बड़ी खबर: मऊगंज में पत्रकार मिथलेश यादव आमरण अनशन पर, थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप — प्रशासन मौन, कार्रवाई की मांग तेज

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। जिले के मऊगंज थाना क्षेत्र में पुलिसिया मनमानी और पत्रकार उत्पीड़न का बड़ा मामला सामने आया है। पत्रकार मिथलेश यादव ने थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर थाना परिसर के सामने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। इस घटना से पूरे मऊगंज क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

क्या है पूरा मामला?
पत्रकार मिथलेश यादव मऊगंज में लंबे समय से निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने स्थानीय स्तर पर एक आपराधिक मामले की रिपोर्टिंग की थी, जिसमें थाना प्रभारी पर मिलीभगत के आरोप लगे थे। इस खबर के प्रकाशित होते ही थाना प्रभारी ने पत्रकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
 

मिथलेश का आरोप है कि थाना प्रभारी ने उन्हें थाने बुलाकर अभद्र भाषा में गालियां दीं, धमकाया और खबर हटाने का दबाव बनाया। जब इसकी शिकायत एसडीओपी और एसपी से की गई तो मामले को दबाने की कोशिश की गई। आखिरकार पत्रकार ने न्याय की उम्मीद छोड़, अनशन का रास्ता अपनाया।

कब और कहां शुरू हुआ अनशन?
26 अप्रैल की सुबह 11 बजे पत्रकार मिथलेश यादव थाना परिसर के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए। उन्होंने हाथ में तख्ती लेकर थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी।

स्थानीय पत्रकारों का समर्थन
मऊगंज, हनुमना, और रीवा से दर्जनों पत्रकार मौके पर पहुंचे और मिथलेश यादव के समर्थन में धरने पर बैठ गए। सभी ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। पत्रकारों का आरोप है कि मऊगंज थाना प्रभारी दबंगई और मनमानी कर रहे हैं। पहले भी कई लोगों के साथ अभद्र व्यवहार कर चुके हैं।

प्रशासन अब तक मौन
अनशन शुरू हुए 24 घंटे से अधिक हो चुके हैं, लेकिन न तो एसडीएम, न ही एसपी विवेक सिंह मौके पर पहुंचे हैं। केवल थानेदार के कहने पर दो-तीन आरक्षक अनशनस्थल पर तैनात कर दिए गए हैं।

क्या बोले मिथलेश यादव?
"जब तक थाना प्रभारी को सस्पेंड कर निष्पक्ष जांच नहीं होती, मैं पानी तक ग्रहण नहीं करूंगा। अब यह सिर्फ मेरी लड़ाई नहीं, मऊगंज के सम्मान और पत्रकारिता की आज़ादी की लड़ाई है।"

जनप्रतिनिधि और समाजसेवियों का भी समर्थन
क्षेत्र के पूर्व जनपद सदस्य, व्यापार मंडल अध्यक्ष और कई सामाजिक संगठनों ने भी पत्रकार के समर्थन में प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है।

लोगों में आक्रोश
थाना परिसर के सामने भारी भीड़ जुट रही है। ग्रामीणों और युवाओं में पुलिस प्रशासन के रवैये को लेकर जबरदस्त आक्रोश है।

अब तक की कार्रवाई
फिलहाल प्रशासन पूरी तरह मौन है। एसपी कार्यालय से अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है। पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि 24 घंटे के भीतर थाना प्रभारी पर कार्रवाई नहीं की गई तो जिलेभर में उग्र आंदोलन होगा।

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