मऊगंज गडरा कांड: समरसता सम्मेलन में गरजे नीलम मिश्रा और लक्ष्मण तिवारी, विधायक प्रदीप पटेल और डिप्टी CM पर गंभीर आरोप

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/मऊगंज। मऊगंज का गडरा कांड अब केवल एक घटना नहीं रहा, यह जनता के असंतोष और प्रशासनिक चुप्पी का प्रतीक बन गया है। रविवार को मऊगंज में आयोजित समरसता सम्मेलन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ कभी दबाई नहीं जा सकती।

इस सम्मेलन में पूर्व विधायक नीलम मिश्रा, वरिष्ठ नेता लक्ष्मण तिवारी, कुंवर सिंह, और विनोद शर्मा ने मंच से खुलकर अपनी बात रखी।
सबका एक सुर था — अन्याय नहीं सहेंगे, चुप्पी नहीं देखेंगे।

नीलम मिश्रा ने कहा,
“जो नेता केवल कुर्सी के समय दिखते हैं, वे संकट की घड़ी में क्यों गायब हो जाते हैं?”
“गडरा जैसी घटनाएं तब होती हैं जब प्रशासन सोता है और सत्ता संरक्षण देता है। हम चुप नहीं बैठेंगे। यह अन्याय नहीं चलेगा।”

वहीं सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता लक्ष्मण तिवारी ने बिना नाम लिए सीधे उपमुख्यमंत्री और मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल पर सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा: “जनता के आंसुओं पर सत्ता का सन्नाटा सबसे बड़ा अपराध है। यह चुप्पी एक दिन बहुत भारी पड़ेगी।”

लक्ष्मण तिवारी ने विधायक प्रदीप पटेल और उपमुख्यमंत्री पर तीखा हमला करते हुए कहा,
“गांव की गूंज अब विधानसभा तक जाएगी। जो मौन हैं, वो दोषी हैं।”

सम्मेलन में जुटी भीड़ ने नेताओं की बातों पर तालियों से समर्थन जताया। वहीं, कुंवर सिंह और विनोद शर्मा ने मामले की निष्पक्ष जांच, और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की।

प्रमुख मुद्दे जो उठाए गए:

  • गडरा कांड पर प्रशासनिक चुप्पी
  • सत्ता पक्ष की निष्क्रियता
  • सामाजिक न्याय की मांग
  • क्षेत्रीय नेताओं की जिम्मेदारी पर सवाल

ग्रामीणों ने लगाए भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप

  • कई बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं
  • मऊगंज SDM का भरोसा, पर जनता में असंतोष
  • जमीन विवाद और योजना लाभ वितरण बने बड़ा मुद्दा

मऊगंज तहसील में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। कई गांवों से आए लोगों ने मंच से जिला प्रशासन पर लापरवाही, भ्रष्टाचार और पक्षपात के गंभीर आरोप लगाए।
गडरा, बक्खार, पडरिया और बहदुवा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार जमीन विवाद, आवास योजना, और राशन वितरण से जुड़ी समस्याएं दर्ज कराईं, लेकिन अब तक न कोई अधिकारी मौके पर आया और न ही कोई समाधान हुआ।

ग्रामीण श्याम लाल पटेल ने मंच से कहा:
"हमें इंसाफ़ चाहिए, सिर्फ़ आश्वासन नहीं। गाँव में दलालों की चलती है, अधिकारी उनकी सुनते हैं।"

वहीं, ग्राम पंचायत बक्खार के एक पीड़ित ने कहा:
"मकान योजना में नाम है, लेकिन पैसे के बिना मंजूरी नहीं मिल रही। शिकायत दर्ज है, पर फाइल दबाई जा रही है।"

SDM मऊगंज ने आश्वासन दिया कि सभी शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी, लेकिन लोगों में यह भरोसा कम ही दिखा।

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