मंकीपॉक्स को लेकर भारत सावधान : निजी क्लिनिक में लक्षण की जाँच कराने पहुँची महिला की बात सुनकर हड़कंप

 

मंकीपॉक्स को लेकर भारत सावधान : निजी क्लिनिक में लक्षण की जाँच कराने पहुँची महिला की बात सुनकर हड़कंप

भारत में दस्तक दे चुके मंकीपॉक्स को लेकर लोग डरे हुए हैं। भय का अंदाजा इंदौर के इस केस से लगाया जा सकता है। बुधवार को एक महिला मंकीपॉक्स जैसे लक्षण होने पर निजी क्लिनिक पहुंची। वो डरी-सहमी बोली कि मुझे मंकीपॉक्स जैसे लक्षण हैं। महिला की यह बात सुन हड़कंप मच गया। आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग तक इसका मैसेज पहुंचाया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम महिला के घर पहुंची। सैंपल लेने के बाद उसे आइसोलेट कर दिया गया है। सैंपल नागपुर या जयपुर लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक महिला आइसोलेशन में रहेगी।

इधर, CMHO डॉ. बी.एस. सेत्या का कहना है कि इंदौर में मंकीपॉक्स का एक भी कन्फर्म केस नहीं आया है। वे खुद महिला से मिलकर आए हैं। मंकीपॉक्स की बात निराधार है। 55 साल की महिला डायबिटीज की मरीज है। उसे ऐसा रिएक्शन होता रहता है। इसके पहले भी अप्रैल महीने में रिएक्शन हुआ था। उसके परिवार से मिलकर चर्चा भी की है। निजी क्लिनिक में पहुंचने के बाद सभी को लग रहा था कि महिला में मंकीपॉक्स के लक्षण है। महिला भी लक्षण को लेकर डरी हुई है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।

क्या है मंकीपॉक्स?

यह बीमारी मंकीपॉक्स नाम के वायरस की वजह से होती है। मंकीपॉक्स भी स्मॉलपॉक्स (चेचक) परिवार के वायरसों का ही हिस्सा है। हालांकि, इसके लक्षण स्मॉलपॉक्स की तरह गंभीर नहीं, बल्कि हल्के होते हैं। मंकीपॉक्स बहुत कम मामलों में ही घातक होता है। यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि इसका चिकनपॉक्स से लेना-देना नहीं है।

ऐसे फैलता है संक्रमण

मरीज के घाव से निकलकर यह वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लूइड्स को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ठीक से मांस पका कर न खाने या संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।

संदिग्ध मरीज कौन कहलाएगा?

वे लोग जो पिछले 21 दिनों में मंकीपॉक्स से ग्रस्त देशों की यात्रा कर लौटे हैं और उनमें बीमारी के लक्षण हैं, उन्हें संदिग्ध मरीजों की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। लक्षणों में शरीर पर मवाद से भरे दाने, तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और सूजी हुई लिंफ नोड्स शामिल हैं। संदिग्ध मरीज किसी भी उम्र या जेंडर का हो सकता है।

संभावित मरीज कौन कहलाएगा?

वह व्यक्ति जो संदिग्ध मरीज के संपर्क में आया हो या संक्रमित मरीज की छुई हुई चीजों या उसके फिजिकल कॉन्टैक्ट में आया हो, वह मंकीपॉक्स का संभावित मरीज हो सकता है। सरकार के अनुसार, ऐसे लोगों पर संपर्क में आने के अगले 21 दिन नजर रखी जाएगी।

यात्रा करने वालों के लिए गाइडलाइन

विदेश से लौटे यात्रियों को बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचना होगा।

उन्हें जिंदा या मृत जंगली जानवरों और चूहे, गिलहरी, बंदरों के संपर्क में आने से बचना होगा।

यात्रियों को जंगली जानवरों का मीट न खाने और अफ्रीका के जानवरों से बनी क्रीम, लोशन और पाउडर जैसी चीजों का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है।

बीमार लोगों या संक्रमित जानवरों के संपर्क में आए बिस्तर व कपड़ों से दूर रहना होगा।

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