भारत का 24वां सबसे ऊंचा झरना क्योटी जलप्रपात के 95 फीसदी एरिया में बैरिकेडिंग नहीं; हर साल 10 से 15 लोगों की मौत, वजह सेल्फी

 
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REWA NEWS : मध्यप्रदेश का रीवा झरनों वाला जिला है। यहां पूर्वा, क्योटी, चचाई, बहुती, देवलहा और टोंस वाटर फाल (Poorva, Kyoti, Chachai, Bahuti, Devlaha and Tons water falls) सहित एक दर्जन जल प्रपात है। बारिश के मौसम में खूबसूरती देखने एमपी, यूपी, बिहार सहित छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh including MP, UP, Bihar) से लोग खिंचे चले आते है। पर अगर सुरक्षा की बात की जाए तो न के बराबर है। सबसे ज्यादा खतरा क्योटी जलप्रपात (Kyoti waterfall) में है। क्योंकि 95 फीसदी एरिया में बैरिकेडिंग ही नहीं है।

काई व सिहलन के कारण कई लोग फिसलकर गिर जाते है। वहीं उतार के बावजूद वाटर फाल का क्षेत्र खुला होने के कारण हर पल मौत का खतरा मड़राता रहता है। सुरक्षा को लेकर स्थानीय प्रशासन व जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिध और कलेक्टर-एसपी भी गौर नहीं कर रहे है। हालांकि दो तीन वर्षों से बड़े हादसे नहीं हुए। पर रीवा जिले का सबसे बड़ा सुसाइड प्वाइंट (suicide point) जरूर है।

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लोग घर परिवार की कलह का हल आत्महत्या में देखते है। औसतन हर साल 10 से 15 लोग सेल्फी व अलग-अलग हादसों में जान गवां देते है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण सूनसान एरिया है। कई युवक गर्लफ्रेंड के साथ आते है। झाड़ियों में संदिग्ध गतिविधियां करते है। जिसको स्थानीय युवा कैमरे में कैद कर ब्लैकमेल करते है। ऐसे में आए दिन विवाद व भागम-भाग के चक्कर में जान चली जाती है।

इतिहासकारों का कहना है कि रीवा का क्योटी जलप्रपात भारत का 24वां सबसे ऊंचा झरना है। यह झरना रीवा शहर से 40 किलोमीटर व सिरमौर से 10 किमी. की दूरी पर स्थित है। जलप्रपात महाना नदी पर बना है। इसकी ऊंचाई करीब 130 मीटर है। क्योटी जलप्रपात अपनी आकर्षक सुंदरता से ट्रैकर्स और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां यूपी-बिहार के लोग सबसे ज्यादा आते है।

केस-1: 28 जून को हादसे में चार की मौत
UP के प्रयागराज से एक दर्जन युवा दो कार में सवार होकर 28 जून को क्योटी वाटर फाल आ रहे थे। जल प्रपात से 3 KM पहले कार अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में 5 युवा बुरी तरह से जख्मी हो गए। संजय गांधी अस्पताल पहुंचने पर 4 युवा व्यापारियों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। हालांकि बाद में 5वें साथी ने भी दमतोड़ दिया था। मृतकों में पंकज जायसवाल, मनीष जायसवाल, सत्यजीत चटर्जी और शिवम केशरवानी का नाम शामिल है।

केस-2: 22 जून की शाम युवक ने किया सुसाइड
मनगवां क्षेत्र के कांटी निवासी चन्द्रमौल पटेल पुत्र सुदर्शन पटेल 32 वर्ष 22 जून की शाम 4 बजे लापता हो गया था। परिजनों ने क्योटी फॉल में कूदने की शिकायत दर्ज कराई है। कहा था कि 700 फीट गहरे कुंड में चन्द्रमौल पटेल छलांग लगाया है। कुंड के बाहर से बोलेरो की जब्ती होने पर हादसा सही प्रतीत हुआ। दावा है कि युवक अपनी पत्नी से विवाद का छलांग लगा ली थी। तीसरे दिन 68 घंटे बाद एसडीआरएफ ने कड़ी मशक्कत के बाद लाश बरामद की थी।

केस-3: 2 मई को एक साथ दिखी दो लाश
लालगांव चौकी प्रभारी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि 2 मई की शाम 4 बजे क्योटी के ग्रामीणों ने कुंड में दो लाश देखी। गुमशुदगी के आधार पर पुलिस ने रेस्क्यू कराया। ऐसे में 3 मई की दोपहर दोनों के शव बाहर निकाले गए। एक लाश राहुल साकेत 21 वर्ष निवासी क्योटी की है। जबकि दूसरे की पहचान नहीं हो पाई है। लाश सड़ जाने के कारण शिनाख्ती करने में दिक्कत जा रही है। ऐसे में पुलिस ने कफन-दफन करा दिया था। हालांकि काफी दिनों बाद युवक की पहचान हो गई थी। तब शव परिजनों को सौंपा गया था।

केस-4: क्योटी किला घूमकर जा रहे युवक की 19 मार्च को हत्या
19 मार्च को 18 साल का मोहित साहू एक अन्य छात्र के साथ क्योटी किला घूमने गया था। लालगांव चौकी के पास छात्रों के दूसरे गुट ने उस पर हमला कर दिया। साथ ही एक चाकू पेट में घोंप दिया। जिससे कुछ ही घंटे बाद युवक की मौत हो गई। तीसरे दिन हत्या का वीडिया वायरल हुआ। तब पुलिस ने सात आरोपियों में से 6 को पकड़ा है। इनमें से 3 नाबालिग है। कुल मिलाकर आए दिन वारदात होती है। थाने से 30 किलोमीटर व चौकी से 10 किलोमीटर दूरी के कारण आरोपी वारदात कर निकल जाती है।

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