REWA : कलेक्टर की समझाइश पर अतिक्रमणकारी नहीं माने तो नए बस स्टैंड परिसर की दीवार ही ऊंची कराने का कार्य प्रारंभ : पढ़िए
रीवा। शहर के दोनों बस स्टैंडों का नियमित निरीक्षण करने कलेक्टर इलैयाराजा टी पहुंच रहे हैं। उनके निर्देश पर अतिक्रमण हटाया गया था। इस दौरान कलेक्टर ने उन अतिक्रमणकारियों को समझाइश दी थी जिन्होंने बस स्टैंड परिसर के बाहर मकान बनाने के बाद दरवाजे स्टैंड के भीतर किए हुए थे। साथ ही बसों के खड़े होने वाले स्थान पर अपना निर्माण करा रखा था।
कलेक्टर ने अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया तो लोगों ने इसका विरोध भी किया था। इसके बाद लगातार न्यू बस स्टैंड पहुंचकर कलेक्टर व्यवस्थाओं का मुुआयना करते रहे और निर्देशित किया था कि जिन लोगों के मकान परिसर के बाहर हैं वह अपना दरवाजा बाहर ही बनाएं।
रीवा कलेक्टर के निर्देश पर अवैध निर्माण बहुमंजिला इमारत पर चला प्रशासन का बुलडोजर
इसके बावजूद किसी तरह की व्यवस्था अतिक्रमण करने वालों ने नहीं बनाई बल्कि फिर से बस स्टैंड परिसर में अपनी सामग्री फैलाने लगे थे। बस स्टैंडों की व्यवस्थाओं में सुधार के कार्य करीब दो महीने से चल रहे हैं और कलेक्टर सप्ताह में तीन से चार दिन स्टैंड का भ्रमण करने पहुंच रहे हैं।
लगातार चल रही मनमानी और कर्मचारियों से अभद्रता के चलते कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिया है कि बस स्टैंड परिसर की जो बाउंड्रीवाल है उसकी चारों ओर से ऊंचाई बढ़ाई जाए।
कार्रवाई का विरोध करने भी लोग पहुंचे
नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा पुलिस के पहरे में बाउंड्रीवाल की ऊंचाई बढ़ाए जाने का कार्य प्रारंभ किया गया तो कई लोग विरोध करने भी पहुंच गए। कांग्रेस नेत्री कविता पाण्डेय ने भी कहा है कि इससे लोगों का रोजगार छिन जाएगा। प्रशासन ने प्रदर्शन करने वालों की नहीं सुनी और बाउंड्रीवाल ऊंची करने का कार्य सायं तक प्रारंभ रहा। कर्मचारियों ने बताया कि कलेक्टर का निर्देश है कि कार्य पूरा किया जाए ताकि स्टैंड परिसर को अतिक्रमणमुक्त कराया जा सके।
पूर्व में बंद ताला स्वयं खोल लिया था
स्टैंड परिसर के बाहर दुकानें बनाने के बाद उसका दरवाजा भीतर की ओर किया जाना प्रशासनिक व्यवस्थाओं का मजाक उड़ाने जैसा है। इस पर तत्कालीन निगम आयुक्त ने दुकानों पर ताला बंद करवा दिया था। बताया जा रहा है कि उसकी चाबियां अब तक नगर निगम कर्मचारियों के पास है लेकिन इधर दुकानदारों ने ताला तोड़कर फिर से अपना कब्जा जमा लिया था। बस स्टैंड के पहले भ्रमण में ही कलेक्टर ने इस पर सवाल किया था लेकिन निगम के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए थे। राजनीतिक प्रभाव के चलते अधिकारी कार्रवाई करने से पीछे हटते रहे हैं।
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