MP : मारकर निभाया अपना प्रॉमिस : गे दोस्त से शादी का सपना रहा अधूरा, 4 पेज में बताइए आखिरी ख्वाहिशें
MP NEWS : इंदौर का 19 साल का बीफार्मा स्टूडेंट अपने साथ पढ़ने वाले छात्र से शादी नहीं कर सका। दुखी होकर उसने शनिवार रात सुसाइड (sucuide) कर लिया। उसने 4 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा। इसमें लिखा- मेरे क्लासमेट से शादी का मेरा सपना अधूरा ही रह गया। स्टूडेंट ने अपने पार्टनर (partner) को कभी जान, कभी बेटू, कभी लव तो कभी मेरे सबकुछ कहा है। दूसरे छात्र की उम्र भी 19 साल है। स्टूडेंट ने अपने दोस्त और माता-पिता से माफी भी मांगी है। सुसाइड नोट में हरेक पेज पर स्टूडेंट ने जो लिखा वो आपको शब्दश: पढ़ाएंगे लेकिन इससे पहले जान लीजिए सुसाइड के बाद उसे सबसे पहले किसने देखा।
इंदौर के राऊ में रहने वाले बीफार्मा के एक स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया। नाइट शिफ्ट से रविवार सुबह जब पिता लौटे तो उन्होंने बेटे को फंदे से लटके देखा। उसे नीचे उतारा और पुलिस को सूचना दी। TI नरेंद्र सिंह रघुवंशी के मुताबिक सुसाइड करने वाले स्टूडेंट की अपने ही कॉलेज में बीफार्मा की पढ़ाई कर रहे दूसरे स्टूडेंट से गहरी दोस्ती थी। स्टूडेंट के परिवार में उसकी 2 बहनें और माता-पिता हैं। पिता पीथमपुर की एक कंपनी में काम करते हैं। उसने सबसे माफी मांगी है।
पढ़िए सुसाइड नोट की कहानी..
पहला पन्ना: मरकर निभाया अपना वादा
दोस्त, मैं आपसे बहुत-बहुत प्यार करता हूं, लेकिन बता नहीं सकता मेरी क्या कंडीशन हो रही है। अब जब तक आपको नोट मिले तब तक काफी देर हो जाएगी। मगर मैं क्या करूं? मैंने आपसे हर कोशिश की अपने रिश्ते को ठीक करने की। उसे सुधारने की, लेकिन मैं नाकामयाब रहा। मैंने आपसे कितनी मिन्नतें की कि यार भूल जा, छोड़ तो। जो बातें मैंने गुस्से में की थी। मेरी कल जो हालत थी जब मैं आपके पास आया था। वह हालत अभी भी हो रही है। मैं नहीं जीना चाहता। आपके साथ के बिना। बेटू मैंने आपसे एक प्रॉमिस किया था कि अगर हम दोनों को कोई अलग कर पाएगा। तो वो सिर्फ मेरी मौत होगी। मैं नहीं जी पाऊंगा आपके बिना। बेटू एक बार कॉल पर बात करने की इच्छा थी।
मैंने बहुत ट्राय किया, लेकिन आपने नहीं उठाया और ना मैसेज का रिप्लाय किया। जान! यार आपको मैंने अपना सबकुछ माना था। यह नोट मिलने के बाद सबको पता चल जाएगा कि मैं सब लोगों के बीच यह बात छिपाकर जी रहा था। अभी तक किसी को नहीं पता था कि मैं गे हूं। और मैं यह एक्सेप्ट कर चुका हूं। और मैं हमेशा फैमिली से बाहर और दूर जाने की बात इसीलिए करता था। मेरा ड्रीम था कि मैं बाहर निकलूं और अपने एक गे पार्टनर से शादी करूं। अपनी लाइफ के साथ खुशी-खुशी जी सकूं। बाकी सब की तरह मेरा यह सपना, सपना ही रह गया। मैं मम्मी-पापा और पूरे परिवार से दिल से माफी मांगना चाहता हूं। आपने मुझे बहुत प्यार दिया, लेकिन मैं ही अच्छा बेटा साबित नहीं हो सका। बचपन से लेकर आज तक सिर्फ मैं आप पर बोझ बना रहा।
दीदियों से भी हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहता हूं कि मैं आप लोगों का अच्छा भाई होने का कर्तव्य नहीं निभा सका, लेकिन अब आप लोगों को मुझसे कोई तकलीफ नहीं होगी। यह घर आपका है आप लोग हमेशा रहो। मम्मी मैं जा रहा हूं... हमेशा-हमेशा के लिए। हो सके तो मुझे माफ कर देना। पापा आप भी मुझे माफ कर देना।
दूसरा पन्ना : गुस्से में दी मेरी बद्दुआ कहीं सच न हो जाए दोस्त!
