REWA की अवनी चतुर्वेदी जापान में रचेंगी इतिहास : विंध्य की बेटी पूरी दुनिया के सामने भारत का सर करेंगी ऊंचा

 
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REWA NEWS : विंध्य की माटी को वीरों की माटी कहा जाता है। यहां की प्रतिभाओं ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर(national and international level) पर न केवल देश का मान बढ़ाया है बल्कि बुलंद हौसले और मजबूत इरादों से विंध्य (vindhya) का नाम भी ऊंचा किया है। विंध्य की बेटी पूरी दुनिया के सामने आज भारत का सर ऊंचा करेंगी। साथ ही इतिहास के पन्नों में अपना नाम भी दर्ज कराएंगी।

रीवा जिले की अवनि चतुर्वेदी (avni chaturvedi) भारत की पहली लड़ाकू महिला पायलट (female piolet) होने के साथ ही अब एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम करने जा रहीं हैं। वह विदेशी धरती पर युद्धाभ्यास कर लड़ाकू विमान चलाने वाली पहली महिला पायलट होंगी। उनके साथ तीन अन्य महिला पायलट सहयोगी के रूप में साथ रहेंगी। अवनि चतुर्वेदी अपने दल के साथ जापान के लिए रवाना हो गई हैं।

अवनी सतना जिले के कोथिकंचन गांव (Kothikanchan Village) की निवासी है। अब परिवार रीवा में बस गया है। अवनी के पिता दिनकर चतुर्वेदी बाणसागर के गंगाकछार ऑफिस (Gangachar Office) में इंजीनियर हैं। मां सविता चतुर्वेदी गृहिणी हैं।

अवनि चतुर्वेदी बेहद कम उम्र में लड़ाकू विमान की महिला पायलट बनी थी। जापान (japan) में इंडियन एय़रफोर्स (indian airforce) के सुखोई 30 एमकेआई की पायलट अवनी विदेश में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली देश की पहली भारतीय महिला फाइटर पायलट बनेंगीं। अवनि चतुर्वेदी भारत की ओर से जापान की वायुसेना के साथ संयुक्त युद्ध अभ्यास करने जा रही टीम का प्रमुख हिस्सा हैं। यह हवाई अभ्यास तब हो रहा है जब चीन इंडो-पेसिफिक रीजन (China Indo-Pacific Region) में काफी तनाव की स्थिति है।

गौर करने वाली बात है कि भारतीय वायुसेना की महिला अधिकारी अभी तक फ्रांसीसी वायुसेना सहित भारत में विदेशी टुकड़ियों के साथ हमेशा युद्धाभ्यास में भाग लेती रहीं हैं। इससे पहले भारत आई फ्रांसीसी वायुसेना की टीम में दो महिला फाइटर पायलट थीं। अब इस बार पहली बार ऐसा होगा जब भारत की महिला पायलट विदेशी भूमि पर पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेगी।

मिली जानकारी के भारतीय वायुसेना जापान के हयाकुरी एवं सयामा एय़रबेस पर 16 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक वीर गार्जियन 2023 का युद्धाभ्यास करेगी। इसमें भारत की तरफ से तीन फाइटर पायलट में से एक अवनि चतुर्वेदी आधुनिकतम फीचरों से लैसे लड़ाकू विमानों में से एक एसयू-30एमकेआई फाइटर जेट से उड़ान करेंगी। यह जेट विमान भारतीय वायुसेना के सबसे अच्छे और घातक विमानों की अग्रिम पंक्ति में से एक हैं। यह युद्घक विमान स्वदेशी हथियार प्रणालियों से पूरी तरह से सुसज्जित है। सुखोई का यह विमान मल्टिरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। यह जमीन पर हमला करने के साथ ही साथ हवा में लड़ाई करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। यह युद्धक विमान हाई स्पीड और लो स्पीड पर बहुत तेजी के साथ अपनी दिशा बदलने में माहिर है। सुखोई विमान की यही खासियत इसे दूसरों से अलग बनाती है। सुखोई विमान काफी लंबी दूरी के मिशन को अच्छे से अंजाम दे सकता है।

वीर गार्जियन युद्धाभ्यास 2023 में भारत की तरफ से चार सुखोई फाइटर प्लेन, दो ट्रांसपोर्ट विमान सी-17 ग्लोबमास्टर एवं एक आईएल-78 टैंकर विमान हिस्सा लेंगे। जबकि जापानी वायुसेना की तरफ से अभ्यास में चार एफ-2 और चार एफ-15 फाइटर प्लेन हिस्सा लेंगे। इंडियन एयरफोर्स के अनुसार इस युद्धाभ्यास में जटिल वातावरण के साथ ही साथ मल्टी डोमेन एय़र कॉम्बैट मिशन पर भी काम किया जाएगा। इसमें भारतीय औऱ जापानी वायुसेना को एक दूसरे से काफी कुछ सीखने को मिलेगा।

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