MP News : फ़िल्मी इस्टाइल से जीजा की मौत : बहन की लव-मैरिज से परिवार में लगा इज्जत पर दाग, पहले गोली मारी फिर गले में सब्बल घोंपा

 
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MP NEWS : मध्यप्रदेश के राजगढ़ में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है। यहां एक युवक को पहले दो गोली मारी फिर गले में सब्बल घोंपकर हत्या कर दी। उसका शव मेन रोड के पास एक घंटे तक पड़ा रहा। घटना से इलाके में सनसनी फैल गई। युवक की बहन का आरोप है कि मेरे भाई ने गांव की ही एक लड़की से लव मैरिज की थी। भाभी के भाइयों ने ही मेरे भाई को बेरहमी से मार डाला। पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है।

राजगढ़ जिले का धानोदा गांव। आबादी करीब 2 हजार। राजपूत बाहुल्य गांव राजस्थान की सीमा पर बसा है। जिला मुख्यालय से दूरी 70 km है। गांव में फसल कटाई चल रही है। आम दिनों की तरह बुधवार 5 अप्रैल को भी यहां किसान रोजमर्रा के काम निपटाने में जुटे थे। शाम के करीब 7.30 बजे होंगे। इसी दौरान एक युवक गांव के ही एक किसान के खेत से ट्रैक्टर-ट्रॉली में लाए गए गेहूं भरकर गांव में दाखिल हुआ।

जैसे ही, किसान के घर पहुंचकर ट्रॉली खाली कराता है, तभी पहले से घात लगाए युवक फायरिंग शुरू कर देते हैं। अचानक हुए हमले से हड़बड़ाया युवक बचने की कोशिश करता है, तभी एक गोली लेफ्ट साइड की कमर में जा लगती है। तुरंत बाद दूसरी गोली लेफ्ट शोल्डर के पास हड्डी में मार दी जाती है। ताबड़तोड़ फायरिंग से गांव में अफरा-तफरी मच जाती है। तीनों हमलावर जमीन पर गिरे युवक पर टूट पड़ते हैं। कोई पत्थर से मार रहा होता है, तो कोई लात-घूंसे। इस बीच हमलावरों में से एक ने सब्बल उठाकर युवक के गले में मार दिया, जो आर पार हो गई। युवक मौके पर ही मौत हो गई।

ऐसे हुई विवाद की शुरुआत

बात 5 साल पहले 2017 की है। धानोदा गांव में भगवान सिंह अपनी बड़ी बेटी नीतू कुंवर, बेटे भरत सिंह और राजपाल के साथ खेती किसानी करते थे। इस बीच, नीतू सिंह का गांव के ही युवक लखन से प्रेम प्रसंग चर्चाएं होने लगीं। दोनों में नजदीकियों के किस्से तो तब से चर्चित थे, जब वे 9वीं कक्षा में पढ़ते थे। लेकिन जब यह बात भगवान सिंह तक पहुंची तो उन्होंने आनन-फानन में बेटी की शादी राजगढ़ के रावतपुरा गांव के युवक राजेंद्र सिंह से कर दी।

मर्जी के खिलाफ हुई शादी से नीतू पहले ही नाखुश थी। ऊपर से पति की शराब की लत ने गृहस्थी की शुरुआत होने से पहले ही रिश्ते को बेपटरी कर दिया। रिश्ते दिन-ब-दिन बिगड़ते चले जा रहे थे। इस बीच इन पांच सालों में एक बेटा और एक बेटी का जन्म भी हुआ। कोरोना काल में पिता भगवान सिंह की मौत के बाद ससुराल वालों के तेवर बदल गए। वे आए दिन किसी न किसी बात पर विवाद करते थे। पति नशे में धुत होकर घर पहुंचता, तो छोटी-छोटी बात पर मारपीट करने लगता। ऐसे ही कुछ महीने बीतते रहे।

आखिरकार जब बात बर्दाश्त से बाहर हो गई, तो नीतू दोनों बच्चों को रावतपुरा गांव छोड़कर मायके धानोदा आ गई। यहां छोटे भाइयों और मां के साथ जिंदगी कटने लगी। इसी बीच, एक दिन उसकी नजर गांव के लखन पर पड़ी। दोनों में फिर से बातचीत शुरू हो गई। गांव में चोरी छिपे होने वाली दोनों की मुलाकातों की खबर नीतू की मां और भाइयों तक जा पहुंच गई। वे गांव से 3 किलोमीटर दूर 10 बीघा खेत में रह रहे लखन के पिता बहादुर सिंह और मां श्याम कुंवर को समझाने जा पहुंचे। यहां समझाइश दी गई। नीतू के भाइयों ने कहा कि अगर लखन उसकी बहन से दूर नहीं रहा, तो दोनों बाप बेटों को ऐसी मौत देंगे कि लोग याद रखेंगे।

