BIG BREAKING : अगर आप ने भी लगवाई है Covishield या Covaxin तो जरूर जान ले ये बात ,स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

 
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लंदन: ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने ब्रिटिश अदालत के सामने एक बड़ा खुलासा किया। एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन कुछ दुर्लभ मामलों में रक्त के थक्के का कारण बन सकती है। प्लेटलेट काउंट भी इससे घट सकता है। एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (oxford university) के साथ मिलकर इस वैक्सीन को डेवलप किया था। वहीं भारत में सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) ने इसे बनाया था। भारत में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है। भारत में कोवैक्सिन और कोविशील्ड (Covishield TO Covaxin) दो टीके प्रमुख तौर पर लगे थे। हालांकि जिस कोविशील्ड वैक्सीन पर सवाल उठ रहे हैं, उससे जुड़ा एक शोध हाल ही में आया था, जिसमें कहा गया था कोविशील्ड कोवैक्सिन से ज्यादा प्रभावी है.

नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में 11 संस्थान के एक संघ की ओर से एक अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि कोविशील्ड वैक्सीन ने कोवैक्सिन की तुलना में अधिक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दिखाई है। इस स्टडी का निष्कर्ष द लांसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया पत्रिका में 6 मार्च को प्रकाशित हुआ था। SARS-Cov-2 के खिलाफ इन टीकों की ओर से दिखाई गई प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं की गुणवत्ता और मात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण अंतरदृष्टि इस शोध में पता चली थी।

स्टडी में ये संस्थान हुए शामिल

इस स्टडी में 11 संस्थानों के बीच सहयोग शामिल था, जिसमें से कम से कम छह पुणे से थे। इन छह में भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान पुणे (IISER), राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (NCL), राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (NCCS) और पुणे नॉलेज क्लस्टर शामिल हैं। कोविशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट तो वहीं कोवैक्सिन को भारत बायोटेक ने बनाया था।

स्टडी में क्या पता चला था

  • जून 2021 से जनवरी 2022 तक किए गए व्यापक अध्ययन में बेंगलुरु और पुणे के 18 से 45 वर्ष के 691 लोगों ने हिस्सा लिया। कोवैक्सिन की तुलना में कोविशील्ड ने अधिक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं दिखाईं।
  • ज्यादातर प्रतिभागियों ने कोविशील्ड के प्रति लगभग पूर्ण प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दिखाई। जबकि कोवैक्सिन की प्रतिक्रिया अलग-अलग थी। खास तौर से उनमें जिन्हें ओमिक्रोन संस्करण के आने से पहले टीके लगाए गए थे।
  • कोविशील्ड ने सेरोनिगेटिव (बिना पूर्व जोखिम वाले व्यक्ति) और सेरोपॉजिटिव (पूर्व जोखिम वाले व्यक्ति) में हाई एंटीबॉडी लेवल को प्रेरित किया, जो अधिक शक्तिशाली और स्थायी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के बारे में बताता है।
  • इसके अलावा कोविशील्ड ने कोवैक्सिन की तुलना में अधिक संख्या में टी कोशिकाओं को ट्रिगर किया, जो एक मजबूत इम्युन सिस्टम को दिखाता है।

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