मऊगंज कॉलेज में 'पढ़ाई' नहीं, अश्लीलता परोसी गई! वायरल वीडियो ने शिक्षा जगत को हिलाया, रीवा संभाग में हड़कंप, अब कौन लेगा जिम्मेदारी?

 
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शिक्षा के मंदिर में अश्लीलता का वायरल वीडियो: रीवा संभाग के अतिरिक्त संचालक ने मांगी रिपोर्ट, छात्रों और शिक्षकों पर हुई कार्रवाई की मांग

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मऊगंज स्थित शासकीय पीएम श्री कॉलेज, जो कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए बनाए गए डिजिटल बोर्डों के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक शर्मनाक घटना को लेकर सुर्खियों में आया है। क्लासरूम के भीतर, जहां छात्रों को शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए थी, डिजिटल बोर्ड पर भोजपुरी का एक अश्लील आइटम डांस वीडियो चलाया गया। इस घटना ने न केवल कॉलेज के अनुशासन पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि छात्राओं की सुरक्षा और सम्मान को भी खतरे में डाल दिया है।

यह मामला तब सामने आया जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि क्लासरूम में छात्र और छात्राएं एक साथ बैठे हैं और डिजिटल बोर्ड पर आपत्तिजनक सामग्री चल रही है। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लगाए गए इन बोर्डों का ऐसा दुरुपयोग देखकर हर कोई स्तब्ध है।

क्या हुआ था मऊगंज के पीएम श्री कॉलेज में?

इस घटना की शुरुआत तब हुई जब क्लास टाइम के दौरान कुछ शरारती छात्रों और शिक्षकों की लापरवाही के कारण डिजिटल बोर्ड पर भोजपुरी का एक अश्लील गाना चलाया गया। यह उस समय हुआ जब क्लासरूम में छात्र-छात्राएं मौजूद थीं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कुछ छात्र इस वीडियो को देखकर असहज महसूस कर रहे थे। शिक्षा के पवित्र स्थान पर इस तरह की सामग्री का चलना एक गंभीर चिंता का विषय है।

इस घटना ने कॉलेज प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। एक शैक्षणिक संस्थान में जहां 50 से अधिक शिक्षक मौजूद हैं, वहां इस तरह की घटना कैसे हो सकती है? यह सवाल कॉलेज के प्राचार्य और प्रबंधन की जिम्मेदारी पर गहरा संदेह पैदा करता है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया: रीवा संभाग के अतिरिक्त संचालक ने मांगी रिपोर्ट

यह वीडियो वायरल होने के बाद, रीवा संभाग के अतिरिक्त संचालक आर.पी. सिंह ने इस मामले का तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य से फोन पर बात की और उन्हें कड़ी फटकार लगाई। इसके साथ ही, उन्होंने एक पत्र के माध्यम से इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

अतिरिक्त संचालक आर.पी. सिंह ने बताया: “यह वीडियो जो वायरल हो रहा है, वह मऊगंज के शासकीय पीएम श्री कॉलेज का है। मैंने इस वीडियो को संज्ञान में लिया है और भविष्य में इस तरह की गलती न दोहराने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही यह भी जवाब मांगा है कि कॉलेज में 50 से अधिक शिक्षकों की मौजूदगी में यह कैसे हो गया।”

उन्होंने आगे कहा कि इस घटना में जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी छात्रों और शिक्षकों से अपील की है कि वे पूरी तरह से अनुशासन का ध्यान रखें और किसी भी तरह की अनुशासनहीनता में शामिल न हों।

कॉलेज प्राचार्य का स्पष्टीकरण और आगे की कार्रवाई

घटना के बाद, कॉलेज के प्राचार्य ने इसे कुछ शरारती छात्रों और शिक्षकों की लापरवाही बताया है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह एक गंभीर गलती है और इसके लिए वे जिम्मेदार हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक इस घटना में शामिल लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया है। प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द ही इस मामले में शामिल सभी व्यक्तियों की पहचान करेंगे और उनके खिलाफ उचित कानूनी और विभागीय कार्रवाई करेंगे।

इस घटना के बाद, कॉलेज प्रशासन को डिजिटल बोर्डों के उपयोग के लिए सख्त नियम बनाने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इन बोर्डों का उपयोग केवल शिक्षा और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए ही किया जाए।

डिजिटल बोर्ड का दुरुपयोग क्यों हुआ?

कॉलेज में डिजिटल बोर्ड का दुरुपयोग क्यों हुआ? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। डिजिटल बोर्ड का उद्देश्य शिक्षा को आधुनिक बनाना और छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। लेकिन जब इसका उपयोग अश्लील सामग्री के लिए किया जाता है, तो यह पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।

इसके कुछ संभावित कारण हो सकते हैं:

  • शिक्षकों की लापरवाही: क्या शिक्षक क्लासरूम में मौजूद नहीं थे या उन्होंने छात्रों को पूरी तरह से निगरानी में नहीं रखा?

  • तकनीकी सुरक्षा की कमी: क्या डिजिटल बोर्ड को इस तरह से सुरक्षित नहीं किया गया था कि कोई भी छात्र इसमें अपनी सामग्री न चला सके?

  • अनुशासन का अभाव: क्या कॉलेज में छात्रों के बीच अनुशासन का स्तर इतना गिर गया है कि वे इस तरह की हरकतें करने से नहीं डरते?

इन सभी सवालों का जवाब प्रशासन को खोजना होगा।

भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?

इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. सख्त नियम और दिशानिर्देश: कॉलेज प्रशासन को डिजिटल बोर्ड के उपयोग के लिए सख्त नियम और दिशानिर्देश बनाने चाहिए।

  2. शिक्षकों की जवाबदेही तय करना: शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे क्लास के दौरान छात्रों पर पूरी नजर रखें।

  3. तकनीकी सुरक्षा: डिजिटल बोर्ड में पासवर्ड या अन्य सुरक्षा उपाय लगाए जाने चाहिए ताकि केवल अधिकृत व्यक्ति ही इसका उपयोग कर सकें।

  4. छात्रों को जागरूक करना: छात्रों को अनुशासन और नैतिकता के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहिए। उन्हें यह बताना चाहिए कि कॉलेज एक पवित्र स्थान है और उन्हें इसका सम्मान करना चाहिए।

इस घटना ने न केवल मऊगंज पीएम श्री कॉलेज को शर्मिंदा किया है, बल्कि पूरे शैक्षणिक समुदाय को एक चेतावनी भी दी है। यह एक गंभीर मुद्दा है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। शिक्षा के मंदिर में अश्लीलता का कोई स्थान नहीं है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी ही चाहिए।

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