REWA : अब रिंग रोड से मिलेगा रीवा : 190 करोड़ की लागत से 13 KM की फोरलेन सड़क का निर्माण, हैदराबाद की वशिष्ठ कंपनी को मिला काम

 

REWA : अब रिंग रोड से मिलेगा रीवा : 190 करोड़ की लागत से 13 KM की फोरलेन सड़क का निर्माण, हैदराबाद की वशिष्ठ कंपनी को मिला काम

रीवा शहर में बारिश के बाद शीघ्र ही रिंग रोड के दूसरे चरण का काम शुरू होने वाला है। बताया गया कि 190 करोड़ की लागत से 13 KM की फोरलेन सड़क का निर्माण होगा। अधिकारियों की मानें तो ये फोरलेन बनने के बाद से शहर के चारों ओर रिंग रोड हो जाएगा।

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साथ ही रीवा शहर में बिना घुसे एक रोड से दूसरे रोड की कनेक्टिविटी मिल जाएगी। मतलब एक राज्य से दूसरे राज्य व एक जिले से दूसरे जिले जाने वाले वाहनों को बिना शहर में प्रवेश किए। आसानी से आ जा सकेंगे।

34 मीटर चौड़ी होगी फोरलेन

बता दें कि सिलपरा से बेला तक बनने वाली रिंग रोड कांक्रीट की होगी। दोनों तरफ से साढ़े नौ मीटर-साढ़े नौ मीटर की सड़क के अलावा बीच में पांच मीटर से अधिक का मीडियन दिया जाएगा। कांक्रीट के दोनों तरफ की सड़क के अलावा किनारे प्योर्ड सोल्डर भी बनाए जाएंगे। रिंग रोड निर्माण की नोडल एजेंसी एनएसएआई है। 34 मीटर चौड़ी सड़क के हिसाब से जमीन का अधिग्रहण किया गया है।

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अक्टूबर के बाद शुरू होगा कार्य

रिंग रोड के द्वितीय चरण का निर्माण बारिश के बाद शुरू होगा। शुरुआती चरण में मिट्टीकरण का काम किया ​जाएगा। इसके लिए बारिश समाप्त होने का इंतजार किया जा रहा है। बताया गया ​है कि निर्माण एजेंसी अक्टूबर माह में साइड पर मशीनरी आदि उपकरण शिफ्ट करेगी। सूत्रों का कहना है​ कि 13 KM की रिंग रोड में कई स्थानों पर एक साथ काम ​शुरू किया जाएगा। जिससे नि​र्धारित समय पर रिंग रोड का प्रोजेक्ट पूरा जो जाए।

वाहनों के लिए हो जाएगी आसानी

गौरतलब है कि रिंग रोड के दूसरे फेज का काम पूरा हो जाने के बाद भारी वाहन शहर के भीतर प्रवेश नहीं करेंगे। सीधी-सिंगरौली से सतना-मैहर की ओर आने और जाने वाले वाहन रिंग रोड से ही गुजर जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद बायपास को मिलाकर शहर के चारों ओर एक गोल सड़क तैयार हो जाएगी। साथ ही बाहर से आने वाले वाहनों को आसानी होगी।

महज सात हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण

राजस्व अधिकारियों की मानें तो रिंग रोड निर्माण के लिए महज 7 हेक्टेयर निजी जमीन का उपयोग हो रहा है। इसके अतिरिक्त शासकीय भूमि भी कई स्थानों पर फंस रही है। यह 7 हेक्टेयर जमीन 9 गांवों के किसानों से अधिग्रहित की गई है। कुल मिलाकर जिस स्थानों पर एजेंसी को निर्माण कार्य करना है। वह समूची जमीन एजेंसी को मिल चुकी है।

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