मैं आपका नालायक बेटा मरते-मरते भी एक ऐसी बात बताकर जा रहा हूं। जो हर बाप के मन को झकझोर के रख देगी। हां पापा मैं गे हूं। शायद आपको पता नहीं हो, लेकिन यह सच है। मैं (दोस्त का नाम) से बहुत प्यार करता हूं। मैं उसके लिए एक पल भी नहीं रह सकता। वह मेरे लिए सब कुछ है, लेकिन उसने मेरी एक ना सुनी। मैं कितना रोया यार दोस्त आपके लिए। आपके सीने से लगकर भी, लेकिन आपके प्यार जैसे दिल ने मेरी एक बात भी नहीं सुनी। जो इंसान बोल रहा है वह खुद से ज्यादा आपको चाहता है तब भी आपको उसके गुस्से में कही गई बात ज्यादा महत्व रखती है। अब लाइफ टाइम रोते रहना। तरसते रहना। मेरे लिए। मैं जा रहा हूं दोस्त छोड़कर, लेकिन याद रखना मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं। हमेशा मुझे फील करना और खबरदार मेरे सिवा किसी और के बारे में आपने सोचा भी। वह जो उस दिन मैंने गुस्से में बद्दुआ दे दी थी, वह सच ना हो जाए। मेरी मौत के बाद। क्योंकि मैं जीते जी आपसे प्यार करता ही हूं। मरने के बाद भी करता रहूंगा। मैं सिर्फ आपका हूं दोस्त।
तू मेरा भाई मेरा कमीना यार है। आज मैं नहीं जीना चाहता। तुझे तो सब पता है ना दोस्त मेरी क्या हालत हो गई है। तेरे जैसे दोस्त शायद ही किसी को मिलेगा। मम्मी-पापा ओर सब लोग दोस्त जितने भी मेरे जीजी बहन सब मुझे माफ कर देना मैं आगे साथ नहीं निभा पाऊंगा आपका। अब खबरदार मेरे जाने के बाद किसी ने दोस्त उसको कुछ कहा तो मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं। दादा-दादी काकू आंटी जी सभी भाई-बहन और परिवार के रिश्तेदार लोग हो सके तो मुझे माफ कर देना। आई लव यू मां मेरे मरने के बाद मत रोना मैं आपका अच्छा बेटा नहीं बन पाया। मैं आपकी आंखों में आंसू नहीं देख पाऊंगा। प्लीज मत रोना। ना गाड़ी चलाते सीखा ना और कुछ काम।
तीसरा पन्ना : मैं अपना फर्ज नहीं निभा पाया, मुझे माफ करना पापा-मम्मी
प्लीज रिक्वेस्ट है। मैं खुद अपनी मर्जी से मर रहा हूं। क्योंकि मैं दोस्त के बिना नहीं जी सकता। उसे ही मैंने अपना सबकुछ माना है। जब वह मुझसे रूठ गया तो किसके लिए जीऊं। पापा-मम्मी मैं अपना फर्ज नहीं निभा पाया। मुझे माफ कर देना। मेरे दोस्त को कुछ मत कहना। नहीं तो मेरी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। लव यू लॉट। दोस्त एक बार बात कर लेते यार शायद मेरी जान बच जाती। खैर कोई बात नहीं। मेरी यादें जिंदगी भर संभालकर रखना। हो सके मेरी अंतिम क्रिया में आ जाना, लेकिन रोना मत क्योंकि आंसू तो मेरी किस्मत में थे।
चौथा पन्ना : पांच घंटे में लिखा सुसाइड नोट, बहुत रो रहा हूं...
प्लीज अपने बेटे-बेटी से मां-बाप नहीं एक अच्छा दोस्त बनकर रहना। अगर कोई किसी से प्यार करता है तो उसे किसी दूसरे के साथ जबरदस्ती शादी के बंधन में मत बांधना। दोस्त यार मुझसे गलती हो गई। गुस्से पर काबू नहीं रहा। अपने शब्दों पर। उसकी सजा मुझे मौत से भरपाई करनी पड़ेगी। यह मैंने कभी नहीं सोचा था। आप मेरे लिए क्या मायने रखते हो। आपको मेरी मौत के बाद शायद पता चले, लेकिन मैंने आपको सच्चा प्यार किया है। मैं ऐसे साथ नहीं छोड़ूंगा। मरने के बाद भी आपके साथ रहूंगा। जय उमरिया मां।
मैं बहुत रो रहा हूं आपके लिए दोस्त। यह नोट भी मैंने 5 घंटे में लिखकर पूरा किया है। अब मेरी अंतिम क्रिया में आ जाना प्लीज। मैं अपने मोबाइल का लॉक खोलकर जा रहा हूं। प्लीज दोस्त, विशाल को बता देना मैं जा रहा हूं। मिलते हैं अगले जन्म में दोस्त...।