पुलिस बनकर अपहरण करने जा रहे थे लॉरेंस-गोल्डी के 10 शूटर, जानिए फिर क्या हुआ...

 
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CRIME NEWS: हरियाणा पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के 10 शूटर्स को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है. इनके पास से चार पिस्टल, 28 कारतूस, एक स्कॉर्पियो, एक होंडा सिटी और पुलिस की सात वर्दी बरामद की हैं. इसमें से एक वाहन दिल्ली से चोरी किया गया था. आरोपियों की पहचान राकेश कुमार उर्फ अनिल, हरजोत सिंह उर्फ लीला, अजय ईशरवालिया उर्फ पंजाबी, प्रिंस उर्फ गोलू, जोगिंदर उर्फ जोगा, संदीप उर्फ दीप और सिंदरपाल उर्फ बिट्टू के रूप में हुई है. इनसे पूछताछ के बाद धर्मेंद्र उर्फ धर्मा, दीपक उर्फ दिलावर और भरत को देवीलाल स्टेडियम के पास से पकड़ा गया.

आरोपियों ने पूछताछ बताया कि वो सभी गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के शूटर हैं. गुरुग्राम में डकैती और अपहरण की वारदात को अंजाम देने आए थे. प्लानिंग के तहत जोगिंद्र उर्फ जोगा पुलिस इंस्पेक्टर बनकर टीम को लीड करता. इसके बाद अपहरण करके करोड़ों रुपये की फिरौती मांगता.

गुरुग्राम में एक शख्स के अपहरण की रची थी साजिश

हालांकि, इससे पहले शूटर्स अपने मंसूबों में कामयाब होते, असली पुलिस को साजिश की भनक लग गई और तुरंत ही सभी को धर दबोचा. आरोपियों ने ये भी बताया कि विदेश में रह रहे गोल्डी बराड़, रोहित गोदारा और वीरू के इशारे पर वारदात को अंजाम देते हैं. उन्हीं के कहने पर गुरुग्राम से एक व्यक्ति का अपहरण करके करोड़ों रुपये की फिरौती वसूल करनी थी.

हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में आरोपियों के खिलाफ दर्ज हैं केस

पकड़े गए शूटर्स के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या के प्रयास, चोरी, मारपीट, धमकी देने, अवैध हथियार रखने आदि मामलों में के हरियाणा के भिवानी, पंचकूला, सिरसा, अंबाला, गुरुग्राम सहित मोहाली (पंजाब), राजस्थान में कई केस दर्ज हैं. पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. इनके आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं. अदालत के सामने पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा.

जानिए कौन है जोगेंद्र उर्फ जोगा

जोगेंद्र उर्फ जोगा पकड़े गए शूटर्स का लीडर और वांछित अपराधी है. वो भिवानी जिले के बड़दूनई गांव का रहने वाला है. इसके खिलाफ लूट, डकैती, जानलेवा हमला करने, उगाही जैसे संगीन मामलों में 15 से अधिक केस दर्ज हैं. साल 2017 से अक्टूबर 2021 तक ये अंबाला जेल में था. इसके बाद फरवरी 2022 में इसे गिरफ्तार किया गया था. करीब 35 दिन बाद ये जमानत पर बाहर आ गया था. उसके बाद कोर्ट में पेश नहीं हुआ था. पटियाला जेल में बंद होने के दौरान इसकी मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के सदस्यों से हुई थी.

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