Cyber Fraud Coaching: साइबर ठगी की इस गाँव में मिलती है ट्रेनिंग, फिर रोजाना कमाते है लाखों रुपये, जानिए कैसे चलता है पूरा खेल

 
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New Delhi : साइबर क्राइम जिससे लोगों के साथ बड़ी धोखाधड़ी की जा रही है लेकिन इसमें लोग ट्रेनिंग लेकर हर दिन लोगों से लाखों रुपए हड़प रहे हैं l ज्यादातर ऑनलाइन आर्डर बिजली का बिल यह किसी बैंक का मैनेजर बनकर लोगों का शिकार बनाया जा रहा है लेकिन कभी आपके मन में ख्याल आया होगा कि यह लोग साइबर क्राइम करने की ट्रेनिंग कहां से लेते हैं तो आइए जानते हैं अभी।

हरियाणा पुलिस ने 5000 पुलिसकर्मियों के साथ मेवात के 14 गांवों में 27 अप्रैल को रेड मारी. जिसमें 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया. साइबर ठगी में इस्तेमाल किए गए 2 लाख से ज्यादा नंबर बंद करवाए.

इस रेड में खुलासा ये भी हुआ कि इन गांवों में साइबर ठग तैयार करने के लिए बकायदा ट्रेनिंग कोर्स करवाए जाते है. एक अखबार की रिपोर्ट में बताया है कि साइबर क्राइम की ये ट्रेनिंग राजस्थान में भरतपुर जिले के दो गांवों,

जुरहरा और गामड़ी में होती है. तैयार किए गए ठगों को बैंक अकाउंट खोलने के लिए नकली सिम कार्ड और डॉक्यूमेंट्स भी दिए जाते हैं.  लगभग सात दिन में इसमें ठग तैयार कर दिए जाते हैं.

एक वरिष्ठ जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने जुरहरा और गामड़ी गांवों में ट्रेनिंग स्कूल से कोचिंग लेने की बात कबूली है. कोचिंग करने वालों का देश भर में एक बड़ा नेटवर्क है. यहां के ट्रेनर, प्रोफेशनल कॉल करने से लेकर सोशल मीडिया पर आकर्षक मैसेजिंग करने तक, सब सिखाते हैं. वहीं आरोपी ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि इन गावों में साइबर ठगी के 100 से ज्यादा ट्रेनिंग स्कूल चलाए जा रहे हैं.

फिशिंग और OLX वाले कोर्स फ्रॉड सबसे सस्ते हैं. इनकी फीस 10,000 रुपये से लेकर 15,000 रुपये महीने के बीच है. "सेक्सटॉर्शन" या हनीट्रैप वाला कोर्स सबसे महंगा है. ये कोर्स भी तीन महीने का है.

ट्रेनिंग के बाद अपराधी खेतों से काम करते हैं क्योंकि वहां फोन को ट्रैक करना मुश्किल होता है. मामलिका जैसे कई गांव जांच के दायरे में आए हैं. आरोप है कि यहां किसान साइबर अपराधियों को घंटे के हिसाब से खेत किराए पर देते हैं.

साइबर क्राइम वाले कोचिंग सेंटर का खुलासा किया. उनके रिपोर्टर ने सात दिन के कोर्स की पूरी डीटेल साझा की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ठगी के कोर्स करने के लिए शख्स को किसी कॉल सेंटर पर 6-7 महीने के काम का अनुभव होना जरूरी है.

उसके पास अपना लैपटॉप और बाकी सेट अप भी होना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक, कोचिंग में बड़े बड़े आरोपियों के गेस्ट लेक्चर भी होते हैं. बैंक खाते लिमिट के हिसाब से अलग-अलग कीमतों पर बिकते हैं.

जैसे 50 ‌हजार लिमिट वाला खाता 22 हजार में मिलेगा. साथ में एटीएम कार्ड भी मिलेगा. वहीं 1 लाख की लिमिट वाले खाते के लिए 40 से 42 हजार रुपये देने होंगे. फोन-पे, जी-पे व पेटीएम से जुड़े नंबर के सिम भी 7000 रुपए में दिए जाते हैं. ये सारा काम टेलिग्राम ग्रुपों के जरिए होता है.

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