REWA : चिकित्सकों ने रचा नया कीर्तिमान : चार मरीजों के 100 प्रतिशत बंद थी हृदय नस, सफलतापूर्वक की एंजियोप्लास्टी

 

REWA : चिकित्सकों ने रचा नया कीर्तिमान : चार मरीजों के 100 प्रतिशत बंद थी हृदय नस, सफलतापूर्वक की एंजियोप्लास्टी

रीवा श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के हृदय रोग विभाग के चिकित्सकों ने नया कीर्तिमान रचा है। यहां कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. एसके त्रिपाठी ने बीते दिनों हार्ट फेलियर मरीज की जीवन रक्षा के लिए पहली बार एक जटिल प्रक्रिया से ऑपरेशन किया है।

उन्होंने इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर इंप्लांट सफलता पूर्वक किया है। यह जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि मरीज पूरी तरह से हार्ट ब्लॉक के साथ-साथ हृदय की जानलेवा तेज धड़कन का शिकार हो रहा था। दावा है कि बिना प्रोसिजर के मरीज की जान भी जा सकती थी।

प्रोसिजर करने से अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य है। इसी दिन अस्पताल में चार मरीजों की जिनकी ह्दय नस 100 प्रतिशत बंद थी जीवन रक्षा के लिए सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी की गई। जिससे मरीजों की जान बचाई जा सकी है। चिकित्सकों की नई उपलब्धि पर साथियों ने बधाई दी है।

महानगरों की तर्ज पर हो रहे ऑपरेशन

अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग ने पहली बार कोई ऐसी बड़ी उपलब्धि अर्जित नहीं की है। बल्कि इससे पूर्व भी कार्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने कई ऐसे प्रोसिजर क्रियान्वित किये हैं। जिससे मरीज स्वस्थ्य होकर आज चल फिर रहे है।

बताया कि पहले इस तरह के ऑपरेशन बड़े शहरों, महानगरों और राजधानी क्षेत्रों के अस्पतालों में ही संभव थे। उन प्रोसिजरों में डबल चेंबर पेसमेकर, ईपी स्टडी एवं एबलेशन सीआरटीडी और बलून मेट्रोब्लावोटॉमी इत्यादि का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर मरीजों की जान बचाई गई है।

डॉ. अक्षय श्रीवास्तव कहा कि यह प्रोसिजर पहले केवल सिर्फ महानगरों में होते थे। अब सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भी अत्याधुनिक मशीनों के आने से संभव हो रहे है। वहीं कार्डियोलॉजी विभाग में अच्छे चिकित्सकों की पदस्थापना के कारण सभी हार्ट के प्रोसीजर रीवा में आसानी से हो रहे हैं।

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