वाले पत्थर यानी फ्लोटिंग में रॉक पाए गए। कोरल रीफ्स समुद्र के अंदर पाई जाने वाली कैल्शियम कार्बोनेट से बनी चट्टान हैं।
  • इस समुद्री जीवों और पेड़ पौधों के अवशेष से बनती है। कार्बन डेटिंग से पता चलता है कि यह कोरल रीफ्स  करीब 7300 साल पुराने हैं।
  • कोरल रीफ्स में रेत जमा हो जाने से उथले पानी में पूल जैसा स्ट्रक्चर बन गया होगा।

3. लॉन्गशोर करंट और ड्रिफ्ट

  • रामसेतु के एक तरफ गल्फ ऑफ मन्नार है और दूसरी तरफ पाल्क बे।
  • दोनों तरफ से आने वाली लहरें अपने साथ कुछ रेत भी ले आती हैं।
  • इस रेत और कोरल रीफ्स की मदद से अंडरवाटर ब्रिज बन सकता है। हालांकि अब तक की स्टडीज में यह तय नहीं है कि यह ब्रिज कुदरती है या इंसानों ने बनाया है 2021 में इसकी गहन पड़ताल का जिम्मा CSIR-NIO के वैज्ञानिकों को सौंपा गया है।

रामसेतु से जुड़े विवाद

  • भारत में रामेश्वरम से लेकर श्रीलंका के मन्नार द्वीप के बीच समुद्र में उथले पानी वाला पथरीला इलाका है। यहां बड़े जहाज फस सकते हैं, इसलिए पूरा श्रीलंका घूमकर जाना पड़ता है।
  • 2005 में मनमोहन सरकार ने सेतु समुद्रम नाम से एक बड़ी जहाजरानी नहर परियोजना का ऐलान किया था। इसमें रामसेतु के कुछ इलाकों से रेत निकालकर गहरा करने की भी बात थी, ताकि पानी में जहाज आसानी से उतर सके।
  • इस प्रोजेक्ट में रामेश्वरम को देश का सबसे बड़ा शिपिंग हर्बल बनाना भी शामिल था। इससे अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के बीच डायरेक्ट समुद्री मार्ग खुल जाता। इससे व्यवसाय में 5000 करोड़ों का फायदा होने का अनुमान था।
  • भारतीय जनता पार्टी, हिंदू संगठनों पर्यावरणविंदो और भू वैज्ञानिकों ने इस प्रोजेक्ट का खुलकर विरोध किया।

रामसेतु से जुड़े विवाद

  • वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ब्रिज के नीचे मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स के कमजोर होने की वजह से कोई भी छेड़छाड़ बड़ी प्राकृतिक आपदा ला सकती है।
  • पर्यावरणविंदो का कहना है कि यहां 36000 प्रकार के दुर्लभ समुद्री जीव और प्लांट्स है। इस ब्रिज को नष्ट करने से दुर्लभ जीवों का यह इको सिस्टम खत्म हो जाएगा और मानसून चक्र प्रभावित होगा।
  • बीजेपी और हिंदू संगठनों ने रामसेतु पर खनन के आरोप लगाए और इसे आस्था पर चोट बताकर विरोध किया। रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की।
  • 2007 में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि यह सेतु इंसानों ने बनाया है।
  • जब इस मुद्दे पर विरोध और धार्मिक भावनाएं भड़कने लगी तो सरकार ने अपना हलफनामा वापस ले लिया।

आखिर में देखिए अक्षय कुमार की फिल्म रामसेतु का टीजर जिसका जिक्र हमने इस आर्टिकल की शुरुआत में किया...

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