स्कूल मैनेजमेंट एवं पेरेंट्स के लिए अलर्ट करने वाली खबर : उज्जैन के उन्हेल हादसे में 4 स्कूली बच्चों की मौत, 11 बच्चे घायल

 
लेट होने के डर ने ली 4 स्टूडेंट की जान:
हादसे में 4 बच्चों की मौत हो गई थी। 11 बच्चे घायल हैं। 

MP NEWS : अगर आपके बच्चे वैन या प्राइवेट व्हीकल्स से स्कूल जाते हैं तो ये खबर आपको अलर्ट करने वाली है। स्कूल मैनेजमेंट के लिए भी जरूरी है। उज्जैन के उन्हेल हादसे में 4 स्कूली बच्चों की मौत की वजह इसी से जुड़ी है। पेरेंट्स के मुताबिक, स्कूल पहुंचने में 5 मिनट भी देर हो जाती है तो स्कूल मैनेजमेंट बच्चों को एंट्री नहीं देता है। ड्राइवर पर बच्चों को टाइम पर स्कूल पहुंचाने का प्रेशर रहता है। इसी प्रेशर में वो हर दिन उन्हेल से 20km दूर नागदा तक गाड़ी दौड़ाता था।

निहारिका और हरीश भी इस हादसे में घायल हुए हैं।

परिजन ने बताया 

हादसे में जान गंवाने वाली उमा के परिजन संजय कुंडल ने बताया, उन्हेल के ज्यादातर बच्चे नागदा में ही पढ़ते हैं। टाइम पर स्कूल पहुंचने का मानसिक दबाव बच्चों और ड्राइवर पर रहता था। स्कूल मैनेजमेंट को इतनी सख्ती नहीं करना चाहिए। सख्ती कम होगी तो इस तरह की घटना दोबारा नहीं होगी।

परिजनों का आरोप 

परिजन के आरोप पर मीडिया  ने फातिमा कॉन्वेंट स्कूल मैनेजमेंट से बात की। मैनेजमेंट ने सिर्फ इतना कहा कि स्कूल टाइम सुबह 8 बजे कर दिया है। पहले टाइम सुबह 7.30 बजे था।

बता दें, 22 अगस्त की सुबह उन्हेल से 15 बच्चे फातिमा कॉन्वेंट और एगोशदीप स्कूल (दोनों नागदा में हैं) के लिए निकले थे। सुबह 7 बजे झिरन्या फंटे पर स्कूल टैंपो ट्रैक्स और ट्रक में हुई भिड़ंत हो गई थी। हादसे में 4 बच्चों की मौत हो गई थी। 11 बच्चे घायल हैं। ट्रैक्स में सवार 12 बच्चे नागदा के फातिमा कॉन्वेंट स्कूल के थे।

ट्रक ने स्कूल वाहन को सामने से टक्कर मारी थी।

ड्राइवर भैया कहते थे, बारिश में तेज गाड़ी चलाना ठीक नहीं...

हादसे वाले दिन बारिश होने की वजह से कुछ बच्चे स्कूल नहीं गए थे, इनमें से एक अर्ग पाटनी है। अर्ग 9th क्लास का स्टूडेंट है। उसने बताया कि हम बच्चे लेट करा देते थे तो ड्राइवर भैया गाड़ी को तेज चलाते थे। उन्होंने बोल भी रखा था कि लेट मत किया करो, बारिश में तेज गाड़ी चलाना ठीक नहीं है। हालांकि, बोलने पर वो स्लो भी कर देते थे। हमें 7.30 बजे स्कूल पहुंचना होता था। 6.45 पर वैन घर पर आ जाती थी।

निहारिका की हालत नाजुक

11 घायल बच्चों में सबसे नाजुक हालत मृतक सुमित की बहन निहारिका की है। वो बॉम्बे अस्पताल (इंदौर) में भर्ती है। डॉक्टर ने उसके जल्द से जल्द ऑपरेशन की बात कही है। उन्हेल निवासी और मृतक बच्चों के परिवार के करीबी दिनेश धाकड़ ने बताया कि गांव के कई लोगों ने घायल बच्चों की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना की है। कुछ ने मन्नतें भी मांगी हैं।

स्कूली वाहन में सवार बच्चों व ड्राइवर के नाम

1. सुमित मदारिया (क्लास-11th) निवासी उन्हेल

2. निहारिका मदारिया (क्लास-10th)

3. पर्व जैन (क्लास-3rd)

4. दर्शन जैन (क्लास-5th)

5. अनुष्का सेकवाडिया (क्लास-10th)

6. भाव्यांश जैन (क्लास-6th)

7. प्रयाग जैन (क्लास-5th) 8.

8. उमा वाकतलिया (क्लास-8th)

9. हरीश वाकतलिया (क्लास-6th)

10. हिमांशु मंडावलिया (क्लास-4th)

11. प्रियांशी मंडावलिया (क्लास-2nd)

12. अक्षत ढोढरिया (क्लास-3rd)

13. तनिषा पिता राजेश मेहता (एगोशदीप स्कूल नागदा)

14. श्रेयांस पिता राजेश मेहता (एगोशदीप स्कूल नागदा)

15. इनाया नंदेड़

16. ड्राइवर तैय्यब निवासी ग्राम पासलोद

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