Lawrence Bishnoi on Salman Khan : क्या आप जानते हैं कि कैसे लॉरेंस बिश्नोई देश का सबसे बड़ा गैंगस्टर बना? क्यों सलमान की जान के पीछे पड़ा है?
एक बॉलीवुड का सुपरस्टार तो दूसरा अंडवरवर्ल्ड का सबसे बड़ा गैंगस्टर। कहानी फिल्मी होती तो गैंगस्टर मारा जाता और हीरो की जीत तय मानी जाती। टिपिकल हैप्पी एंडिंग। लेकिन ये कहानी फिल्मी नहीं बल्कि असली है। इसलिए चिंता की लकीरें सलमान खान के चेहरे पर भी हैं और उनके परिवार पर भी। मुंबई पुलिस हो या महाराष्ट्र के सियासतदां सब किसी अनहोनी के डर से खौफ़ज़दा हैं। सलमान खान के करीबी दोस्त रहे एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने उस मुंबई में सनसनी मचा दी है जो अंडरवर्ल्ड को बेहद करीब से जानता है। हाजी मस्तान से लेकर दाऊद इब्राहिम तक मुंबई ने अंडरवर्ल्ड के बड़े बड़े माफियाओं को झेला है। लेकिन पंजाब के लॉरेंस बिश्नोई गैंग का तौर तरीका मुंबईया गैंगस्टर्स से काफी अलग है। जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई का गैंग टारगेटेड किलिंग के लिए कुख्यात है। वो शॉर्प शूटर्स के ज़रिए वारदातों को अंजाम देने के लिए जाना जाता है। पंजाब हो मुंबई हो या कनाडा। अमूमन तो ये गैंगवॉर ही दुश्मनी की वजह बनती है लेकिन बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के मामले में लॉरेंस गैंग के लिए यह मामला पर्सनल है। इसलिए खतरा कहीं ज्यादा है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने कर दी बाबा सिद्दीकी की हत्या
बाबा सिद्दीकी की शनिवार की शाम तीन अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। रविवार की सुबह लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक कथित सदस्य ने एनसीपी पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या का जिम्मा लिया है। मुंबई पुलिस ने भी लॉरेंस गैंग का हाथ होने की बात कही है। हालांकि अभी इस मामले की जांच जारी है।
मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या और सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग में भी लॉरेंस बिश्नोई का हाथ सामने आया था। महाराष्ट्र पुलिस ने भी माना है कि सलमान खान के घर के सामने जो फायरिंग हुई थी वह लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर किया गया था। इससे पहले भी लॉरेंस बिश्नोई कई बार सलमान को जान से मारने की धमकी दे चुका है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर लॉरेंस बिश्नोई सलमान खान के खिलाफ हाथ धोकर क्यों पीछे पड़ा है। कुछ वक्त पहले जेल से ही लॉरेंस का एक इंटरव्यू सामने आया था जिसमें उसने सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी। जब पत्रकार ने पूछा कि कोई और रास्ता तो होगा तो बिश्नोई ने कहा कि सलमान खान को जोधपुर में बिश्वोई समाज के मंदिर में जाकर माफी मांगनी होगी।।
काफी दिनों से लॉरेंस और बिश्नोई के बीच चल रहा है विवाद
