एक ऐसा राजा जिसने अपने अपमान का बदला लेने के लिए Rolls-Royce Car से उठवाया कचरा

 
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राजस्थान में अगले महीने चुनाव होने हैं. राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ गई है. इंडिया डॉट कॉम हिंदी आपके लिए एक स्पेशल सीरीज लेकर आया है. इस खास सीरीज में आपको राजस्थान के किस्से पढ़ने को मिलेंगे. आज किस्सा राजस्थान के एक ऐसे राजा की, जिसने अपने अपमान का बदला लेने के लिए रॉल्स रायस से कचरा उठवाया. ऐसा राजा जिसके बारे में कहा जाता है कि अगर वो किसी अंग्रेज से हाथ मिलाते थे तो उसके बाद गंगा जल से हाथ धोते थे. आज बात राजस्थान के अलवर के राजा जयसिंह की.

ऐसे राजा जो अगर किसी अंग्रेज से हाथ मिलाते थे तो उसके बाद गंगा जल से हाथ धोते थे (Photo File)

                                                                                                   ऐसे राजा जो अगर किसी अंग्रेज से हाथ मिलाते थे तो उसके बाद गंगा जल से हाथ धोते थे (Photo File)

आज किस्सा राजस्थान के एक ऐसे राजा की, जिसने अपने अपमान का बदला लेने के लिए रॉल्स रायस से कचरा उठवाया. ऐसा राजा जिसके बारे में कहा जाता है कि अगर वो किसी अंग्रेज से हाथ मिलाते थे तो उसके बाद गंगा जल से हाथ धोते थे. आज बात राजस्थान के अलवर के राजा जयसिंह की.

भारतीय राजाओं और रॉल्स रायस की रिश्ता पुराना है. दूसरे विश्वयुद्ध के पहले लगभग 20 हजार रॉल्स रायस कारें बनाई गईं. लगभग 20 प्रतिशत रॉल्स रायस भारत में भेजे गए थे. उस समय भारत में लगभग 230 राजा होते थे. और तो और हमारे देश में लगभग 2000 रोल्स रॉयस थीं.

जब राजा का हुआ अपमान

ये हो गई जानकारी. मॉर्डन भाषा में कहें तो डेटा. अब चलते हैं किस्से की ओर. साल 1920 की बात है. जय सिंह उस वक्त राजस्थान के अलवर के महाराजा थे. लंदन गए हुए थे. मेफेयर एरिया की सड़कों पर घूम रहे थे. उसी दौरान उनकी नजर ‘रॉल्स रॉयस’ की शोरूम पर पड़ी. जब उन्होंने उसकी कीमत पूछी तो भारतीय होने के नाते उन्हें शोरूम से बाहर कर दिया गया. उस वक्त जयसिंह साधारण पोशाक में थे.

राजा जय सिंह इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाए. फिर भी बिना कुछ कहे होटल चले आए. उन्होंने अपने कमरे में नौकर को बुलाया. और उससे रॉल्स रायस के उसी शोरूम में फोन कराया, जहां उनका अपमान हुआ था. नौकर को ये बताने के लिए कहा कि उनके शोरूम में अलवर के राजा आ रहे हैं. शोरूम के सभी सेल्समैन राजा जयसिंह के स्वागत के लिए पंक्ति में खड़े हुए. शोरूम में एक लाल कालीन बिछाया गया. तब राजा शाही अंदाज में शोरूम में आए. शोरूम के लोग उनका ये रूप देखकर हैरान थे. उनका जोरदार स्वागत किया गया. उस वक्त शोरूम में कुल छह रॉल्स रायस खड़ी थीं. उन्होंने सब खरीद लिए. इतने में जयसिंह कहां मानने वाले थे. अलवर के राजा थे. उस जमाने में राजा का अपमान आम बात नहीं थी. राजा ने सभी कारों को भारत भेजवाया.

रॉल्स रॉयस ने पत्र लिखकर माफी मांगी
राजा के इस कदम के बाद रॉल्स रॉयस की गाड़ियों का मजाक बनने लगा. लोग इन्हें खरीदने से कतराने लगे. सभी को लगने लगा कि जिस गाड़ी में भारत अपना कचरा ढोता है, उसे कोई कैसे चला सकता है. कहते हैं, अंत में कंपनी ने पत्र लिखकर राजा जय सिंह से अपने कर्मचारी के व्यवहार के लिए माफी मांगी थी. साथ ही अनुरोध किया था कि उनकी गाड़ी से कचरा उठाना बंद कर दिया जाए. जय सिंह ने भी अपना दिल बड़ा करते हुए कंपनी को माफ कर दिया और गाड़ी से कचरा उठाने का काम बंद करवा दिया था.

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