Khargone Bus Accident update : खटारा बसों में लोगों को ठूंस-ठूंस कर बैठाया,चालक, कंडक्टर और मालिक के खिलाफ प्रकरण दर्ज

 
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Khargone Bus Accident : खरगोन, लोनारा। खरगोन जिले में दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। मंगलवार सुबह हुए दर्दनाक बस हादसे में 24 लोगों की जान चली गई। वहीं 40 से ज्यादा लोग घायल हुए। कई परिवारों ने अपनों को खो दिया। इसके पहले भी जिले में हादसे होते रहे हैं। जिसमें लोगों की जानें भी गई। इसका मुख्य कारण अव्यवस्थित यातायात, जागरूकता का अभाव, ओवरलोडिंग और आरटीओ, पुलिस-प्रशासन की निष्क्रियता भी कहा जा सकता है। जिलेभर में ओवरलोड वाहन दौड़ते हैं। खटारा बसों में संख्या से अधिक लोगों को ठूंस-ठूंस कर बैठाया जाता है।

इन वाहनों पर न तो आरटीओ कार्रवाई करते हैं न पुलिस का ध्यान है। जबकि ये बसें खुलेआम कई थानों और चौकियों के सामने से गुजरती है। हादसे के बाद अब जिले के प्रभारी मंत्री ने ऐसे वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अब देखना ये है कि प्रशासन इन आदेशों को कितनी गंभीरता से लेता है। या फिर कुछ दिन की कार्रवाई के बाद अफसरों की वही सुस्ती देखने को मिलती है जिनके कारण दर्दनाक हादसों में बढ़ोत्तरी हो रही है।

चालक, कंडक्टर और मालिक के खिलाफ प्रकरण दर्ज
ऊन थाना क्षेत्र में हुई बस दुर्घटना के संबंध में थाना ऊन पर गैर इरादतन हत्या की धारा 304, 34 भादवि का अपराध आरोपी बस चालक सुनील राठौर, बस कंडक्टर संतोष बारचे एवं बस मालिक प्रवीण सोनी के विरुद्ध पंजीबद्ध किया गया है। आरोपियों के द्वारा जानबूझकर क्षमता से अधिक सवारी बस में भरी गई और यह जानते हुए कि इतनी सवारी भरने से तथा तेज गति से वाहन (बस) चलाने से बस दुर्घटना में यात्रियों की मृत्यु हो सकती है, उसके बाद भी बस चालक, कंडक्टर एवं बस मालिक द्वारा यह कृत्य किया गया। अतः यह एक सामान्य दुर्घटना का मामला नही है इसलिए आरोपियों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

घायलों को कोई स्ट्रेचर पर तो कोई गोद में उठाकर लाया
सुबह 9 बजे से ही भारी पुलिस के साथ डाक्टरों की टीम दुर्घटना में घायलों की उपचार और सहायता के लिए तैयार हुई। 9.38 बजे पहला निजी वाहन दुर्घटना में घायल युवक को लाया तो पूरे अस्पताल में चीखपुकार सी मच गई। एक के बाद एक वाहनों से लोग दुर्घटना में घायल लहूलुहान लोगों को लाने लगे। इसके बाद कोई स्ट्रेचर तो कोई गोद में उठाकर घायलों को उपचार के लिए लेकर जाता दिखा। सभी अपने-अपने स्तर पर दुर्घटना में घायल हुए लोगों की मदद की।

अस्पताल में दोपहर 2 बजे तक सभी घायलों और मृतकों के स्वजन पहुंच गए। इसमें से जो घायल हुए उनसे उनका हाल जान और जिनकी मृत्यु हुई उनके स्वजन ने पीएम रूम के बाहार बैठ मातम मनाया। घटना के बाद सभी टीआइ व अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे और अपने क्षेत्र के व्यक्ति की जानकारी ली। एसपी और कलेक्टर ने खड़े रह कर पीएम करवाया और शव स्वजनों को सौंपे।

मेरे परिवार के 10 लोग थे सवार, पांच नहीं रहे

सुखराम मुजालदे निवासी रोम चिचली ने बताया दुघटनाग्रस्त बस में मेरे परिवार के 10 लोग सवार थे। इसमें बच्चे और महिलाएं थीं। परिवार के 10 में से पांच लोगों की मौत हो गई। सभी रिश्तेदार की शादी के बाद इंदौर के लिए रवाना हुए थे। इसके बाद हमें खबर लगी कि जिसमें उन्हें बैठाया था वह बस पुलिया से गिर गई। जब हम अस्पताल पहुंचे तो पता लगा की पांच लोगों की मौत हो गई है। इनमें मेरी बहन पिंकी वास्कले, उसकी बेटी मुस्कान, वर्षा और उसके दो बच्चे शामिल हैं। हमारा भरापूरा परिवार बिखर गया है। पिता पहले ही चल बसे, अब मां भी चली गई।

किसी की गलती की वजह से मां छोड़कर चली गई
बस दुर्घटना खबर लगते ही 60 वर्षीय रामकोर पत्नी दुलीचंद की बेटी ममता पति के साथ रोती-बिलखती हुई अस्पताल पहुंची। उसे मालूम हुआ कि घटना में रामकोर की मौत हो गई, तो उस पर दुखों का पहा़ड़ टूट पड़ा। ममता ने बताया कि मेरी मां लोनारा से डेबरमेलदा आ रही थी। पिता पहले ही शांत हो चुके हैं और अब मां भी हादसे में हमें छोड़कर चली गई। मेरा मायके में कहने को अब सिर्फ एक भाई ही रह गया है। किसी और की गलती के कारण मेरी मां मुझे छोड़कर चली गई।

पीएससी की तैयारी के लिए जा रहा था इंदौर
मेरा साला 25 वर्षीय विवेक पुत्र प्रेमचंद्र पाटीदार निवासी गंधावड़ इंदौर पीएससी की तैयारी के लिए जा रहा था। यह बात उसका शव लेने पहुंचे उसके जीजा विकास पाटीदार ने कही। उन्होंने बताया कि बीते दिनों बड़वाह में वह पुलिस की तैयारी के दौरान विवेक दौड़ में रह गया था। इसलिए अब वह पीएससी की तैयारी के लिए इंदौर जा रहा था। सूचना मिलते ही मैं उसे देखेने के लिए खरगोन पहुंचा, लेकिन उसकी मौत की खबर मिली।

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