लॉरेंस बिश्नोई और सलमान खान के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा है। दरअसल, यह विवाद सलमान खान की ओर से शूटिंग के दौरान काले हिरण को मारने से शुरू हुई थी। गुरू जंभेश्वर के 29 वचनों से निष्ठा की डोर से बंधे बिश्नोई समाज के लोगों के लिए काले हिरण की हत्या कोई छोटा-मोटा अपराध नहीं है।सलमान पर मुकदमे और जेल यात्रा के बावजूद बिश्नोई समाज सलमान खान को माफ करने को तैयार नहीं है। बिश्नोई समाज के लिए आखिर काले हिरण का शिकार इतना परेशान करने वाला क्यों था? इसके पीछे गहरे धार्मिक कारण हैं। दरअसल, बिश्नोई समाज की नींव गुरु जंभेश्वर या जांभोजी महाराज ने रखी थी। उन्होंने अपने समाज के लिए 29 नियम बनाए। जिसमें शुद्ध शाकाहार से लेकर पर्यावरण और पशु-पक्षियों की रक्षा जैसे वचन शामिल हैं। गुरु जंभेश्वर के बाद बिश्नोई समाज के लोगों ने 29 वचनों को अपने दिल से लगाकर रखा। यही कारण है कि जोधपुर, बीकानेर और उसके आसपास में रहने वाले बिश्नोई समाज के लोग उस रेगिस्तानी इलाके में पाए जाने वाले काले हिरण के संरक्षण के लिए मशहूर हैं। एक तरीके से उनकी पूजा करते हैं, इसको लेकर ही लॉरेंस बिश्नोई ने सलमान खान को सबसे पहले अपने निशाने पर लिया था। ये पूरा मामला क्या था इस पर एक सरसरी निगाह डाल लेते हैं।
काला हिरण, बिश्नोई समाज और सलमान खान
1998 में जोधपुर में फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान सलमान खान अपने साथी कलाकारों के साथ शिकार पर गए थे। 27-28 सितंबर 1998 की रात घोड़ा फॉर्म हाउस में काले हिरण का शिकार किया गया। इसका इल्जाम सलमान खान पर लगा। इसके बाद 1 अक्टूबर 1998 की रात को भी जोधपुर के कांकाणी गांव में रात के करीब 2 बजे गोली चलने की आवाज सुनाई दी। गांव वाले मौके पर पहुंचे तो देखा दो काले हिरणों का शिकार किया गया है। गांव वालों ने एक जिप्सी को वहां से भागते देखा। 12 अक्टूबर 1998 को इस मामले में पहली बार सलमान खान की गिरफ्तारी हुई थी। पांच दिन जेल में रहने के बाद 17 अक्टूबर 1998 को सलमान खान जमानत पर जोधपुर जेल से रिहा हो गए थे। 5 अप्रैल 2018 को काला हिरण शिकार मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई गई थी। 7 अप्रैल 2018 को सलमान खान को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिल गई थी और वो उसी दिन रिहा हो गए थे। 12 अक्टूबर 1998 को इस मामले में पहली बार सलमान खान की गिरफ्तारी हुई थी। पांच दिन जेल में रहने के बाद 17 अक्टूबर 1998 को सलमान खान जमानत पर जोधपुर जेल रिहा हो गए थे। 5 अप्रैल 2018 को काला हिरण शिकार मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई गई थी। 7 अप्रैल 2018 को सलमान खान को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिल गई थी और वो उसी दिन रिहा हो गए थे।
सलमान खान और ब्लैक बक (काला हिरण) केस में बिश्नोई समाज से आने वाले लॉरेंस बिश्नोई की एंट्री हुई। इस समय तक लॉरेंस बिश्नोई अपराध की दुनिया में ठीक-ठाक नाम कमा चुका था। लॉरेंस बिश्नोई ने ऐलान किया कि जिस किसी ने भी काले हिरण का शिकार किया है उससे बदला लेकर रहेगा। इसके साथ ही उसे जिंदा भी नहीं छोड़ेगा.इशारा सलमान खान की तरफ था। लॉरेंस गैंग ने जब सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी उसके बाद से ये गैंग इंडिया के मोस्ट वांटेड गैंग में शुमार हो गया। लॉरेंस बिश्नोई सिंगर सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में साल 2022 से जेल में बंद है। लेकिन कहा जाता है कि जेल से ही वो अपना गैंग चलाता है। विदेशों में बैठे गोल्डी बराड़ जैसे उसके साथी लॉरेंस के इशारे पर वारदात को अंजाम देते रहते हैं। लॉरेंस जेल से ही अपने लोगों की मदद से सलमान पर हमला करवा चुका है।
लॉरेंस बिश्नोई देश का सबसे बड़ा गैंगस्टर कैसे बना?
