Vidisha From West Bengal To Meet Lover : प्रेमी से मिलने पश्चिम बंगाल से विदिशा पहुंची लड़की,इंस्टाग्राम में प्यार होने के बाद शादी करने की ठानी

 
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 रोते हुए बस एक ही बात कहती है। मुझे घर वापस नहीं जाना। मैं उसके साथ ही रहना चाहती हूं।

Vidisha From West Bengal To Meet Lover : पश्चिम बंगाल की रहने वाली 17 साल की‎ लड़की 35 घंटे का सफर तय कर प्रेमी से मिलने विदिशा जिले के गंजबासौदा आ‎ गई। इसकी सूचना चाइल्ड लाइन‎ को मिली, तो उन्होंने उसे समझाने की कोशिश की। हालांकि लड़की प्रेमी से शादी की जिद‎ पकड़े बैठी है। रोते हुए बस एक ही बात कहती है। मुझे घर वापस नहीं जाना। मैं उसके साथ ही रहना चाहती हूं। मैं शादी‎ करके ही यहां से लौटूंगी। जान दे दूंगी, पर बगैर शादी के नहीं‎ जाऊंगी।

टीम ने लड़की के परिजनों को‎ सूचना देकर विदिशा आने को कहा- तो उन्होंने लड़की को ट्रेन में बिठाकर वापस भेजने की बात कही। हालांकि बाल संरक्षण आयोग के आदेश के बाद ही तय होगा कि उसे किस प्रकार से उसके घर पहुंचाना है। उधर, लड़की के बताए अनुसार लड़का भी नाबालिग है।

लड़की की जुबानी प्रेम कहानी...
7 महीने पहले इंस्टाग्राम अकाउंट पर लड़के की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। मैंने उसे सीन तो किया, लेकिन एक्सेप्ट नहीं किया। चार-पांच दिन बाद रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया। हम चैट के जरिए बातचीत करने लगे। उसने बताया कि वह मप्र के विदिशा जिले के एक गांव का रहने वाला है। उसकी भी उम्र उसी के बराबर है। शुरुआत में तो सब नॉर्मल था, लेकिन करीब डेढ़ महीने बाद उसने प्यार का इजहार किया। कुछ दिन सोचने के बाद मैंने हां में जवाब दिया। हमने नंबर भी एक्सचेंज कर लिए। चैट और वीडियो कॉल पर बातें होने लगीं। बातों का सिलसिला सुबह से शुरू होकर रात 11 बजे तक चलता। घर पर मामी के होने के कारण कॉल की जगह हम चैट पर ज्यादा बातें किया करते थे।

एक दिन वह बहुत उदास था। मैंने कारण पूछा तो बोला- अपनी लाइफ से परेशान हो गया हूं। मन करता है सुसाइड कर लूं। मैंने पूछा- ऐसा क्या हो गया। उसने बताया था कि अलसुबह उठकर उसे पूजन के लिए मंदिर जाना होता है। इसके बाद फिर दुकान पर बैठ जाता हूं। शाम को फिर से मंदिर में पूजन के लिए जाना होता है। हम दोनों देर रात तक बात करते थे। इस कारण उसे सुबह 4 बजे उठने में परेशानी होती थी। इसके बाद पूरा दिन वह व्यस्त रहता था।

मैंने उसे कहा- यह ऐसी तो परेशानी नहीं है कि हम सुसाइड के बारे में सोचने लगें। मैंने उसे हिम्मत दी। मैं 12वीं क्लास में हूं। 30 मार्च के पहले एग्जाम खत्म होने वाले थे। इस कारण हमने प्लान किया कि 30 मार्च के बाद हम घर से निकलेंगे और दिल्ली में मिलेंगे। हम दोनों यहां पर शादी कर लेंगे।

मेरे तीन पेपर हो चुके थे, तीन बचे थे। इसी बीच, मैंने दिल्ली निकलने की तैयारी शुरू कर दी। मैंने घर पर रखे सोने-चांदी के जेवर और कुछ नकदी चोरी कर बैग में रख लिए। हमारा प्लान तो 30 मार्च के बाद भागने का था, लेकिन घर में चोरी के बाद मैं डर गई थी। डर था- किसी ने यदि अलमारी चेक कर ली तो चोरी पकड़ी जाएगी।

19 मार्च को रात में हमारी बातें हुईं। हमने तय किया कि कल हम दोनों घर से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। हम पूरे समय फोन पर एक-दूसरे से संपर्क में रहेंगे। प्लान के अनुसार 20‎ मार्च को सुबह हमने बात की। लड़के ने बताया कि उसने दादाजी की पेटी से एक लाख रुपए निकाल लिए हैं। उसने मुझे वीडियो कॉल कर रुपए भी दिखाए। मुझे हावड़ा एक्सप्रेस से दिल्ली पहुंचाना था, जबकि उसने कहा था कि उसकी ट्रेन के पहुंचने के पहले वह दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाएगा। लड़के ने दोपहर 12.30 बजे कॉल कर बताया कि वह घर से रुपए लेकर बाइक से गंजबासौदा के लिए रवाना हो गया है।

