Old Pension Scheme : 70 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी 2 अक्टूबर को करेंगे प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन, प्रदर्शन करने वाले 50 टीचर सस्पेंड

 
MP में पुरानी पेंशन को लेकर 2 अक्टूबर को आंदोलन

राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करे

मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा फिर उठने लगा है। कर्मचारी संगठन 2 और 7 अक्टूबर को बड़ा आंदोलन करने वाले हैं। वे चाहते हैं कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करे। उधर, स्कूल शिक्षा विभाग ने भोपाल में पुरानी पेंशन स्कीम समेत अन्य मांगों को लेकर हुए आंदोलन में शामिल 50 शिक्षकों को 24 घंटे के दौरान सस्पेंड कर दिया है। आंदोलन 13 सितंबर को हुआ था। विभाग ने प्रदेशभर के करीब 400 शिक्षकों को नोटिस भेजकर पूछा था कि क्या वे भोपाल में हुए प्रदर्शन में शामिल थे?

कर्मचारी संगठनों की लगातार मांग के बावजूद सरकार के स्तर पर अब तक पुरानी पेंशन बहाल के संकेत नहीं दिए गए हैं। इससे नाराज कर्मचारी आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। प्रदेश के करीब 9 लाख कर्मचारियों की इस मांग को देखते हुए कांग्रेस ने भी दांव खेल दिया है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने वादा किया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन स्कीम लागू करेंगे।

पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर कर्मचारी करेंगे उपवास


पहले जानते हैं, क्या है नई पेंशन

  • 1 जनवरी 2005 के बाद भर्ती अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू है। 1 जनवरी 2005 के बाद प्रदेश में 3.35 लाख से ज्यादा कर्मचारी सेवा में आ चुके हैं, जो पेंशन नियम-1972 के दायरे में नहीं आते। इसके तहत कर्मचारी 10% और इतनी ही राशि सरकार मिलाती है।
  • कर्मचारी संगठनों के अनुसार इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है। रिटायरमेंट होने पर 60% राशि कर्मचारी को नकद और शेष 40% राशि की ब्याज से प्राप्त राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है। यह राशि 7 हजार रुपए से ज्यादा नहीं होती।

पुरानी पेंशन क्यों फायदेमंद
पुरानी पेंशन बहाली संघ के अनुसार पुरानी पेंशन नीति में सैलरी की लगभग आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। DA बढ़ने पर पेंशन भी बढ़ जाती थी। नई नीति में ऐसा कुछ भी नहीं है। इसकी वजह से वे पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग उठा रहे हैं।

राजस्थान-छत्तीसगढ़ में कब-कब हुई घोषणाएं
मध्यप्रदेश से सटे राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल कर दी है। दोनों जगह कांग्रेस की सरकार है। इसके बाद मध्यप्रदेश के कर्मचारी सरकार पर पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए दबाव बना रहे हैं।

  • राजस्थान: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी साल बजट में कई बड़ी घोषणाएं की थीं। इसमें पुरानी पेंशन को भी बहाल करने की घोषणा शामिल थी।
  • छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद राज्य शासन ने नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर 1 नवंबर 2004 से पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी। इसकी अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में 11 मई 2022 को प्रकाशित की गई। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में 9 मार्च को राज्य सरकार के 2022-23 के बजट में यह घोषणा की थी।

कमलनाथ ने ट्वीट कर की थी घोषणा

कांग्रेस का कर्मचारियों से वादा...

2 अक्टूबर को प्रदेशभर में होने वाले कर्मचारियों के आंदोलन से पहले पूर्व सीएम कमलनाथ ने वादा किया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन स्कीम लागू करेंगे। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकारें यह स्कीम लागू कर चुकी हैं। बता दें कि प्रदेश में पिछले 6 महीने से पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं।

कर्मचारी संगठन करेंगे आंदोलन

  • मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा से 50 से अधिक कर्मचारी संगठन जुड़े हैं। ये सभी संगठन 2 अक्टूबर को प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे। सभी जिला मुख्यालयों में दोपहर 12 से 2 बजे के बीच 2 घंटे का उपवास करेंगे। महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मांगों से संबंधित ज्ञापन रखेंगे।
  • बिजली कंपनी के प्रदेश के 70 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी 2 अक्टूबर को प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन करेंगे। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉय एवं इंजीनियर संगठन के बैनर तले यह प्रदर्शन होगा। इससे बिजली से जुड़ी सेवाएं ठप हो जाएंगी। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर 7 अक्टूबर को मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ बड़ा आंदोलन करेगा। सभी जिलों में धरने भी होंगे।

कर्मचारी संगठनों ने ये कहा...

  • मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक जितेंद्र सिंह ने बताया, 2 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालय पर दो घंटे उपवास कर ज्ञापन महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास रखेंगे। पुरानी पेंशन समेत अन्य मांगों का सरकार जल्द निराकरण करें।
  • यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉय एवं इंजीनियर संगठन के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 2 अक्टूबर को सभी जिलों में प्रदर्शन प्रस्तावित है।
  • तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि 7 अक्टूबर को प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन पुरानी पेंशन की बहाली समेत अन्य मांगों को लेकर होगा।
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शिक्षकों के सस्पेंशन पर संघ अध्यक्ष बोले- सरकार अहंकारी

भोपाल में करीब 7 साल बाद 13 सितंबर को हुए शिक्षकों के आंदोलन को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाई है। प्रदर्शन में आए शिक्षकों के अलावा कई शिक्षक 13 सितंबर को स्कूलों से गायब थे। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर के करीब 400 शिक्षकों को नोटिस भेजकर पूछा था कि क्या वे भोपाल में हुए प्रदर्शन में शामिल थे? नोटिस मिलने के बाद भी शिक्षकों ने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने बीते 24 घंटे के दौरान करीब 50 से ज्यादा शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया।

शासकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने कहा कि सरकार की ये कार्रवाई ठीक नहीं। मध्यप्रदेश के सभी शिक्षक अपनी पुरानी पेंशन बहाली और दूसरी मांगों के लिए संघर्षरत हैं। सरकार अहंकार से ग्रसित होकर निलंबित करने का कार्य कर रही है। यह शिक्षकों की आवाज को दबाने का काम है।

मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर कांग्रेस ने फिर बड़ा दांव खेला है। 2 अक्टूबर को प्रदेशभर में होने वाले लाखों कर्मचारियों के आंदोलन से पहले पूर्व सीएम कमलनाथ ने वादा किया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन स्कीम लागू करेंगे। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकारें यह स्कीम लागू कर चुकी है।

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