REWA : अपनी कलाकृति और आकार को लेकर चर्चित है भैरवनाथ प्रतिमा : पढ़िए इसकी ऐतिहासिक और कला विरासत के बारे में ...

 

REWA : अपनी कलाकृति और आकार को लेकर चर्चित है भैरवनाथ प्रतिमा : पढ़िए इसकी ऐतिहासिक और कला विरासत के बारे में ...

रीवा। विंध्य क्षेत्र के कई हिस्सों में कला-संस्कृति को प्रदर्शित करती ऐतिहासिक विरासतें मौजूद हंै। इसी में से एक है भैरवनाथ प्रतिमा, जो अपनी कलाकृति और आकार को लेकर चर्चित है। इस प्रतिमा का संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। अब स्थल को पर्यटकों के हिसाब से विकसित किया जा रहा है।

यह विरासत रीवा जिले में गुढ़ के नजदीक खाम्हडीह में कैमोर पहाड़ पर स्थित है। अनुमान है कि इसका निर्माण दसवीं और 11वीं शताब्दी के मध्य हुआ होगा। पुरातत्व विभाग ने उस समय की कलाकृतियों से जोड़कर इसके निर्माण का अनुमान लगा रहे हैं।

शदियों तक यह प्रतिमा पहाड़ में खुले आसमान के नीचे पड़ी रही। अब प्रशासन ने इसके संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों के तहत विकास कार्यों की शुरुआत कराई है। इस प्रतिमा को लेकर अलग-अलग कहानियां स्थानीय लोगों के बीच हैं।

प्रतिमा का एक हाथ टूटा है, इसे लेकर भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि कब टूटा था लेकिन इससे जोड़कर क्षेत्र में कई कहानियां सुनाई जाती हैं। इन कहानियों के जरिए भैरव नाथ के दैवीय महत्व को भी बताया जाता है।

राज्य संरक्षित स्मारक घोषित

मध्यप्रदेश प्राचीन स्मारक पुरातत्वीय स्थल एवं अवशेष अधिनियम 1964 का (12) तथा नियम 1976 के अधीन भैरवनाथ प्रतिमा को प्रांतीय महत्व का राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। इसे किसी तरह की हानि पहुंचाने अथवा दुरुपयोग करने पर तीन साल का कारावास और अर्थदंड की सजा का प्रावधान किया गया है। इस आशय की सूचना का बोर्ड भी मंदिर परिसर के पास लगाया गया है।

कुछ ऐसा है महत्व

गुढ़ के नजदीक खाम्हडीह में भैरव प्रतिमा स्थित है। इसका निर्माण 10वीं-11वीं शताब्दी के मध्य का माना जाता है। प्रतिमा की लंबाई 8.50 मीटर तथा चौड़ाई 3.70 मीटर है। दाई ओर हाथ में रुद्राक्ष की माला है, दाईं ओर के ऊपरी हाथ में सर्प और नीचे के हाथ में कलश है। गले में रुद्राक्ष की माला और सर्प लिपटे हुए हैं। कमर में सिंह मुख का अंकन है। प्रतिमा के दोनों ओर एक खड़े हुए-एक बैठे हुए पूजक का अंकन है। इस तरह की विशालकाय और कलाकृतियों से सजी देश की चिह्नित प्रतिमाओं में से यह एक है।

सुरक्षा के चलते प्रतिमा के ऊपर शेड बना

कुछ समय पहले पुरातत्व विभाग की ओर से भैरवनाथ प्रतिमा के आसपास सुरक्षा के मद्देनजर कुछ कार्य कराए गए थे। जिसमें प्रतिमा पर तेल, पानी और सिंदूर चढ़ाए जाने से होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए चारों ओर रेलिंग बना दी गई है। जिससे लोग प्रतिमा को छू नहीं सकते, केवल उसे देख सकते हैं। इसके अलावा बारिश के दिनों में प्रतिमा तक पानी के छीटे पड़ते थे, उसे रोकने के लिए भी मंदिर की दीवार बढ़ाई गई है। अब सीएसआर मद से जिला प्रशासन ने भैरवनाथ तक पहुंच मार्ग के साथ ही परिसर के आसपास पर्यटकों की सुविधा के अनुसार व्यवस्थाएं बनाने का काम कर रहा है।


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