यहां से वह ट्रेन पकड़कर दिल्ली रवाना हो जाएगा। मैंने भी अपने कपड़े और डॉक्यूमेंट रख लिए। घर से 3 बजे स्कूल में कुछ काम होने का कहकर निकली और रिक्शे से बस स्टैंड पहुंची। यहां से मैं रेलवे स्टेशन पहुंची। हालांकि लड़का गंजबासौदा पहुंचता, इसके पहले ही उसके बड़े पापा ने उसे पकड़ लिया। बिना काम के बाइक से तेजी से जाने का कारण पूछा तो वह घबरा गया। बैग चेक करने पर रुपए मिले, जिसके बाद उसने सबकुछ बता दिया।

मैं रेलवे स्टेशन पहुंची, तभी लड़के का कॉल आया। उसने कहा- घरवालों को सब पता चल गया है। तुम दिल्ली की जगह गंजबासौदा आ जाओ। मैं स्टेशन पर तुम्हें मिलूंगा। मैंने ट्रेन का पता किया। टीसी से बात कर ट्रेन में सवार हो गई। जब यात्रियों ने मुझसे पूछा-कहां जा रही हो तो मैंने कहा- मामा के घर। इसके बाद उन लोगों ने मेरी हेल्प की। गंजबासौदा आने पर उतरने को भी कहा।

स्टेशन पर उतरी तो एक लड़का आया, उसने कहा- वह उसके प्रेमी के बुआ का लड़का है और लेने आया है। बाहर निकलकर वह मुझे रेस्टोरेंट में ले गया और खाना खिलाया। उसने कॉल किया। कुछ देर बाद लड़के के बड़े पापा, फूफा और अंकल आ गए। उन्होंने कहा- अपना आधार कार्ड दिखाओ। आईडी देखने के बाद वे टेंशन में आ गए, क्योंकि मैं अभी 18 साल की नहीं हुई हूं।

यहां से वे मुझे लेकर एक पुलिसवाले अंकल के घर पहुंचे। बातचीत के बाद उन्होंने कहा- अपने घर पर पूछो कि उन्होंने पुलिस में शिकायत तो नहीं की है। मैंने मां को कॉल किया तो उन्होंने बताया कि हमने केस दर्ज करवा दिया है। मां को पूरी बात बताई तो वे बोलीं- तुम लड़के को लेकर यहां आ जाओ, तुम्हारी शादी करवा देंगे। यदि लड़के के परिवारवाले भी आना चाहें, तो उन्हें भी ले आओ। यहां से वे मुझे लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचे और किसी को कॉल किया। चाइल्ड लाइन वालों के आने के पहले वे स्टेशन से चले गए। इसके बाद मैडम मुझे साथ ले आईं।

बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई होगी

चाइल्ड लाइन की काउंसलर दीपा शर्मा‎ ने बताया कि 20 मार्च को हमें कॉल आया कि पश्चिम बंगाल की रहने वाली लड़की भागकर गंजबासौदा आई है। वह नाबालिग है और रेलवे स्टेशन पर बैठी है। इस पर हम तत्काल रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां लड़की मिल गई। पूछा तो उसने पूरी कहानी बता दी। उसने यह बताया कि लड़के के घरवाले आए थे, वे लोग ही उसे यहां छोड़कर गए हैं।

उसने लड़के को कॉल किया तो उसने कहा-तुम बस में बैठ कर गांव आ जाओ, मैं तुम्हें लेने आ जाऊंगा। हालांकि लड़की ने उसे ही गंजबासौदा आने को कहा। काफी देर तक लड़का नहीं आया। दीपा ने बताया कि लड़की के बताए अनुसार हमने पश्चिम बंगाल पुलिस से बात की। संबंधित थाने से पता चला कि लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है। इसके बाद हमने किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। बाल कल्याण समिति से जो आदेश मिलेगा उसके बाद तय होगा कि बंगाल पुलिस या परिजन बच्ची को लेने विदिशा आएंगे या फिर हमारी टीम उसे पहुंचाएगी।

मां बोली- बेटी को ट्रेन में बिठाकर भेज दो

शर्मा ने बताया कि लड़की के मोबाइल से हमने भी लड़के से बात की तो उसने कहा- वह मेरी रिश्तेदार है। उसे बस में बिठाकर उसके गांव भेज दो। इसके बाद उसने फोन बंद कर लिया। लड़का और उसके परिजनों के बारे में पता कर रहे हैं। वहीं, लड़की की मां से बात की तो उन्होंने कहा- आप बच्ची को विदिशा से ट्रेन में बिठा दो, वह घर आ जाएगी। उधर, लड़की का रो-रोकर बुरा हाल है। वह वापस घर नहीं जाना चाहती है। वह लड़के के साथ शादी करना चाहती है। लड़की के अनुसार उन दोनों की उम्र समान है। ऐसे में लड़का भी नाबालिग है।

बचपन में लड़की को घर से निकाल दिया था
चाइल्ड लाइन की काउंसलर दीपा शर्मा‎ ने बताया कि लड़की चार बहनों में सबसे बड़ी है। उसने बताया कि पिता को बेटा चाहिए था। लड़की होने से वे खुश नहीं थे। वह छोटी थी, तभी पापा की नानी ने उसे घर से निकाल दिया था। इसके बाद वह नाना-नानी के घर रहने चली गई थी। नाना सरकारी नौकरी में हैं। दो मामा हैं, जिनमें से एक की शादी हो गई है। मामी हाउस वाइफ हैं।

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