झरनों का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो MP के रीवा समेत इन जगहों का उठाइए मजा : जानिए कौन सी है वह जगह?

 
PURWA FALL REWA

आइए, आपको कुछ वाटरफॉल और टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बताते हैं...

वर्षा ऋतु के आते ही जगह जगह झीलों का लुफ्त उठाने का आइडिया हर एक इंसान के दिमाग में आता है तो चलिए आपको आज हम मध्य प्रदेश के उन टॉप वाटरफॉल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर आप जाकर कहेंगे कि इस जगह पर एक बार जरूर जाना चाहिए जी हां दोस्तों आज हम आप लोगों को प्रदेश के जाने-माने वाटरफॉल से रूबरू कराएंगे तो चलिए आपको बताते हैं आखिर कौन-कौन से हैं व्हाट्सएप वाटरफॉल जिन पर आप जाएंगे तो कहेंगे एक बार यहां जरूर जाइए..
आपको बता दें कि प्रदेश में कई ऐसे वाटरफॉल है जिस पर बड़ी संख्या में सैलानी घूमने पहुंचते हैं आपको बता दें कि पंचमढ़ी पातालपानी रीवा का बहुत ही जलप्रपात समेत कई ऐसे बड़े वाटरफॉल हैं जो बारिश आते ही अपने एक अलग ही सुंदर रूप में बदल जाते हैं और सैलानियों का रुख अपनी ओर आकर्षित करते हैं आइए जानते हैं कौन से हैं वह वाटरफॉल..
सतपुड़ा की वादियों में स्थित पचमढ़ी के बी फॉल में सालभर पानी गिरता है, लेकिन बारिश में इसकी खूबसूरती दोगुनी हो जाती है। बी फॉल पचमढ़ी शहर से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में करीब 3 किलोमीटर दूर है। भोपाल से पचमढ़ी की दूरी 204 किलोमीटर और नर्मदापुरम से 130 किलोमीटर है। यहां तक पहुंचने के लिए बस-टैक्सी का सफर करना होगा।
गुना से 40 किमी. दूर महोदरा में स्थित केदारनाथ धाम का झरना पूरे वेग के साथ गिर रहा है। यहां पहुंचने के लिए पहला रास्ता नानाखेड़ी, उमरी, चकदेवपुर होते हुए, दूसरा रास्ता उमरी से टोडरा गांव होते हुए और तीसरा रास्ता एबी रोड पर पाटई, भदौरा से होते हुए सीधे केदारनाथ धाम पहुंचता है। तीनों तरफ से पक्का रास्ता है, केवल 2-3 किमी का रास्ता मुरम का है।
पन्ना से 30 किमी. दूर जिले की पहाड़ीखेड़ा पंचायत के पास 1000 फीट ऊंचा बृहस्पति कुंड झरना है। यहां पहुंचने के लिए पन्ना से पहाड़ीखेड़ा जाना होता है। पहाड़ीखेड़ा से 4 किमी पहले से दक्षिण दिशा में मुख्य मार्ग से 6 किमी दूर है। यहां हीरे की खदानें हैं। यह बुंदेलखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है। यहां सूरज, पार्वती, सूखा, राम के नाम के कई कुंड हैं।
पूर्वा फॉल रीवा शहर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी ऊंचाई लगभग 70 मीटर है। यह फॉल टोंस नदी पर स्थित है, जो रीवा पठार की चट्टान से नीचे बहती है। पूरे क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता के कारण वर्ष भर सैकड़ों पर्यटक और स्थानीय लोग इस क्षेत्र में आते हैं। यह स्थान सबसे अच्छे पिकनिक स्थानों में से एक है। महाकाव्य रामायण में भी इस झरने का वर्णन देखने को मिलता है।
पातालपानी इंदौर शहर से करीब 30 किमी. दूर है। यहां पहुंचने के लिए महू होते हुए कोदरिया गांव से जाना पड़ता है। एक रास्ता महू-मंडलेश्वर रोड से भी जाता है। उसके बाद चोरड़िया पंचायत में यह पिकनिक स्थल आता है। भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने 15 दिन तक इसे सैलानियों के लिए बंद कर दिया है।
रातापानी अभ्यारण्य की बरखेड़ा रेंज में भोपाल से 55 किमी. दूर औबेदुल्लागंज-शाहगंज रोड पर दूध झरना है। यह सड़क से महज 50 मीटर ही दूर है। शाहगंज चौकी से 12 रुपए का टिकट लिया जा सकता है। यह मुख्य सड़क से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। यहां शाहगंज चौकी पर ही वाहन खड़े करने और प्रवेश के लिए टिकट लेने की व्यवस्था की गई है।
यह झरना घने जंगल के बीच आधा किमी. दूर से ही पर्यटकों को आकर्षित करने लगता है। यहां पहुंचते ही 30 फीट ऊंचे और 10 फीट चौड़े दूधिया पानी का गुबार आपको भिगोने लगता है। भदभदा वाटरफॉल औबेदुल्लागंज से 17 किमी. दूर देलाबाड़ी घाट के पास युद्ध बंदी शिविर के सामने स्थित है। यह मुख्य सड़क से करीब 200 मीटर दूर है।
दिगम्बर वाटरफॉल बहुत ही आकर्षित करने वाला है। यह झरना विंध्याचल पर्वत शृंखला के घने जंगलों में स्थित है। ऊंचाई से गिरते झरने का पानी दूधिया नजर आता है। झरना शाहगंज डोबी के पास है, जो नर्मदापुरम से 40 किमी. दूर और भोपाल से 90 किमी. दूर है। सैकड़ों लोग झरने की खूबसूरती को देखने और प्रकृति का आनंद लेने पहुंचते हैं।

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