REWA : वायरल ऑडियो कांड : पाक्सो एक्ट का आरोपी प्राचार्य गया जेल, 'सर बोलते थे मेरे साथ होटल चलो, जब-जब बुलाऊं मिलकर खुशकर देना

 
REWA : वायरल ऑडियो कांड : पाक्सो एक्ट का आरोपी प्राचार्य गया जेल, 'सर बोलते थे मेरे साथ होटल चलो, जब-जब बुलाऊं मिलकर खुशकर देना

(ग्राउंड एमपी 17 ऋतुराज द्विवेदी की रिपोर्ट) रीवा/भोपाल। थाना विश्वविद्यालय अंतर्गत नाबालिग किशोरी के साथ वायरल ऑडियो कांड के आरोपी प्रिंसिपल को विश्वविद्यालय पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 24 घंटे के भीतर किया गिरफ्तार भेजा जेल दिया हैँ. ऑडियो सुनने के बाद SSP नवनीत भसीन के आदेश पर पुलिस ने छात्रा को खोज निकाला। छात्रा के बयान के आधार पर केस दर्ज किया गया था। 

थाना प्रभारी जे.पी. पटेल ने बताया की थाना विश्वद्यालय अंतर्गत दिनांक 13/04/2022 को एक किशोरी ने मार्तंड स्कूल क्रमांक- 2 के प्राचार्य अमरेश सिंह के विरुद्ध अश्लील हरकत करने,अनुचित दबाव बनाने के संबंध में थाना विश्वविद्यालय में FIR करवाई थी. जिस पर थाना विश्वविद्यालय में अपराध क्रमांक 128 / 22 धारा -509, 506, 354 (क),451 एवं 11/12 पाक्सो एक्ट का मामला कायम किया गया था. आरोपी समरेश सिंघ घटना के बाद से फरार था.

आरोपी के कृत्य के संबंध में शिक्षा विभाग के द्वारा भी जांच कमेटी का गठन किया गया था. जिसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी प्राचार्य अमरेश सिंह को विभागीय रूप से निलंबित किया गया था. आरोपी घटना के बाद से ही लगातार फरार था. आरोपी के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाए पर जाने पर आरोपी की गिरफ़्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन के मार्गदर्शन मे पुलिस टीम का गठन किया गया था.

ये था वायरल ऑडियो 

मैं रीवा की रहने वाली हूं। उन दिनों मेरे पेपर स्टार्ट होने वाले थे, जब भी मैं स्कूल पहुंचती तो प्रिंसिपल अमरेश सिंह मुझे देखा करते थे। बोलते थे बहुत दिनों से मेरी नजर तुम पर थी। जिस दिन मेरा पहला पेपर था उस दिन मुझे ऑफिस बुलाए और धमकी देने लगे कि मेरे साथ चलो...मैं जो बोलूं वो करो, नहीं तो तुम्हें बदनाम कर दूंगा। हर जगह तुम्हारी झूठी खबर फैला दूंगा और बदनाम करके TC दे दूंगा। इसलिए मेरी बात मानो और मेरे साथ गोविंदगढ़ के जंगल में चलो। मेरे साथ होटल चलो। जब-जब बुलाऊं तब-तब मिलो, नहीं तो ठीक नहीं होगा। प्रिंसिपल ने बोला तुम अकेले घर आती-जाती हो, तुम्हें बदनाम करके जान से मरवा दूंगा। अगर किसी को बताने की कोशिश की तो बदनाम कर दूंगा। तब मैं सर के दबाव में आकर बोली कि ठीक है। लेकिन मैं उनके बुलाने पर जाती नहीं थी। इसी दौरान पता नहीं सर को कहां से मेरा मोबाइल नंबर मिल गया। सर फोन करके धमकी देने लगे कि तुम क्यों नहीं आई। तुम जानती नहीं हो तुम्हें कलंकित करके बदनाम कर दूंगा। पेपर के बाद तुम कक्षा में ही रूकना, मैं आउंगा तुम्हारे पास, तुम संतुष्ठ करना मेरे को। मैं तुम्हारे नंबर बढ़वा दूंगा। टॉप करोगी, अगर मेरी बात नहीं मानी तो बर्बाद कर दूंगा। तुम्हारे घर वालों को बोल दूंगा कि लड़की ही गलत है, इसलिए मेरी बात मानो। 10 अप्रैल को मेरे घर आए मैं बोली की मैं घर पर अकेली हूं तो बोले कि दरवाजा खोलो। मैंने मना किया तो बोले कि तुम्हारे मम्मी-पापा से बात किया हूं। तब मैंने दरवाजा खोल दिया। एक कोरे कागज पर साइन करवाए। मैं साइन करने से मना कर रही थी तो बोले कि साइन नहीं करोगी तो जान से मरवा दूंगा। इसके बाद मैने साइन कर दिया।

साइबर सेल की ताबड़तोड़ दबिश 

विश्वविद्यालय पुलिस ने साइबर सेल की मदद से  घटना के बाद से ही आरोपी के संभावित ठिकानों पर ताबड़तोड़ दबिश दे रही थी. अंततः विश्वविद्यालय पुलिस एवं साइबर की टीम ने 24 घंटे के भीतर आरोपी प्राचार्य को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया. जहां से आरोपी को 15 दिवस के लिए न्यायिक रिमांड पर भेज पर जेल दिया गया.

इनकी रही भूमिका 

आरोपी को गिरफ्तार करने मे थाना प्रभारी जे. पी. पटेल के नेतृत्व मे उप. निरीक्षक संग्राम सिंह,साइबर सेल के उप. निरी. गौरव मिश्रा, वरुण, एवं थाना वि. वि. की महिला उप. निरी. पार्वती, प्रधान आरक्षक सुरेश सिंह, अनुराग तिवारी, राकेश सिंह, विष्णु दत्त पांडे, आरक्षक अजय सिंह, प्रवीण मिश्रा की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

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