Holika Dahan 2023 Muhurat : आज रात और कल 7 मार्च को यानी दो दिन होलिका दहन, 8 मार्च को रंग पंचमी

 
IMAGE

Holika Dahan 2023 Muhurat : मध्यप्रदेश में आज रात और कल 7 मार्च को यानी दो दिन होलिका दहन किया जाएगा। उज्जैन में आज भगवान महाकाल को 40 क्विंटल फूल अर्पित कर होली खेली गई। महाकालेश्वर मंदिर समेत प्रदेश के दूसरे बड़े मंदिरों में आज रात होलिका दहन किया जाएगा, जबकि मोहल्ले, कॉलोनी और दूसरे सार्वजनिक मंचों से होलिका दहन 7 मार्च की शाम होगा। दोनों स्थिति में रंग 8 मार्च को खेला जाएगा।

ऐसा इसलिए, क्योंकि पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका पूजन की मान्यता है। पूर्णिमा 6 और 7 मार्च दोनों दिन है। 28 साल पहले 26 मार्च 1994 को ऐसा ही हुआ था। तब भी पूर्णिमा तिथि दो दिन थी और सूर्यास्त के बाद शुरू होकर अगले दिन सूर्यास्त से पहले खत्म हो गई थी।

इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में दोनों दिन होली जलेगी। जबकि, भोपाल और जबलपुर में 7 मार्च को होलिका दहन होगा। सागर और रीवा में होलिका दहन 7 मार्च को होगा। रतलाम में आज ही होली जल जाएगी। खंडवा के ग्रामीण अंचल में आज, जबकि शहर में कल होली जलेगी। 8 मार्च को धुलेंडी (रंग खेलना) मनाई जाएगी। इसी दिन सरकारी छुट्‌टी भी घोषित है। हालांकि, ज्यादातर पंडित और ज्योतिषाचार्य 6 मार्च को ही होलिका दहन और 7 मार्च को धुलेंडी मनाने के लिए एकमत हैं।

होलिका दहन की तिथि को लेकर कन्फ्यूजन क्यों?

हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर होली जलती है। इसके अगले दिन धुलेंडी मनाई जाती है। यानी रंग खेला जाता है, लेकिन इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन तक रहेगी। अशुभ भद्रा काल भी रहेगा। इसी कारण किसी पंचांग में होलिका दहन 6 तो किसी में 7 मार्च को बताया गया है।

कैसे तय होता है होलिका दहन का मुहूर्त?

होलिका दहन का मुहूर्त तीन बातों से तय होता है। मुहूर्त में पूर्णिमा तिथि और सूर्यास्त के बाद का समय, जिसे प्रदोष काल कहते हैं, ये दोनों होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि भद्रा काल न हो।

पूर्णिमा और भद्रा कब से कब तक रहेगी?

पूर्णिमा 6 मार्च की शाम साढ़े 4 बजे शुरू होगी। 7 मार्च की शाम 6.10 तक रहेगी। भद्रा 6 मार्च की शाम 4.18 से 7 मार्च की सुबह सूर्योदय तक रहेगी। इसमें भद्रा का पुच्छ काल 6 और 7 मार्च की दरमियानी रात 12.40 से 2 बजे तक रहेगा।

6 मार्च को ही होलिका पूजन श्रेष्ठ

होलिका पूजन और दहन को लेकर बनी असमंजस स्थिति पर उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बेवाला ने कहा, शास्त्रीय गणना के अनुसार पूर्णिमा तिथि की साक्षी (उपस्थिति) में ही होलिका पूजन करना चाहिए। धर्मसिंधु में इसकी व्याख्या है। इस आधार पर 7 मार्च की शाम 5 बजकर 19 मिनिट पर प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। यह शास्त्र समत नहीं है। इस दृष्टिकोण से भले ही पूर्णिमा 2 दिन हो, लेकिन यदि प्रदोष काल में प्रतिपदा है तो होलिका के पूजन के लिए मान्य नहीं है। भारत के लगभग सभी पंचांगों में 6 मार्च को पूर्णिमा तिथि पर प्रदोष काल में होलिका की पूजन की बात लिखी जा रही है, इसीलिए होलिका दहन 6 मार्च को ही करना चाहिए।

धर्म शास्त्रीय गणना के अनुसार, व्रत और पर्व काल जब प्रदोष काल और पूर्णिमा की तिथि में हो तो ऐसी स्थिति में भद्रा का कोई दोष नहीं लगेगा। भद्रा का मुख या पुच्छ स्पर्श करता भी है तो शास्त्र इसे त्यागने की बात कहता है। यानी भद्रा का मुख या पुच्छ भी होने से त्योहार को दोष मान्य नहीं होगा। इस दृष्टिकोण से भी 6 मार्च को ही पूजन करना चाहिए।

7 मार्च को भी होलिका दहन किया जा सकता है

इंदौर के पं. अरविंद पंड्या के के अनुसार, सामान्यत: ज्यादातर स्थानों पर होलिका दहन देर रात से सुबह के बीच किया जाता है। प्रदोषकाल में बहुत कम स्थानों पर होलिका दहन होता है। ऐसे में 7 मार्च को सुबह 5.15 बजे भद्रा की समाप्ति के बाद भी होलिका दहन किया जा सकता है। इस दिन पूर्णिमा तिथि भी रहेगी और भद्रा भी खत्म हो जाएगी।

किस शहर में कब-कहां जलेगी होली?

इंदौर के राजवाड़ा, खजरना और रणजीत हनुमान कैम्पस में आज जलेगी होली

इंदौर में राजवाड़ा की सरकारी होली, खजराना गणेश मंदिर और रणजीत हनुमान कैम्पस में होलिका का दहन आज ही होगा। शहर के बाकी हिस्से में 7 मार्च को होली जलेगी। धुलेंडी 8 मार्च को मनाई जाएगी। खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पं. अशोक भट्‌ट ने बताया, रात 8.02 बजे होलिका का दहन होगा। रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास ने बताया कि इंदौर में 6 मार्च की शाम 4.44 बजे से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होकर अगले दिन मंगलवार शाम 5.55 बजे तक रहेगी।

Related Topics

Latest News