42000 करोड़ रुपये का कौन है मालिक ? कहीं आपके रिश्तेदारों का तो नहीं बैंकों में पड़ा ये लावारिस पैसा

 
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दिल्ली: बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बीते साल के मुकाबले इस साल अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स की रकम 28 फीसदी तक बढ़ गई है। बैंकों में जमा अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स यानि बिना दावे वाली रकम बढ़कर 42270 करोड़ रुपए पहुंच गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2023 तक बैंकों में बिना दावे वाली रकम बढ़कर 42,270 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो मार्च 2022 तक 32,934 करोड़ रुपये था। बैंकों में जमा इन पैसों का काई दावेदार नहीं है।

42,270 करोड़ की अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स में से सरकारी बैंकों के पास 36185 करोड़ रुपये और प्राइवेट बैंकों में 6087 करोड़ रुपये जमा है। आपको बता दें कि बैंकों में जमा पैसों पर अगर कोई 10 साल या उससे अधिक वर्षों तक कोई दावा नहीं करता है तो बिना दावे वाली रकम मान लिया जाता है। बिना दावे वाली इन राशि को बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डीईए फंड में भेज देते हैं।

वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने इस बारे में राज्यसभा में जानकारी दी और बताया कि मार्च 2021 तक सरकारी बैंकों में जहां 23683 करोड़ रुपए अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स में थे तो वहीं प्राइवेट बैंकों में 4141 करोड़। मार्च 2022 में यह रकम बढ़कर सरकारी बैंकों में 27921 करोड़ रुपये औ निजी बैंकों में 5013 करोड़ हो गए। मार्च 2023 तक इसमें 28 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई। उन्होंने बताया कि आरबीआई ने अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स में कमी लाने के लिए आरबीआई लगातार कदम उठा रही है। सही व्यक्ति की पहचान कर उनका पैसा लौटाया जा सके इसके लिए आरबीआई की ओर से कोशिश जारी है।

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