इस बीच जुलाई महीने में नीतू और लखन लापता हो गए। नीतू की मां और भाइयों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस उन्हें ढूंढती रही। वे नहीं मिले। आखिरकार एक दिन पुलिस ने दोनों को राजस्थान के झालावाड़ में ढूंढ निकाला। यहां नीतू और लखन ने पुलिस को बताया कि घर से भागने के बाद 8 जुलाई 2022 को शादी कर ली थी। इसके बाद लखन गांव लौट गया। वहां वह पत्नी नीतू और उसके दो बच्चों के साथ अपने पिता, मां और बहन के साथ रहने लगा।

इस बीच, गर्भवती हुई नीतू इस उम्मीद में थी कि बच्चे के जन्म के बाद सब ठीक हो जाएगा। वर्तमान में नीतू को आठ महीने का गर्भ है। जब भाइयों की धमकी ज्यादा आने लगी नीतू ने थाना प्रभारी, एसडीओपी और एसपी को शिकायत कर कर दी।

धमकियों से डर कर लखन के पिता गांव के एक मंदिर में वक्त बिताने लगे। 5 अप्रैल को सुबह नीतू के भाई भरत, राजपाल और बड़े पापा का बेटा उसके घर पहुंचा। बहन से कहा कि आज हम लखन को मौत के घाट उतार देंगे। हालांकि, धमकी को लखन ने गंभीरता से नहीं लिया। वह गांव के ही एक किसान के खेत से अनाज लेने चला गया।

इसके बाद शाम को जब ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर पहुंचा, तो पहले से घात लगाए बैठे नीतू के भाइयों ने ट्रॉली खाली करते वक्त पिस्टल से 6 राउंड फायर किए। लखन को दो गोलियां लगीं। इसके बाद सब्बल मारकर उसकी हत्या कर दी गई। घटना के बाद दबी जुबान में ग्रामीण यह भी कहते सुने गए कि नीतू के भाइयों कहा था कि बहन की डिलिवरी से पहले ही लखन की हत्या कर देंगे।

पोस्टमॉर्टम से पता चला 2 गोलियां भी लगी

पुलिस मानकर चल रही थी कि युवक की मौत सब्बल लगने से हुई है, लेकिन जब पीएम कराया गया, तो बॉडी में 2 गोलियां धंसी मिलीं। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर अमरसिंह धार्वे ने बताया कि मृतक लखन की गर्दन में सब्बल फंसा था। शव के अंदर दो गोलियां फंसी थी। एक लेफ्ट शोल्डर के पास हड्डी में फंसी थी। दूसरी गोली लेफ्ट साइड की कमर से मारी गई थी, जो कमर की राइट साइड कमर की हड्डी में फंसी थी।

माचलपुर थाना प्रभारी जितेंद्र अजनारे ने बताया कि ग्राम धानोदा में विवाद की सूचना मिली तो पुलिस बल के साथ पहुंचा। वहां देखा कि सड़क किनारे लखन राजपूत का शव पड़ा था। लखन की बहन सपना ने बताया कि भाई की हत्या राजपाल राजपूत, लोकेश राजपूत व चाचा प्रेमसिंह राजपूत ने की है। उन्होंने गले में सब्बल और पत्थर मारा। शव का पीएम करवाया।

मामले में राजपाल उर्फ राजू, लोकेश उर्फ सुरेंद्र, प्रेमसिंह पर धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी राजपाल की बहन नीतू कुंवर लखन से प्रेम करती थी। जिसके साथ वह भाग गई थी, जिसके कारण लड़की पक्ष के लोग रंजिश रखे थे।

बहन बोली- भाभी के घरवालों को इज्जत पर दाग लगी शादी

सपना ने बताया कि भाई लखन का गांव की नीतू कुंवर से प्रेम-प्रसंग था। नीतू के परिवार वालों ने 5 साल पहले उसकी शादी दूसरी जगह कर दी थी। पहले वाले पति से परेशान होकर वह पिता के पास ही रह रही थी। इसी दौरान मेरे भाई ने घर से भागकर नीतू से 8 जुलाई को शादी कर ली थी।

कुछ दिन बाद वे घर लौटे थे। भाभी गर्भवती हुई। परिवार खुश था। एक महीने बाद भाई पिता बनने वाला था। भाभी के घर वालों को ये शादी इज्जत पर दाग जैसी लग रही थी। इसी बात से बदला लेने शादी के 9 महीने बाद ही 5 अप्रैल को भाभी के भाइयों ने भाई की हत्या कर दी। सभी आरोपियों को फांसी से कम की सजा नहीं होना चाहिए।

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