लॉरेंस बिश्नोई कॉलेज की राजनीति से ज़रायम की दुनिया का सबसे बड़ा चेहरा पिछले कुछ सालों में ही बना है। वो कई हाई प्रोफाइल मर्डर्स में शामिल रहा है। हैरानी की बात ये है कि इन सभी मर्डर्स की प्लानिंग जेल में होती है। फिर शूटर्स को हायर किया जाता है और वारदात को अंजाम दिया जाता है। बाबा सिद्दीकी की हत्या की प्लानिंग भी पटियाला जेल में हुई। लॉरेंस गैंग के गुर्गों ने मोहम्मद जीशान अख्तर को बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी दी। जीशान जून में ही जेल से बाहर आया था। लॉरेंस गैंग जेल में बंद अपराधियों को अपने गैंग में शामिल करता है। जेल से बाहर निकलकर वो लॉरेंस गैंग के लिए सुपारी किलिंग करते हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र राजनीति से लॉरेंस ने अपराध की दुनिया में एंट्री ली थी। कई बार गिरफ्तार हुआ लेकिन लॉरेंस का नाम देश भर में चर्चा में तब आया जब उसने मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवा दी। लॉरेंस पर पहला केस अटेंप्ट टू मर्डर का दर्ज हुआ था जब उसने छात्र चुनावों में सामने खड़े एक उम्मीदवार पर हमला कर दिया था। जून 2022 तक लॉरेंस पर 36 क्रिमिनल केस दर्ज किए जा चुके थे। NIA की चार्जशीट के मुताबिक लॉरेंस गैंग में 700 से ज्यादा शूटर्स हैं जिनमें से 300 तो अकेले पंजाब में हैं। पहले पंजाब तक ही लॉरेंस गैंग सीमित था लेकिन अब बिश्नोई गैंग पंजाब, यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत में फैला हुआ है। वहीं कनाडा में बैठा गोल्डी बरार गैंग के इंटरनेशनल ऑपरेशन्स को अंजाम देता है।
लॉरेंस गैंग के बारे में कहा जा रहा है कि यह उसी तरह बढ़ा है जैसे 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम का गैंग बढ़ा था। लेकिन लॉरेंस खुलकर दाऊद के गुर्गों को धमकी देता है। ये कहानी फिल्मी नहीं है इसलिए कौन विलेन है कौन हीरो यह तय करना इतना आसान भी नहीं है। लॉरेंस का सलमान से पंगा बिश्नोई समाज की भावनाएं आहत करने को लेकर है। लिहाज़ा इस मुद्दे पर दोनों तबकों से आवाज़ें आती रहती हैं। सलमान खान सुपरस्टार हैं, ज़ाहिर हैं उनके चाहने वाले बड़ी तादाद में हैं। वो सब सलमान की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। लेकिन एक तरफ लॉरेंस बिश्नोई है जिसने काला हिरण शिकार मामले में सलमान खान को निशाना धार्मिक वजहों का हवाला देकर बनाया है। इसलिए ये कहानी बेहद उलझी हुई है। बिश्नोई गैंग खुद के राष्ट्रवादी होने का भी दावा करता है। भगत सिंह को हीरो मानता है। लेकिन ज़ुर्म तो जुर्म होता है। चाहे वो किसी व्यक्ति की हत्या हो या किसी काले हिरण जैसे जीव की। लेकिन जंगल का कानून बदले को कानून मानता है सभ्य समाज में कानून का राज होता है। सलमान खान से बदला लेने की सनक उसी जंगल के कानून को अमली जामा पहनाने की एक कोशिश है। लेकिन एक सवाल तो ये भी है कि क्या काला हिरण मामले में एक बॉलीवुड सुपरस्टार के शामिल होने के बाद न्यायतंत्र ने पूरी ईमानदारी से काम किया या नहीं.... कई सवाल हैं इस कहानी में... फिलहाल मुंबई पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है सलमान खान की सुरक्षा को सुनिश्चित करना। इस कहानी में आगे क्या मोड़ आएगा इसका इंतजार कई लोग सांसें रोक कर कर रहे हैं। हालांकि मुंबई पुलिस की जांच अभी चल रही है। और लॉरेंस बिश्नोई गैंग का बाबा सिद्दीकी की हत्या में क्या और कितना रोल है ये जांच के बाद ही सामने आ सकेगा। हालांकि मुंबई के सूत्रों की माने तो बाबा सिद्दीकी के दुशमनों की भी मुंबई में कोई कमी नहीं थी। लिहाजा किसी ज़मीन विवाद में भी इस हत्या को अंजाम दिया गया हो इसकी भी संभावना है। अंतिम नतीजे तक पहुंचने से पहले हमें जांच पूरी होने का इंतज़ार करना चाहिए।