REWA : वाहन चोर गिरोह का पूरा नेटवर्क आया सामने, स्प्रे करके बदल देते थे कलर, पंचसुन्नी मशीन से डालते थे नया इंजन व चेचिस नम्बर

 
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रीवा। पुलिस के हांथ लगे वाहन चोर गिरोह के सदस्यों के खुलासे ने पुलिस को भी हैरान कर दिया है। अभी तक आरोपियों के कब्जे से दर्जन भर से अधिक वाहन पुलिस के हांथ लगे है। बदमाशों की अन्य घटनाओं में भूमिका की पुलिस जांच कर रही है। यह गिरोह काफी समय से शहर के भीतर वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था।

दो बदमाशों को किया था गिरफ्तार
समान पुलिस ने वाहन उड़ाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था जिसमें पुलिस ने दो आरोपी अतुल सोनी उर्फ छोटू सोनी पिता भैयालाल 22 वर्ष निवासी उमरी ब्यौहरा थाना मनगवां हाल मुकाम अनंतपुर थाना विवि व संकल्प द्विवेदी पिता धमेन्द्र द्विवेदी 22 वर्ष निवासी देवरहा थाना रामनगर जिला सतना हाल मुकाम पुलिस लाइन को गिरफ्तार किया था। बदमाशों को न्यायालय में पेश कर पुलिस ने रिमांड लिया तो वाहन चोरी की कई घटनाओं का पर्दाफाश हो गया। आरोपियों के पास से पुलिस ने अभी तक 6 फोरव्हीलर वाहन बरामद किये है जिसमें पांच वाहन उन्होंने समान थाना क्षेत्र से चुराए थे जबकि एक वाहन सिविल लाइन व चोरहटा थाना क्षेत्र से चोरी हुआ पानी का टैंकर बरामद हुआ है। इसके अतिरिक्त आरोपी अतुल सोनी के गोदाम से चोरी की 6 बाइकें बरामद हुई है जिनको वह छिपाकर रखे हुए था और धीरे-धीरे करके उनके पार्ट निकालकर बेंच रहा था। बरामद वाहनों की अनुमानित कीमत 21 लाख रुपए बताई जा रही है।

दो अन्य सहयोगी गिरफ्तार
आरोपियों से सख्ती से पूछताछ करने पर उनके गिरोह के दो अन्य सदस्यों के नाम सामने आए है जिनको पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से घेराबंदी करके पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपियों में रोहित पटेल पिता कौशल 24 वर्ष निवासी न्यू बस स्टैण्ड थाना समान, विपिन मिश्रा पिता संदीप मिश्रा 25 वर्ष निवासी सुरसा थाना रायपुर कर्चुलियान हाल मुकाम तिलक नगर थाना विवि शामल है। इनमें रोहित पटेल ऐसे लड़कों को ढूंढता था जो कमीशन लेकर शहर से वाहन चोरी कर उनको लाकर सौंपे। वहीं दूसरा आरोपी विपिन मिश्रा चोरी गए वाहनों को बिकवाने में मदद करता था। गिरोह के संबंध में सूचना पुलिस ने संभाग के दूसरे जिलों को भी भिजवाई है और वाहन चोरी की घटनाओं में उनकी भूमिका का पता लगाया जा रहा है।

स्प्रे करके बदल देते थे कलर, पंचसुन्नी मशीन से डालते थे नया इंजन व चेचिस नम्बर
यह गिरोह चुराए गए वाहनों को खपाने के लिए भी उनका पूरा स्वरूप बदल देता था। स्प्रे पेंट की मदद से वाहनों को नया कलर दे दिया जाता था। इसके अतिरिक्त उन्होंने पंचसुन्नी मशीन खरीद रखी थी। इस मशीन से वे पुराना इंजन व चेचिस नम्बर मिटाकर उसके स्थान पर नया नम्बर डाल देते थे ताकि फर्जी दस्तावेज तैयार करके वाहनों को बेंचा जा सके। वाहनों का सौदा करने के लिए वे मैदान में उनको छिपाकर रखा करते थे। चेचिस व इंजन नम्बर बदलने पर पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 420, 401 बढ़ाई है।

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