IAS Coaching : CCPA ने खान स्टडी ग्रुप,दृष्टि IAS, बायजू समेत 20 IAS कोचिंग संस्थानों को भेजा नोटिस, 4 इंस्टिट्यूट पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना

 
DTRHU

IAS Coaching Centers News : इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS ) की परीक्षा के लिए छात्रों को तैयार कराने वाले 20 संस्थानों पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कड़ा रुख अपनाते हुए नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही 4 इंस्टिट्यूट पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह जांच भ्रमित करने वाले विज्ञापनों और आईएएस जैसे कॉम्पिटिटिव परीक्षा में टॉपर्स या फिर अच्छी रैंक वाले कैंडिडेट्स की तस्वीरों के गलत तौर पर इस्तेमाल के चलते की जा रही है। मीडिया सूत्रों की मानें तो सीसीपीए ने भ्रमित करने वाले विज्ञापन जारी करने के लिए पूरे देश में 20 आईएएस कोचिंग संस्थानों को नोटिस भेजा है।

बता दें, पूरे भारत में कोचिंग क्षेत्र का व्यापार 58,088 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है। साल दर साल लाखों छात्र कॉम्पिटिटिव परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा या दिल्ली जैसे शहरों में कोचिंग संस्थानों में एडमिशन लेते हैं। जहां एक ओर कोटा इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा की तैयारी के लिए फेमस है। वहीं दिल्ली के मुखर्जी नगर और राजेंद्र नगर को यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग का हब माना जाता है। अब ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भ्रमित करने वाले विज्ञापन परीक्षा की तैयारी की इच्छा रखने वाले व्यक्ति का भविष्य बिगाड़ सकते हैं।

बता दें, जिन संस्थानों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें उनमें आईएएस बाबा, चहल एकेडमी, आईक्यूआरए आईएएस, और राउज आईएएस स्टडी सर्किल शामिल हैं। इन सभी को अब सीसीपीए द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान करना होगा। इस मामले पर सीसीपीए चीफ कमिश्नर निधि खरे ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए कहा, ”20 में से तीन संस्थानों जैसे राउज आईएएस स्टडी सर्कल, चहल अकादमी और आईक्यूआरए आईएएस पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।”

सीसीपीए ने इन संस्थानों को भेजा है नोटिस
निधि खरे ने मीडिया को संस्थानों के नाम साझा किये जिनमें, दृष्टि आईएएस, बायजू आईएएस, विजन आईएएस, अनएकेडमी, खान स्टडी ग्रुप जैसे फेमस संस्थानों के नाम भी शामिल हैं। बता दें, इन संस्थानों के मॉक इंटरव्यू, अध्यापकों का पढ़ाना और मोटिवेशनल वीडियो सोशल मीडिया पर अक्सर वायरल रहते हैं । जिसके चलते लाखों की संख्या में कैंडिडेट्स इनको फॉलो करते हैं और इनके पास आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिए आते हैं। नोटिस जारी होने के बाद अब इन नामचीन संस्थानों पर भी सीसीपीए अपन शिकंजा कस सकती है।

इन संस्थानों को नोटिस जारी
उन्होंने कहा कि जुर्माने के आदेश के खिलाफ राउज आईएएस स्टडी सर्किल ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) में अपील दायर कर दी है. वहीं, सीसीपीए से नोटिस पाने वाले कोचिंग संस्थान आईएएस बाबा ने इसके खिलाफ स्थगन ले लिया है. खरे ने कहा कि वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट, चहल अकादमी, खान स्टडी ग्रुप आईएएस, एपीटीआई प्लस, एनालॉग आईएएस, शंकर आईएएस, श्रीराम आईएएस, बायजू आईएएस, अनएकेडमी, नेक्स्ट आईएएस, दृष्टि आईएएस, आईक्यूआरए आईएएस, विजन आईएएस, आईएएस बाबा, योजना आईएएस, प्लूटस आईएएस, एएलएस आईएएस, राउज आईएएस स्टडी सर्कल को नोटिस जारी किया गया है.
कोचिंग सेंटर करते हैं भ्रामक प्रचार

सीसीपीए चेयरपर्सन के मुताबिक संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद कई कोचिंग संस्थान विज्ञापनों की होड़ में लग जाते हैं. हर साल 10 लाख से अधिक छात्रों में से औसतन 900 छात्र यूपीएससी परीक्षा पास करते हैं. साल 2022 में यूपीएससी के अंतिम परिणाम आने के बाद कुल 933 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की गई थी. हालांकि, 20 संस्थानों ने अपने जिन छात्रों के चयन का दावा किया, वह संख्या यूपीएससी की सिफारिशों से उल्लेखनीय रूप से अधिक थी. कई कोचिंग संस्थान जान बूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर अपने छात्र के समान रैंक धारक का दावा करते हैं. सफल उम्मीदवार ने विभिन्न विषयों और प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा के लिए कई संस्थानों में कोचिंग ली होती है. खरे ने कहा कि ये संस्थान स्पष्ट रूप से यह नहीं बताते हैं कि वे छात्र संस्थान में किन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे थे.

निधि खरे एक संस्थान के भ्रमित करने वाले दावों का उदाहरण देते हुए मीडिया को बताया कि एक संस्थान ने 2022 में यूपीएससी परीक्षा में चयनित 933 उम्मीदवारों में से 682 उम्मीदवारों का क्रेडिट लिया था । लेकिन जब सीसीपए ने संस्थान को नोटिस भेजा तो उसने ने सफाई देते हुई बताया कि 682 में से 673 उम्मीदवारों ने संस्थान में मॉक इंटरव्यू दिए और 9 उम्मीदवारों ने टेस्ट सीरीज़ और सामान्य अध्ययन जैसे पाठ्यक्रमों में एडमिशन लिया था। उन्होंने कहा कि IAS की तैयारी कराने वाले संस्थान के ज्यादातर सफल रहे उम्मीदवारों ने केवल मॉक इंटरव्यू और टेस्ट सीरीस की सुविधाओं का इस्तेमाल किया था। ऐसे में संस्थान द्वारा गलत विज्ञापन लोगों को भ्रमित करता है।

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