रीवा ब्लॉक के 3000 कर्मचारी वेतन के लिए तरसे: लोन की किश्तें चूकीं, सिविल स्कोर बिगड़ा – BEO की लापरवाही से मचा हड़कंप!

रीवा। रीवा ब्लॉक के लगभग 3000 कर्मचारियों का वेतन विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) सुश्री आकांक्षा सोनी की लचर कार्यप्रणाली के चलते अटका हुआ है। जानकारी के अनुसार, जब से उन्हें पिछले माह डीडीओ (आहरण संवितरण अधिकारी) का प्रभार सौंपा गया है, उन्होंने मुश्किल से दो या तीन बिलों पर ही हस्ताक्षर किए हैं। इस कारण ब्लॉक के हजारों कर्मचारियों को वेतन के लिए जूझना पड़ रहा है।
कर्मचारियों की बढ़ी परेशानी:
बताया गया है कि बीईओ आकांक्षा सोनी चुनिंदा कर्मचारियों के इशारे पर काम करती हैं, क्योंकि उन्हें वेतन बिल का अनुभव नहीं है। उनके इस कृत्य से पूरे ब्लॉक के कर्मचारी परेशान हैं। कलेक्टर महोदय द्वारा उनकी लापरवाही के कारण उनका वेतन रोका गया था, जिसके कारण उन्होंने पूरे ब्लॉक का वेतन रोक दिया। अधिकांश कर्मचारियों ने बैंक से लोन ले रखा है, जिनकी मासिक किस्त 2 तारीख से 5 तारीख के बीच कटती है। वेतन न मिलने से एक ओर जहां उन्हें पेनल्टी लग रही है, वहीं उनके सिविल स्कोर भी खराब हो रहे हैं। कार्यालय के लिपिक स्वयं परेशान हैं कि मैडम 10−15 मिनट बैठती हैं और उसके बाद चली जाती हैं, क्योंकि उनके मोबाइल में ओटीपी आने पर ही वेतन जनरेट होगा।
कलेक्टर और डीईओ से न्याय की गुहार:
कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल और जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) सुदामा लाल गुप्ता के संज्ञान में यह बात लाकर निवेदन किया है कि रीवा ब्लॉक के सभी कर्मचारियों का तत्काल वेतन भुगतान कराया जाए।
लापरवाही के लिए बीईओ को एससीएन जारी:
परिवीक्षा अवधि में पदस्थ बीईओ रीवा आकांक्षा सोनी की मुश्किलें दिनों-दिन बढ़ रही हैं। जहां विकासखंड के कर्मचारियों के एरियर, महंगाई भत्ते और वेतन भुगतान में लापरवाही के चलते कलेक्टर प्रतिभा पाल ने उनका एवं उनके लिपिक का वेतन रोका था, वहीं वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशानुसार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में लापरवाही के कारण जिला शिक्षा अधिकारी रीवा सुदामा लाल गुप्ता ने भी उन्हें कारण बताओ नोटिस (SCN) जारी किया है।
बड़ा सवाल यह है कि परिवीक्षा अवधि में कार्य की लापरवाही के चलते वेतन रुकना और कारण बताओ नोटिस जारी होने से उनकी परिवीक्षा कैसे पूरी होगी। वरिष्ठ कार्यालय के बिना किसी आदेश के जबरन लगभग 3000 कर्मचारियों का मई माह का वेतन रोके हुए हैं और अभी तक भुगतान की कार्यवाही नहीं की जा रही है। प्रशासन से उक्त रीवा बीईओ के कार्यशैली को संज्ञान में लेने की मांग की गई है।
राज्य कर्मचारी संघ ने खोला मोर्चा, दी चेतावनी:
राज्य कर्मचारी संघ ने बीईओ रीवा की तानाशाही के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और खुली चेतावनी दी है। संघ के अध्यक्ष सुरेश द्विवेदी ने बताया कि सुश्री आकांक्षा सोनी बीईओ रीवा की मानवता उस समय शर्मसार हुई, जब सेवाकाल में ही दो शिक्षिकाओं की असमय मौत हो गई और उनको तत्काल मिलने वाली अनुग्रह राशि (इशग्रेसिया राशि) को देने में हठधर्मिता के साथ विलंब किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीईओ ने अपने आसपास चाटुकारों की एक टोली बनाकर रखी है, जिन्हें लेखा-जोखा का स्वयं कोई अनुभव नहीं है। अपात्र और आयातित लोगों के इशारे पर ऑफिस का काम कराया जा रहा है। जनरेट किए गए बिल वापस लेकर मनमानी की जा रही है और बिल निरीक्षण समिति के कारण भी बिल लटके हुए हैं। सुरेश द्विवेदी ने यह भी बताया कि बीईओ ने खुद का यात्रा देयक नियत दूरी से ज्यादा दिखाकर निकालकर आर्थिक धोखाधड़ी की है।
राज्य कर्मचारी संघ आक्रोशित है कि समय पर कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान नहीं हो रहा है, जिसका खामियाजा बीईओ को भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।