MP : पुलिस को मिलेंगे मजिस्ट्रियल पावर, अप्रैल से लागू हो सकता है नया सिस्टम, पुलिस जिस अपराधी का प्रोफाइल जानती है उसे सीधे जेल भेजेगी
Nov 21, 2021, 13:38 IST
राजधानी सहित प्रदेश भर में बढ़ रही आपराधिक वारदातों के बीच सरकार ने लॉ एंड आर्डर की लैबोरेटरी में पुलिस कमिश्नर सिस्टम का नया प्रयोग करने की तैयारी कर ली है। यानी सरकार ने पुलिस को मजिस्ट्रियल पावर देने का मन बना लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को एक बार फिर घोषणा की है कि भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होगा। इसका मतलब यह होगा कि पुलिस को लाठीचार्ज और धारा 144 लागू करने के लिए कलेक्टर के आदेश का इंतजार नहीं करना होगा। गुंडों को जमानत मिलेगी या नहीं यह पुलिस की कोर्ट में तय होगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहतर है, पुलिस अच्छा काम कर रही है। पुलिस और प्रशासन ने मिलकर कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन शहरी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। भौगोलिक दृष्टि से भी महानगरों का विस्तार हो रहा है और जनसंख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसलिए कानून और व्यवस्था की कुछ नई समस्याएं पैदा हो रही हैं। उनके समाधान और अपराधियों पर नियंत्रण के लिए हमने फैसला किया है। प्रदेश के 2 बड़े शहरों में राजधानी भोपाल और स्वच्छ शहर इंदौर में हम पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर रहे हैं, ताकि अपराधियों पर और बेहतर नियंत्रण कर सकें।
मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों का कहना है कि दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम अगले साल अप्रैल माह से लागू होने की संभावना है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने विधानसभा में चार साल पहले यह घोषणा की थी, लेकिन IAS अफसरों के विरोध के बाद यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई थी। गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दोनों शहरों की आबादी बढ़ रही है। कानून व्यवस्था सुचारू रूप से जारी रखने और अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस सिस्टम से साइबर क्राइम को रोकने में मदद भी मिलेगी। सरकार स्तर पर यह कवायद पिछले 10 साल से चल रही है, लेकिन IAS लॉबी इसका लगातार विरोध करती आई है।
लॉ एंड आर्डर और इन्वेस्टिगेशन विंग अलग
राजधानी पुलिस ने लॉ एंड आर्डर और इन्वेस्टिगेशन विंग अलग-अलग बनाने का प्रयोग भी किया। यह प्रयोग सबसे पहले हबीबगंज थाने में किया गया, हालांकि वक्त के साथ-साथ यह भी फाइलों में बंद होकर रह गया।
क्या रहेगी प्रक्रिया
अभी यह तय होना बाकी है कि मध्यप्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली देश के अन्य महानगरों जैसी ही होगी या उसे किन्हीं बदलावों के साथ स्वीकार किया जाएगा, लेकिन यह तय है कि जिन शहरों में इसे लागू किया जाएगा वहां पुलिस आयुक्त प्रशासनिक निर्णय लेने में सक्षम होगा।
2008 में SSP सिस्टम
पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का विरोध अप्रत्यक्ष तौर पर IAS लॉबी ने वर्ष 2008 में शुरु कर दिया था। ऐसे में कामयाबी हासिल नहीं होने की स्थिति में IPS लॉबी ने SSP सिस्टम की वकालत की और किसी तरह दिसम्बर 2009 में पहले इंदौर और फिर भोपाल में इसे लागू भी करा लिया था। इससे भी कोई बदलाव नहीं दिखा।
असर : IAS लॉबी विरोध में आई। अपराध का ग्राफ बढ़ता ही गया।
दिसंबर 2012 में DIG सिस्टम लागू कर दिया
मुख्यमंत्री ने 2012 में 28 फरवरी को विधानसभा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी। लेकिन इस पर बात नहीं बनी। सरकार ने 18 दिसंबर 2012 को दो महानगरों में SSP सिस्टम समाप्त कर DIG सिस्टम लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी थी।
असर: अपराध कम नहीं हुए। सिर्फ DIG और एसपी के पदों में वृद्धि हो गई। बड़े शहरों में दो से तीन एसपी बनाए गए।
पुलिस एक्ट के बारे में देश की स्थिति
देश के 71 शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। देश के 19 महानगरों की आबादी 20 लाख से ज्यादा है, जिसमें से 14 महानगर ऐसे हैं, जहां पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले छह शहर जिनमें पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू नहीं है उसमें मध्यप्रदेश के भोपाल व इंदौर, बिहार का पटना और उत्तर प्रदेश का कानपुर, लखनऊ और गाजियाबाद शामिल हैं, जबकि 34 शहर ऐसे हैं जिनकी आबादी 10 से 20 लाख के बीच है। इनमें से 26 शहर ऐसे हैं जहां पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। देश में 31 शहर ऐसे भी हैं जहां की आबादी 10 लाख से कम है इसके बाद भी इन शहरों में यह व्यवस्था लागू है।
मजिस्ट्रेट के अधिकार मिल जाएंगे
प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के मामलों में मजिस्ट्रेट के अधिकार DCP और ACP के पास आ जाएंगे।
सरकार जरूरत के हिसाब से DCP पदस्थ करेगी, जो एसपी रैंक के होंगे।
आर्म्स, आबकारी और बिल्डिंग परमिशन की NOC देने जैसे अधिकार भी पुलिस के पास होंगे।
कमिश्नर प्रणाली लागू करने की जद्दोजहद प्रदेश में बीते 10-12 सालों से चल रही है।
इस बीच ओडिशा, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई।
कार्रवाई का अधिकार जयपुर दिल्ली अहमदाबाद
एनएसए पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नर कलेक्टर,
जिला बदर डीसीपी (एसपी) डीसीपी (एसपी) पुलिस कमि
प्रतिबंधात्मक धाराओं में जमानत डिप्टी एसपी डिप्टी एसपी थाने से जमानत
हथियार एवं अन्य लाइसेंस पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नर
कर्फ्यू, धारा 144 का आदेश पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नर कलेक्टर
लाठी-गोली चलाने के आदेश पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नर हर थाना क्षेत्र की कोर्ट